Wednesday, April 24, 2024

ideology

नीतीश: राजनीतिक पतन की नई परिभाषा

सिद्धांत, मूल्य, विचारधारा आदि सरीखे शब्द सब बेमानी जैसे हो गए हैं। नीतीश का पल्टीमार ही मौजूदा राजनीति का सच है। राजनीति के इस नाबदान में नीतीश के साथ बीजेपी भी उतनी ही नख से सिख तक डूबी है।...

वर्ण व्यवस्था और ब्राह्मणवादी वैचारिकी को चुनौती: जोतीराव फुले, डॉ. आंबेडकर और राहुल सांकृत्यायन

(स्वतंत्रता, समता और भाईचारे पर आधारित आधुनिक भारत का सपना देखने वाले तीन महापुरुषों के जन्मदिन का समय है। 9 अप्रैल 1893 राहुल सांकृत्यायन, 11 अप्रैल 1827 जोतीराव फुले और 14 अप्रैल 1891 भीमराव आंबेडकर। इन तीनों महापुरुषों के...

‘अनहद’ का गांधी विशेषांक: सत्ता के नैतिक विमर्श में गांधी हमेशा बने रहेंगे

गांधी पर ‘अनहद’ का विशालकाय (650 पृष्ठों का) अंक एक सुखद आश्चर्य की तरह आया है; गांधी के हत्यारों के प्रभुत्व-काल में ही गांधी के पुनरोदय के संकेत की तरह के सुखद आश्चर्य की तरह। दरअसल गांधी का व्यक्तित्व अपनी...

क्या कोरा मतिभ्रम का शिकार है आरएसएस?

कल की पुण्य प्रसून वाजपेयी की वार्ता का विषय दिलचस्प था-संघ का मोदी-विहीन एनडीए ! जो संघ एकचालिकानुवर्तित्व के केंद्रीय कमांड के अपने सिद्धांत पर खुद टिका हुआ है और उसे पूरे देश के संचालन का आदर्श सिद्धांत मानता है,...

बापू के पास है घायल लोकतंत्र की औषधि

बड़ी संख्या में लोग मानने लगे हैं कि भारतीय लोकतंत्र एक संकट के दौर से गुज़र रहा है। लोकतान्त्रिक संस्थाओं की कार्य शैलियाँ बदल रही हैं, कार्यकारिणी और न्यायपालिका के काम-काज में अनावश्यक हस्तक्षेप हो रहा है और शैक्षणिक...

क्षेत्रीय दलों पर हमला कर राहुल गांधी ने बीजेपी को मजबूत किया है!

राहुल गांधी लड़ना बीजेपी से चाहते हैं लेकिन लड़ते हुए दिख रहे हैं क्षेत्रीय दलों से। उदयपुर के नव चिन्तन शिविर के बाद राहुल गांधी ने राजनीतिक लड़ाई में कांग्रेस ही नहीं, संभावित सहयोगियों को भी उलझन में डाल...

गांधी बनाम संघ के वैचारिक टकराव के कारण सर्वोदय सम्मेलन स्थगित

देश के सबसे बड़ी गांधीवादी संस्था अखिल भारतीय सर्व सेवा संघ का इस सप्ताह होने वाला अधिवेशन और सर्वोदय समाज सम्मेलन जिन कारणों से स्थगित हुआ है वह अपने आपमें गांधीवादियों के लिए विचारणीय है। यह अधिवेशन और सम्मेलन हर...

दूसरे दलों से आए अवसरवादी नेताओं की शरणस्थली बन गई है भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना को 42 साल पूरे हो चुके हैं। 6 अप्रैल 1980 को तत्कालीन जनता पार्टी से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी के नाम से अस्तित्व में आई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की यह राजनीतिक...

शहादत दिवस पर विशेष: भगत सिंह के दर्शन को समझने की जरूरत

भगत सिंह को शहीद, महान शहीद और शहीदे आजम का ताज पहना कर हमने भगत सिंह की मौलिकता, उनके चिंतन और दर्शन को मृत मान लिया है। क्योंकि शहीद में कोई नवीनता नहीं होती। वह एक आदर्श के लिए...

शख्सियत: गांधी के विचार, विनोबा का सानिध्य और जयप्रकाश का साथ पाए अमरनाथ भाई की दास्तान

सार- -अमरनाथ भाई कहते हैं कि गांधी के विचार, विनोबा का सानिध्य और जयप्रकाश नारायण के साथ रह कर उनका जीवन धन्य हुआ।-वर्तमान परिस्थितियों से अमरनाथ भाई खिन्न हैं, वह कहते हैं आज़ादी तक तो भारतीय जनता ने संघर्ष किया...

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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...