Friday, March 29, 2024

oxygen

तो क्या वे मौतें ‘नजरों का धोखा’ थीं?

मरो भूख से, फौरन आ धमकेगा थानेदार/लिखवा लेगा घरवालों से-’वह तो था बीमार’/अगर भूख की बातों से तुम कर न सके इंकार/फिर तो खायेंगे घर वाले हाकिम की फटकार/ले भागेगी जीप लाश को सात समुन्दर पार/अंग-अंग की चीर-फाड़ होगी...

ऑक्सीजन की कमी से मरे नागरिकों को पेड़ लगाने की नसीहत

अप्रैल-मई 2021 कोरोना की दूसरी लहर में देश के नागरिकों को ऑक्सीजन की कमी से लोगों को तड़पा तड़पाकर मारने वाली सरकार के पर्यावरण मंत्री रहे प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हम जितने पेड़ लगाएं उतना ही बेहतर है।...

चंद्रमा पर ऑक्सीजन का अक्षय भंडार !

इसी साल अक्टूबर 2021के महीने में ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी और सुप्रतिष्ठित अंतरिक्ष एजेंसी नासा के बीच आर्टेमिस कार्यक्रम के अंतर्गत एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है,जिसका उद्देश्य है कि ऑस्ट्रेलिया के जॉन ग्रांट सदर्न क्रास यूनिवर्सिटी, लिस्मोर के अंतरिक्ष...

तन्मय के तीर

देश अंधकार के कितने गहरे कुएं में चला गया है उसकी ताजा नजीर इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज की वह टिप्पणी है जिसमें मी लॉर्ड ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की है। और फिर इस...

वडगाम: कोरोना लहर से निपटने की तैयारी के क्रम में निर्दलीय विधायक मेवानी ने स्थापित किया ऑक्सीजन प्लांट

वडगाम। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए वडगाम विधायक जिग्नेश मेवानी ने अपने क्षेत्र के लोगों के लिए विधायकी फंड से अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर वाला ऑक्सीजन प्लांट लगाया है। यह प्लांट प्रतिदिन 800 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडरों को  भरने में...

त्रासदी यह है कि हम कोरोना मौतों का संज्ञान भी नहीं लेना चाहते: मनोज झा

संसद के भीतर आक्सीजन की कमी से एक भी कोरोना मरीज की मौत न होने का सरकार का बयान सुनकर पूरा देश सन्न है। यह सुनकर लोगों के जेहन में गुजरे दो महीनों के भयावह दौर की न केवल...

मखौल बनाना काफी नहीं, झूठ के सांड़ को सींग से पकड़ना होगा

"ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुयी।" सरकार ने संसद में सीना तानकर बोला। "पेगासस से जासूसी !! हमे नहीं पता कब, किसने, क्यों और किसकी कराई।" हर बड़कू और छुटकू यही जवाब दिए पड़ा है। इस...

आक्सीजन की कमी से देश में एक भी मौत नहीं: केंद्र सरकार

नई दिल्ली। संसद में आज सरकार ने कहा कि आक्सीजन की कमी से देश में एक भी कोविड मरीज की मौत नहीं हुई है। इसके साथ ही उसका आंकड़ों के बारे में कहना था कि उसने वही आंकड़े मुहैया...

मुझे सरकार से धोखा मिला: आज अखबार के दिवंगत मालिक की पत्नी अंजली

वाराणसी। जिस सरकार को हम-आप विकल्प के तौर पर चुनते हैं वो सरकार हमारे सारे विकल्पों पर विकल्पहीन क्यों हो जाती है? कोरोना काल लोगों के लिए कष्टकाल बन गया है। जान लेवा कोरोना से कहीं ज्यादा जानलेवा ये...

क्या स्वास्थ्य हमारे लिए अब भी प्राथमिकता नहीं है?

लेख- शैलेशयह महामारी भारत में एक मानव-निर्मित तबाही का रूप ले चुकी है। यों तो इस महामारी ने पूरे तंत्र को बेनकाब किया है, लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था की तो इसने कलई ही खोल कर रख दिया है। पहले से...

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बहुसंख्यकवादी नैरेटिव को टेका लगाती फिल्में: स्वातंत्र्यवीर सावरकर

फिल्म जनसंचार का एक शक्तिशाली माध्यम है जो सामाजिक समझ को कई तरह से प्रभावित करता है। कई दशकों...