Thursday, March 28, 2024

freedom

विराटता की उद्दंडता के विरुद्ध मनुष्य की लघुता की सहकारी ‎और समवायी ‎विनम्रता की स्वतंत्रता का उपकरण है लोकतंत्र

विचारधारा का सवाल सभ्यता पर विचार करने वाले के मन में कभी-न-कभी जरूर उठता है। यह मानने में कठिनाई हो सकती है कि विचारधारा का अपना अस्तित्व होता है और उसे व्यक्ति की निरपेक्षता में रहकर समझा जा सकता...

अहम सवाल है कि महिलाओं को निर्णय लेने की आजादी है या नहीं: रूपरेखा वर्मा

लखनऊ। महिला दिवस के अवसर पर गोमती नगर विस्तार सेक्टर 5 के RWA  महिला ग्रुप द्वारा आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं की मुक्ति के ऐतिहासिक संघर्ष पर लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. रूपरेखा वर्मा ने अपनी बात रखते हुए...

तर्कसंगत होने की स्वतंत्रता और विचार लोकतंत्र के कायम और जारी रहने को सुनिश्चित करता है

जीवन में आस्था और विश्वास का अपना महत्व है। आस्था और विश्वास मन को शांत और समृद्ध कर सकते हैं, इन से मनःस्थिति तो बदल सकती है, वस्तु-स्थिति नहीं बदल सकती है। धार्मिक भावनाओं का संबंध मनःस्थिति से होता...

ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तराखंड के मेगड़ी स्टेट की लड़कियों को कब मिलेगी पितृसत्तात्मक समाज की बेड़ियों से आजादी?

मेगड़ी स्टेट, उत्तराखंड। कभी कभी हमारे देश में देखकर लगता है कि देश तो आजाद हो गया है, जहां सभी के लिए अपनी पसंद से जीने और रहने की आज़ादी है। लेकिन महिलाओं और किशोरियों खासकर जो ग्रामीण क्षेत्रों...

दुर्गा भाभी भी आजादी के इतिहास को युवाओं के बीच ले जाने के लिए थीं बेहद फिक्रमंद

(शहीद-ए-आजम भगत सिंह की अभिन्न सहयोगी और स्वतंत्रता सेनानी दुर्गा भाभी का अभी कुछ दिनों पहले जन्मदिन था। उस मौके पर तो जनचौक कुछ विशेष नहीं कर सका। लेकिन इस बीच उनका स्वतंत्रता सेनानी सीताराम भास्कर भागवत के पुत्र...

आज का दौर न राजा-रानियों का है न फासिस्टों का, यह बोलने के साहस का दौर है

फैज अहमद फैज पर उनके देश में देशद्रोह का मुकदमा चल रहा था। जेल शहर से बाहर था। उनकी कोर्ट में पेशी थी। कोर्ट शहर में था। उन्हें कोर्ट में पेशी के लिए लाने वाली गाड़ी खराब हो गई।...

स्वतंत्रता दिवस विशेष-2: खतरे में है आज़ादी, लोकतंत्र और संविधान?

इतिहास की इस सांप्रदायिक व्याख्या को उन हिंदुओं और मुसलमानों ने स्वीकार कर लिया जिनका दृष्टिकोण सांप्रदायिक था और जो यह मानते थे कि हिंदू और मुसलमान दो अलग राष्ट्र हैं और वे कभी एक साथ नहीं रह सकते।...

स्वतंत्रता दिवस विशेष: आज़ादी के अमृत काल में सही साबित हो रही है चर्चिल की भविष्यवाणी

भारत को आजादी हासिल होने से पहले ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री रहे विंस्टन चर्चिल का मानना था कि भारतीयों में शासन करने की योग्यता नहीं है, इसलिए अगर भारत को स्वतंत्र कर दिया गया तो...

स्वतंत्रता दिवस विशेष-1: खतरे में है आज़ादी, लोकतंत्र और संविधान?

लगभग दो सौ साल के लंबे उपनिवेश-विरोधी संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को आज़ादी हासिल हुई। लेकिन इस आज़ादी की भारी कीमत भी चुकानी पड़ी। देश का धर्म के आधार पर विभाजन हुआ। लाखों-लाख लोग विस्थापित...

पी. चिदम्बरम का लेख: धीमे-धीमे हड़पी जा रही है स्वतंत्रता

तमिलनाडु में रामनाथपुरम नाम का जिला था। अब इसे विभाजित करके तीन जिले बना दिये गये हैं: रामनाथपुरम, शिवगंगई और विरुधुनगर। रामनाथपुरम में बहुत सारे जलाशय थे। प्राकृतिक झीलें, मानव निर्मित पोखरे, सिंचाई वाले पोखरे (तमिल में कन्मोई), पीने...

Latest News

अमर्त्य सेन लेखकों-पत्रकारों को लंबे समय तक कैद में रखने का किया विरोध

नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन सहित देश-विदेश के कई प्रसिद्ध शिक्षाविदों ने भारत में “बड़ी संख्या में...