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संस्कृति-समाज
साहिर की स्मृति दिवस पर विशेष: ‘आओ कि कोई ख़्वाब बुनें, कल के वास्ते’
साहिर लुधियानवी का शुरुआती दौर, देश की आज़ादी के संघर्षों का दौर था। लेखक, कलाकार और संस्कृतिकर्मी अपनी रचनाओं एवं कला के ज़रिए आज़ादी की अलख़ जगाए हुए थे। गोया कि साहिर भी अपनी शायरी से यही काम कर...
संस्कृति-समाज
स्मृति दिवस पर विशेष: दिनेश ठाकुर, थिएटर जिनकी सांसों में बसता था
हिन्दी रंगमंच की दुनिया में दिनेश ठाकुर की पहचान रंगकर्मी, अभिनेता और नाट्य ग्रुप ‘अंक’ के संस्थापक और निर्देशक के तौर पर है। ‘अंक’ का सफ़र साल 1976 में शुरू हुआ, जो उनके इस दुनिया से जाने के बाद...
ज़रूरी ख़बर
कांग्रेस की आक्रामक रणनीति और मजबूत होमवर्क से भाजपा आरएसएस बैकफुट पर
Janchowk -
भाजपा के मोदी-शाह युग यानि पिछले 7-8 सालों में कांग्रेस पार्टी को इतना आक्रामक कभी नहीं देखा गया, किसी चुनाव में भी नहीं। नेता के स्तर पर राहुल गांधी अकेले ही भले ही कभी कभार आक्रामक दिखे हों लेकिन...
बीच बहस
संसद में मर्यादा और माफी
अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में राष्ट्रपत्नी शब्द चाहे सायास कहा हो या अनायास, आपत्तिजनक था। विवाद होना था। विवाद हुआ। उन्होंने इसे, अपने गैर हिंदी भाषी होने के कारण हुई चूक बताई और माफी मांग ली। भाषाई मर्यादा,...
संस्कृति-समाज
स्मृति दिवस पर विशेष: भुलाई नहीं जा सकती हैं निरंजन सेन की कु़र्बानियां
निरंजन सेन का इप्टा में एक अलग ही मुक़ाम है। उन्होंने इप्टा को संगठित और उसे खड़ा करने में अपनी पूरी ज़िंदगी कु़र्बान कर दी। वे लंबे समय तक इप्टा के महासचिव पद पर रहे। इस दरमियान संगठन का...
बीच बहस
संसद में मुद्दा न उठे इसलिए जरूरी है कि हंगामा जारी रहे
इसे कहते हैं, बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभानअल्ला! कुछ ऐसा जताते हुए कि जैसे संसद के मानसून सत्र में विपक्ष द्वारा किया जा रहा हंगामा काफी न हो, गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी यानी सत्ता पक्ष...
बीच बहस
गांधी स्मृति श्रृंखला (भाग-1): “भारत में मैं मुस्लिम परस्त हूं तो पाकिस्तान में हिन्दू परस्त”
(राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म का 150वां साल चल रहा है। इस मौके पर
गांधी की शिक्षा, विचार, सिद्धांतों और उनके रहन-सहन के तरीकों को लेकर देश में
जिस तरह से विचार-विमर्श और आयोजन होने चाहिए थे। गोष्ठियों, सेमिनारों और
कन्वेंशनों का...
Latest News
आरएसएस-भाजपा सरकार ने भारत को बना दिया लेबर चौराहा!
धन-धान्य व उपजाऊ भूमि से भरपूर, अपार खनिज संपदाओं से युक्त और सबसे बढ़कर 70 करोड़ से अधिक की...
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