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संस्कृति-समाज
‘दलित साहित्य’ ही कहना क्यों जरूरी?
बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में दलित समाज की वेदना और उत्पीड़न को दलित साहित्य के माध्यम से दुनिया के समक्ष लाने का महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। पिछली सदी के सातवें दशक में ‘दलित साहित्य’ का हिंदी पट्टी में शुरुआती...
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हाथरस कांडः ऐपवा का प्रदेश भर में प्रदर्शन, कहा- यूपी पुलिस पर हो लीगल एक्शन
Janchowk -
हाथरस की घटना को लेकर महिला संगठनों का गुस्सा और विरोध सड़कों पर अब भी जारी है। आज शुक्रवार को ऐपवा ने यूपी के तमाम जिलों में प्रदर्शन किया। संगठन ने महिलाओं के साथ बर्बर यौन हिंसा और हत्या...
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दिल्ली विश्वविद्यालय में ऑनलाइन एग्जाम की घोषणा मनुवादी फरमान
कोरोना की आड़ में दुनियाभर का सत्ता वर्ग कमज़ोर तबकों के बचे-खुचे अधिकार भी छीनने में जुटा हुआ है। भारत में भी साधारण ग़रीब तबकों को हाशिए पर धकेलने के इंतज़ाम साफ़ दिखाई दे रहे हैं। पहले ही अमीरों...
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भारती इंटरप्राइजेज से बीजेपी को चंदा मिलने के बाद मोदी सरकार ने बदल दी टेलीकॉम पालिसी!
नई दिल्ली। 2012 में जब सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा आवंटित किए गए 122 टेलीकॉम...
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