Friday, March 29, 2024

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गीत और संगीत का अमर हमसफर यानी इंदीवर

‘‘चंदन सा बदन चंचल चितवन’’, ‘‘फूल तुम्हें भेजा है ख़त में’’, ‘‘कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे’’, ‘‘चांद को क्या मालूम चाहता है’’, ‘‘ओह रे ताल मिले नदी के जल में’’, ‘‘नदिया चले, चले रे धारा’’, ‘‘है प्रीत जहाँ...

ग़रीबों-वंचितों के गीत से धार्मिक भावना आहत!

पंजाबी गीत`मेरा की कसूर` से परेशानी की वजह क्या है? यही न कि यह गीत गरीबों के साथ अन्याय, मेहनत की लूट, जात-पात और छुआछूत की शर्मनाक कारगुज़ारियों पर सीधे सवाल खड़ा करता है? गीत में गाय के मूत्र...

जन्मदिन पर विशेष: “दुःख की बदली महादेवी का पाथेय”

छायावाद स्व के अस्तित्व को समझने के लिए अन्तर्मन के गहरे पानी पैठने का युग है। इस दौर के चारों स्तम्भों- प्रसाद, पन्त, निराला और महादेवी वर्मा ने स्व-अन्वेषण के निष्कर्षों की अभिव्यक्ति गद्य एवं पद्य दोनों रूपों में...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...