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ग्राउंड रिपोर्ट: रीति रिवाजों के नाम पर लैंगिक भेदभाव से मुक्त नहीं हुआ समाज
Janchowk -
हमारे समाज में अक्सर ऐसे कई रीति रिवाज देखने को मिलते हैं जिससे लैंगिक भेदभाव स्पष्ट रूप से नज़र आता है। लड़का और लड़की के जन्म से लेकर उसके शादी-ब्याह, दहेज और संपत्ति के अधिकार तक के मामले में यह...
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ग्राउंड रिपोर्ट: परिवार और समाज की इज्जत का बोझ आखिर लड़कियां ही क्यों उठाएं?
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रौलियाना गांव, उत्तराखंड। समाज में औरतों को हमेशा से ही बंधनों में बांधकर रखा गया है। जिससे कि अगर उसके साथ किसी भी प्रकार की कोई हिंसा होती है तो वह अपने लिए न्याय के लिए लड़ने से भी...
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लड़कियों को पढ़ाने के लिए समाज गंभीर क्यों नहीं है?
Janchowk -
पुंछ, जम्मू। वर्षों बीत जाते हैं यह सुनते सुनते की किशोरियों और महिलाओं पर आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। दुनिया में इतनी तरक्की हो रही है जिसमें महिलाओं एवं किशोरियों का विशेष योगदान रहा है। फिर भी आज 21वीं...
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ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तराखंड के गनीगांव में बहू और बेटी में फर्क करता समाज
Janchowk -
गनीगांव, उत्तराखंड। भारतीय समाज जटिलताओं से भरा हुआ है। जहां रीति और रिवाज के नाम पर कई प्रकार की कुरीतियां भी शामिल हो गई हैं। इसका सबसे अधिक खामियाज़ा महिलाओं को भुगतनी पड़ती है। पितृसत्तात्मक समाज में लड़का और...
बीच बहस
पतन के अपने चरम पर पहुंच गयी है हिंदी पट्टी
एक स्वस्थ समाज या देश के लिए चार तत्व ज़रूरी हैं: “ बुद्धिमत्ता, साहस, अनुशासन और न्याय”। (प्लेटो:रिपब्लिक )
आज भारतीय समाज, विशेषतः उत्तर भारतीय बहुसंख्यक समाज, चरम विरोधाभास, विद्रूपता, मध्ययुगीनता, पाखण्ड जैसी प्रवृत्तियों की गहरी गिरफ़्त में है; एक तरफ हाई-टेक...
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मोदी जी के गुजरात में दलितों के लिए चश्मा पहनना और डीजे बजाना गुनाह
Janchowk -
मूंछों पर ताव, घोड़े की सवारी या फिर डीजे संगीत बजाना - कुछ भी जातीय संघर्ष को जन्म दे सकता है। यह सब कुछ एक प्रदेश गुजरात के लिए आम बात है। देश में मॉडल के तौर पर बेचे...
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मणिपुर पर सिविल सोसाइटी ने कहा- पीएम मोदी चुप्पी तोड़ें और विभाजनकारी राजनीति से बाज आए बीजेपी
Janchowk -
देश के नागरिक संगठनों और एक्टिविस्टों ने मई, 2023 की शुरुआत से मणिपुर में मेइती समुदाय तथा आदिवासी कुकी और जो समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की। इस समूह ने एक बयान...
बीच बहस
भारतीय समाज में अवैज्ञानिक परंपरा का साइकोपैथ अवशेष
उच्चतर डिग्री हासिल करके पढ़ा-लिखा होना इस बात का सुबूत नहीं बन जाता कि हम जागरूक भी हैं। जागरूकता तो उस थॉट प्रोसेस से होकर किसी तार्किक निष्कर्ष पर पहुंच पाने से हासिल होती है। पढ़ाई-लिखाई इसमें सहायक हो...
बीच बहस
कौन चाहता है टीचर बनना!
सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्य इस कदर बदलते जा रहे हैं कि कभी देवता और गुरु जी कह कर पूजे जाने वाले शिक्षक खिसकते-खिसकते अब सामाजिक जीवन के हाशिये पर चले गए हैं। आदरणीय गुरु जी तेजी से मास्साब में...
बीच बहस
डिप्रेशन में देश: समझ कम, इलाज नाकाफी
यह एक विडम्बना है कि जिस देश की जड़ें तथाकथित आध्यात्मिकता में रहीं हैं, उसके धर्म और आध्यात्मिक ज्ञान उसे नैराश्य और अवसाद का सामना करने में मदद नहीं कर पाए हैं! गीता को विश्व की महानतम धार्मिक और...
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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना
आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...
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