सोनभद्र: स्वराज अभियान नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने डीएस-एसपी से मिलकर की रामसुंदर गोंड़ की हत्या की जांच की मांग

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सोनभद्र। उभ्भा नरसंहार की तर्ज पर पुलिस और खनन माफ़ियाओं के गठजोड़ के जरिये एक और आदिवासी की हत्या का मामला सामने आया है। हत्या पकरी के रहने वाले राम सुंदर गोंड़ की हुई है। बताया जा रहा है कि सुंदर गोंड़ की हत्या करने के बाद शव को नदी में फेंक दिया गया। और अब पूरे मामले को पुलिस और प्रशासन डूबकर होने वाली मौत बताकर रफा दफा कर देना चाहता है।

सुंदर गोंड़ की हत्या और ग्राम प्रधान समेत आदिवासियों के उत्पीड़न के खिलाफ आज स्वराज अभियान के जिला संयोजक कांता कोल और मजदूर किसान मंच के नेता कृपाशंकर पनिका के नेतृत्व एक प्रतिनिधिमंडल डीएम और एसपी से मिला। उनके साथ मृतक के पुत्र लाल बहादुर और पकरी के प्रधान मंजय यादव शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने दोनों अधिकारियों को एक ज्ञापन भी सौंपा।

दिए गए पत्रक में जिले के सर्वोच्च अधिकारियों से रामसुंदर की हत्या में खनन माफियाओं की भूमिका की जांच कराने, एफआईआर दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही करने, दर्ज एफआईआर में एससी-एसटी एक्ट की धाराएं जोड़ने, ग्रामीणों पर दर्ज फर्जी मुकदमा वापस लेने और खनन माफियाओं का नाम हत्या की एफआईआर में चढ़ाने की मांग की गयी। प्रतिनिधि मंडल में मजदूर किसान मंच के नेता महेंद्र प्रताप सिंह, बीडीसी पकरी गम्भीर सिंह गोंड़, रामविचार गोंड़ आदि लोग भी मौजूद थे।

प्रतिनिधिमंडल ने तथ्यों के साथ डीएम के संज्ञान में लाया कि खननकर्ता को नगवा गांव में खनन का पट्टा मिला था तब किस अधिकार के तहत वह पकरी गांव में खनन करा रहा था। यह भी संज्ञान में लाया गया कि खनन माफियाओं को बचाने के लिए एफआईआर करने में जान बूझ कर देर की गई और तथ्यों को छुपाया गया, अभी भी पकरी गाँव में अवैध खनन के निशान छुपाने की कोशिश हो रही है। पूरे घटनाक्रम को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाते हुए बताया गया की रामसुंदर की हत्या खनन माफियाओं का विरोध करने कारण ही हुई है जिनका पुलिस के स्थानीय अधिकारियों से गठजोड़ है।

उधर लखनऊ में आज पूर्व आईजी व ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एसआर दारापुरी ने डीजीपी को पत्र भेजकर दुद्धी सीओ को तत्काल हटाने और उनके विरुद्ध शिकायत प्रकोष्ठ के माध्यम से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने पत्र में कहा कि इस पूरे मामले में दुद्धी सीओ की भूमिका हर स्तर पर संदिग्ध रही है और उनके दुद्धी में रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती। इसलिए न्यायहित में तत्काल प्रभाव से उनको हटाया जाए। इस पत्र की प्रतिलिपि उन्होंने आईजी वाराणसी, डीआईजी मिर्जापुर और एसपी सोनभद्र को भी भेजी है।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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