Friday, April 19, 2024

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पीएम के संसदीय क्षेत्र में रेलवे कर्मचारियों ने एनपीएस व निजीकरण के खिलाफ निकाला मशाल जुलूस

वाराणसी। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने के साथ ही मशाल जुलूस निकाला। इसके साथ ही उन्होंने रेलवे के निजीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद...

झारखंड के तमाम संगठन भी होंगे मजदूरों की हड़ताल में शामिल

रांची। मजदूर संगठन समिति ने एक पर्चा जारी कर देशभर में 28-29 मार्च को मजदूरों के दो दिवसीय हड़ताल को समर्थन देने का आह्वान किया है। पर्चे में कहा गया है कि भारत सरकार ने वर्ष 1990 में बहुराष्ट्रीय...

निजीकरण के विरोध में 10 लाख बैंककर्मी दो दिवसीय हड़ताल पर; कांग्रेस, वाम दलों और डीएमके ने किया समर्थन

सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण और प्रस्तावित बैंकिंग क़ानून संशोधन विधेयक के विरोध में अलग-अलग सरकारी बैंकों के क़रीब 10 लाख कर्मचारी आज से दो दिवसीय (16,17 दिसंबर) हड़ताल पर हैं। देश के सभी राज्यों व केंद्र...

आयुध कारखानों के निगमीकरण के खिलाफ प्रदर्शन

भारत सरकार द्वारा नागरिक रक्षा उत्पादन का निगमीकरण के रास्ते आयुध कारखानों का निजीकरण करने और इसका विरोध कर रहे कामगारों का दमन करने के लिए आवश्यक प्रतिरक्षा सेवा अध्यादेश (इडीएसओ) लागू किए जाने के खिलाफ 23 जुलाई को...

हर लिहाज से गलत है सार्वजनिक संपत्तियों को बेचने का सरकार का फैसला

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कई परिसंपत्तियों का निजीकरण करने का, सिवा व्यय के लिए स्रोत जुटाने के, और कोई कारण नहीं बताया है। हमें ऐसी वित्तीय रणनीति को समझना होगा। कोई भी अपनी खपत में कमी करके सार्वजनिक क्षेत्र...

अद्भुत है ‘टाइम’ में जीते-जी मनमाफ़िक छवि का सृजन!

भगवा कुलभूषण अब बहुत ख़ुश हैं, पुलकित हैं, आह्लादित हैं, भाव-विभोर हैं क्योंकि टाइम मैगज़ीन ने चौथी बार उन्हें विश्व के सौ प्रभावशाली लोगों में शामिल किया है। उनके लिए इससे भी ज़्यादा सन्तोष की बात तो ये है...

बिकने के लिए तैयार हैं 23 सरकारी कंपनियां, सीतारमन ने कहा-नाम का खुलासा बाद में

निजीकरण का स्कूली नाम विनिवेश है। विनिवेश बेचने जैसा ग़ैर ज़िम्मेदार शब्द नहीं है। ख़ुद को काम करने वाली सरकार कहती है कि वह 23 सरकारी कंपनियों को बेचना चाहती है ताकि उनका उत्पादन बढ़ सके। वित्त मंत्री निर्मला...

जनता की जेब पर डाके का खुला ऐलान है बैंकों और बीमा कंपनियों का निजीकरण

19 जुलाई 1969 को बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था और उसके ठीक पचास साल बाद आज 21 जुलाई 2020 को यह खबर आयी कि सरकार छः पब्लिक सेक्टर बैंकों को पुनः निजी क्षेत्रों में सौंपने जा रही है।...

कोयला खदान निजीकरण: मोदी सरकार बनाम हेमंत सरकार

देश की सर्वोच्च सरकारी कंपनियों और धरोहरों के निजीकरण के बाद अब मध्य भारत की कोयला खदानें मोदी सरकार के निशाने पर हैं। मोदी सरकार ने नीलामी के लिए कोयला खदानों को सूचीबद्ध भी कर लिया है। इस सूची में ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, मध्य...

कॉरपोरेट लूट की वेदी पर अब भारतीय रेलवे के बलि की तैयारी

इंडियन रेलवे जिसे 'आम भारतीय जनमानस की जीवन रेखा' कहा जाता रहा है, अब इसके जीवन की बागडोर कॉरपोरेट के हाथों होगी। और भारतीय रेलवे की धड़कनें पूँजीवादी शोषकों के इशारों पर निर्देशित होंगी। ऐसा नहीं कि अचानक से भारतीय...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।