Tuesday, April 23, 2024

Usa

फिलहाल अपना मकसद साध लिया है ईरान ने

जैसी की आशंका थी, फिलस्तीनी प्रतिरोध से सुलगी और गजा में इजराइली नरसंहार से भभकी युद्ध की लपटें अब पश्चिम एशिया में क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले रही हैं। इजराइल पर ईरान के जवाबी हमले ने हालात को खतरनाक...

ये चीन से रिश्ता सुधारने की पहल है, या एक दांव?   

क्या भारत सरकार की चीन नीति में बड़ा बदलाव आया है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक को दिए इंटरव्यू में जो कहा, उससे इस बारे में कयास लगाने का पर्याप्त आधार मिलता है। इस इंटरव्यू (Exclusive Interview:...

क्या पश्चिमी प्रभु वर्ग में पड़ गई है फूट?

टकर कार्लसन की पहचान एक धुर दक्षिणपंथी पत्रकार की रही है। उन्हें लोकप्रियता अपने धुर दक्षिणपंथी एजेंडे के लिए चर्चित फॉक्स न्यूज चैनल का एंकर रहते हुए मिली। वे डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक रहे हैं। राजनीति में ट्रंप के...

क्या लिबरल डेमोक्रेसी को बचा पाना संभव है?

नई दिल्ली। साल 2024 को चुनावों का साल कहा जा रहा है। कारण यह कि इस वर्ष दर्जनों “लोकतांत्रिक” देशों में आम चुनाव होने वाले हैं। शुरुआत रविवार (सात जनवरी) को बांग्लादेश से होगी, जहां उस रोज नई संसद...

इजराइल ने गंवाया ही गंवाया है

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच 47 दिन तक चली लड़ाई के बाद ‘मानवीय आधार पर हमले रोकने’ के लिए हुए समझौते का श्रेय अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने लिया है। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन...

बंटती हुई दुनिया में दो नावों पर सवारी का अब विकल्प नहीं

यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) की अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्द ने इस 17 नवंबर को एक महत्त्वपूर्ण भाषण दिया (A Kantian shift for the capital markets union)। लेगार्द के इस भाषण को इस वर्ष अप्रैल में दिए अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा...

इजराइल के लिए इतनी बदनामियां क्यों मोल लेता है अमेरिका?

फिलिस्तीन के गाजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा साबित हो रहा है। खुद अमेरिकी विशेषज्ञों ने कहा है कि गाजा में बच्चों और महिलाओं समेत निहत्थे लोगों पर इजराइली हमले युद्ध अपराध की...

इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध: क्या यह सभ्यताओं का संघर्ष है?

नब्बे के दशक के बाद सोवियत संघ और पूर्वी यूरोप में समाजवादी सत्ताओं के पतन के बाद सोवियत संघ और अमेरिका इन दो महाशक्तियों के बीच चल रहे शीतयुद्ध का अंत हो गया। अमेरिका ने घोषणा कर दी, कि...

मोदी राज में ‘अच्छे दिनों’ की चाह लिए 97 हजार भारतीय अमेरिकी बॉर्डर पर गिरफ्तार

नई दिल्ली। देश में आजकल चमत्कार को नमस्कार का रिवाज है। टीवी, विज्ञापन और अखबारों में आये दिन खबर पढ़ने को मिलती है कि अपना देश दुनिया में सबसे तेज गति से विकास कर रहा है। लेकिन इसके समानांतर...

अमेरिका और उसके लठैत इजराइल को फिलिस्तीन में मिलेगी शिकस्त

तथाकथित सभ्य दुनिया के बूचड़खाने में एक कौम का सरेआम कत्ल हो रहा है। दुनिया में लोकतंत्र, मानवाधिकार, आज़ादी व आधुनिक सभ्यता के झंडाबरदार इस कत्लेआम में अपनी-अपनी भूमिका निभाने के लिए आतुर दिखाई दे रहे हैं। औद्योगिक क्रांति...

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रामदेव को फिर सुप्रीम फटकार, मेडिकल अराजकता पर SC का सख्त रुख 

मेडिकल अराजकता पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए जहां बाबा रामदेव को आज फिर फटकार लगायी वहीं...