tragedy
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बालासोर ट्रेन हादसा और त्रासदी को देखते हुए कृषि-ग्रामीण-प्रवासी मजदूर संगठनों की ओर से मांगें
Janchowk -
सेवा में,
श्री अश्विनी वैष्णव,
रेल मंत्री,
भारत सरकार
बालासोर, उड़ीसा में घटी ट्रेन दुर्घटना और त्रासदी अत्यंत दुखदायक है। कृषि और ग्रामीण मजदूरों के साथ काम करने वाले और देश भर में मौजूद संगठनों के रूप में, हम ग्रामीण मजदूरों को उनके...
बीच बहस
अफगान त्रासदी और हमारे लिए उसका सबक!
Janchowk -
काबुलीवाला, कहानी पढ़ी थी। तब तक अफगानिस्तान या किसी और मुल्क की परिकल्पना दिमाग में नहीं थी। उस कहानी ने एक पिता की जो अपने मुल्क और परिवार से हजारों मील दूर था उसके दिल में अपनी बेटी के...
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त्रासदी यह है कि हम कोरोना मौतों का संज्ञान भी नहीं लेना चाहते: मनोज झा
Janchowk -
संसद के भीतर आक्सीजन की कमी से एक भी कोरोना मरीज की मौत न होने का सरकार का बयान सुनकर पूरा देश सन्न है। यह सुनकर लोगों के जेहन में गुजरे दो महीनों के भयावह दौर की न केवल...
बीच बहस
पुस्तक समीक्षा: त्रासदियों की नींव पर घटती नई त्रासदियों की कहानी
Janchowk -
'एक देश बारह दुनिया' पुस्तक अनूठे भाषा-प्रवाह और दृश्य-बिम्बों के कारण अपने पहले पन्ने से ही पाठकों को बांधकर आगे बढ़ती हुई नजर आती है। फिर भी पुस्तक की भाषा और भावपूर्ण प्रस्तुति इसकी दूसरा विशेषता कही जाएगी। इसकी...
संस्कृति-समाज
स्मृति शेष:लेखक और पत्रकार राजकुमार केसवानी, जिनकी तमाम तहरीर में हिंदोस्तानी तहज़ीब झलकती थी
राजकुमार केसवानी से मेरा पहला तआरुफ़ उनके वीकली कॉलम ‘आपस की बात’ के मार्फ़त हुआ, जो मध्य प्रदेश के एक रोज़नामा अखबार में साल 2007 से रेगुलर आता था। इस कॉलम में उनके हिंदी फिल्मों का काबिल-ए-तारीफ़ इल्म, हिंदी-उर्दू...
बीच बहस
हाथरस घटना: यदि अब भी आप भयभीत नहीं हैं तो फिर आपके साथ कोई समस्या है!
हाथरस की घटना को उत्तर प्रदेश एवं देश में तेजी फैल रही निरंकुश, अराजक, स्वेच्छाचारी और हिंसक मनोवृत्ति से अलग कर एक एकाकी घटना के रूप में प्रस्तुत करने की छटपटाहट मुख्य धारा के मीडिया में स्पष्ट देखी जा...
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प्रियंका गांधी ने सड़कों पर जारी त्रासदी पर जतायी गहरी पीड़ा, कहा- तत्काल रोडवेज़ की बसें मुहैया कराए सरकार
Janchowk -
नई दिल्ली। सड़कों पर जारी प्रवासी मज़दूरों की त्रासदी पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि द्रवित करने वाले इन दृश्यों को किसी के लिए देख पाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने...
बीच बहस
पूरी धरती पर बिखरे हुए हैं पूँजी के दैत्य के हाथों हुई हत्याओं के निशान
आज से दो साल पहले, मई का ही महीना था जब जानलेवा प्रदूषण फैला रही वेदान्ता की फ़ैक्ट्री के विरोध में तूतीकोरिन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर निशानेबाज़ों से गोलियाँ चलवाकर 15 लोगों को मौत के घाट उतार...
Latest News
प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर
धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...
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