Friday, April 19, 2024

शिव वर्मा की याद में दिया जाएगा मीडिया अवार्ड, मांगी गयीं 10 अगस्त तक प्रविष्टियां

मीडिया को ज्यादा जनहितकारी बनाने और जन सराकारों के लिए काम कर रहे मीडिया कर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए पीपुल्स मिशन ने विभिन्न पुरस्कारों का एलान किया है। इसे क्रांतिकारी कामरेड शिव वर्मा मीडिया अवार्ड्स नाम दिया गया है। अवार्ड की घोषणा इसी महीने 15 अगस्त को की जाएगी। इसके लिए मीडियाकर्मी दस अगस्त तक नामांकन कर सकते हैं।

शिव वर्मा का जन्म 1904 में हुआ था। वह शहीदे आजम भगत सिंह के सहयोगी थे। ब्रिटिश हुक्मरानों ने उन्हें लाहौर षड़यंत्र केस-2 में ‘काला पानी’ की सजा देकर अंडमान निकोबार द्वीप समूह की सेलुलर जेल में बंद कर दिया था। वो वहां से जीवित बचे आखरी स्वतंत्रता संग्रामी थे। उनका निधन 1997 में हुआ था। इन्हीं महान क्रांतिकारी शिव वर्मा के नाम से पीपुल्स मिशन ने पुरस्कार देने का फैसला किया है।

पीपुल्स मिशन अलाभकारी उद्देश्यों के लिए हाल में स्थापित विशेष कंपनी है। इसकी  विधिक औपचारिकताएं प्रगति पर हैं। इसका कॉरपोरेट मुख्यालय झारखंड की राजधानी रांची में है। इसके प्रस्तावित अध्यक्ष भाषा प्रकाशन (रांची) के उपेंद्र प्रसाद सिंह और प्रबंध निदेशक पत्रकार-लेखक चन्द्र प्रकाश झा हैं। दोनों ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र हैं।

इनके अलावा भी कंपनी ने मीडिया क्षेत्र के कई महत्वपूर्ण नामों को अपने साथ जोड़ा है। इसके निदेशकमंडल में जेएनयू के ही पूर्व छात्र एवं द इकोनोमिक टाइम्स के पूर्व एसोसियेट एडिटर जीवी रमन्ना, हिंदू कॉलेज, दिल्ली के पूर्व प्रोफेसर ईश मिश्र, रांची में बसे चिकित्सक डॉ. राज चन्द्र झा, विशाखापत्तनम की महिला उद्यमी और जेएनयू की पूर्व छात्र रेणु गुप्ता, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की पूर्व शिक्षक विद्या छाबड़ा, प्रसिद्ध पत्रकार रुचिरा गुप्ता, पंजाब बस गए वरिष्ठ पत्रकार एवं कृषि विशेषज्ञ जसपाल सिंह सिद्धू और यूएनआई वर्कर्स यूनियन, दिल्ली के अनेक बार महासचिव रहे मजदूर नेता एमवी शशिधरण (केरल) शामिल हैं।

इन पुरस्कारों के प्रारंभिक चरण में पांच श्रेणी हैं…
1. सोशल मीडिया
2. प्रिंट मीडिया
3. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
4. कार्टून/ग्राफिक्स/प्रेस फोटोग्राफी
5. महिला पत्रकार

यहां बता दें कि महिलाएं बाकी की चार श्रेणियों में भी नामांकन कर सकती हैं।

पुरस्कार के लिए भारत का कोई भी नागरिक वर्ष 2020 के अब तक के काम के आधार पर 10 अगस्त तक नामांकन कर सकते हैं। इसके लिए पीपुल्स मिशन के रांची कार्यालय के डाक के पते पर पत्र भेज सकते हैं। इसके अलावा उसके व्हाट्सऐप फोन नंबर पर फोन कर, ई-मेल आईडी पर, उसके फेसबुक पेज पर या फिर उसकी घोषित ज्यूरी के किसी भी मेंबर के जरिए आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन के लिए इन सभी पांच श्रेणियों के लिए अधिकतम एक-एक नॉमिनेशन किया जा सकता है। नामांकन के लिए पूरा नाम, आयु, संपर्क का पता, मेल आईडी और मोबाइल या लैंडलाइन नंबर देना अनिवार्य है। नामांकन के आधार के रूप में कुछ पंक्तियां भी अपेक्षित हैं। जिनके नॉमिनेशन किए गए हैं उनकी सहमति प्राप्त होने के बाद ही पीपुल्स मिशन कार्यालय अंतिम निर्णय के लिए ज्यूरी को भेजेगा।

अवार्ड की घोषणा 15 अगस्त 2020 को की जाएगी। अवार्ड वितरण समारोह बाद में दिल्ली में होगा। कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा लागू लॉकडाउन ख़त्म या कम हो जाएगा, इसके बाद पुरस्कार समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसकी सूचना दी जाएगी।

पुरस्कार के रूप में भगत सिंह की एक-एक  प्रतिमा, शाल, कलम और प्रतीक राशि स्वरूप 10-10 हज़ार रुपये दिए जाएंगे।

पुरस्कारों के निर्णय के लिए गठित ज्यूरी के अध्यक्ष माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविदयालय (मध्य प्रदेश) के उपकुलपति रह चुके अग्रणी पत्रकार, लेखक एवं विचारक रामशरण जोशी हैं।

ज्यूरी में शामिल होने के लिए जिन मीडिया ऑर्गन के संपादकों और अन्य ने अब तक सहमति दी है, उनमें मीडिया दरबार के संपादक सुरेन्द्र ग्रोवर, हार्ड न्यूज के संपादक एवं जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष अमित सेनगुप्ता, मीडिया विजिल के संपादक पंकज श्रीवास्तव, जनचौक के संपादक महेंद्र मिश्र, जन मीडिया के संपादक अनिल चमड़िया,  सत्य हिंदी डॉट कॉम के शीतल पी सिंह, शहरनामा (लखनऊ) के सैय्यद हुसैन अफ़सर, मजदूर बिगुल के सत्यम वर्मा, कोलकाता विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ जगदीश्वर प्रसाद चतुर्वेदी, सांची प्रकाशन के विनोद विप्लव, जन ज्वार के पीयूष पंत शामिल हैं।

पीपुल्स मिशन के अध्यक्ष उपेन्द्र प्रसाद सिंह  ज्यूरी के पदेन उपाध्यक्ष होंगे। श्री ग्रोवर, ज्यूरी के बाहरी उपाध्यक्ष के रूप में श्री जोशी के काम में हाथ बटाएंगे।

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