पुस्तक समीक्षा : ‘झारखंड के चमकते सितारे’ एक उपयोगी दस्तावेज़ है

Estimated read time 1 min read

भारतीय स्वाधीनता संग्राम के आरंभिक काल में ही झारखंड क्रांतिकारियों की भूमि रहा है। संताल हूल और बिरसा मुंडा आंदोलन का इतिहास गौरवशाली है। आजादी के बाद और फिर अलग राज्य बनने पर विकास के विभिन्न आयाम देखे गए।

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो के अनुसार इस प्रगति में मूल निवासियों के साथ ही असंख्य प्रवासियों का भी योगदान है। इन प्रवासियों ने स्वप्रेरणा एवं समर्पित भाव से अपने उद्यम, कुशलता और विशेषज्ञता के सहारे इस प्रदेश को आगे बढ़ाया। ऐसे लोगों ने देश दुनिया में झारखंड को एक पहचान दिलाई।

कौन हैं ऐसे लोग? बसंत हेतमसरिया की पुस्तक ‘झारखंड के चमकते सितारे’ में इसका जवाब निहित है। यह एक महत्वपूर्ण उपयोगी दस्तावेज है। लेखक ने इस पुस्तक में झारखंड के 40 व्यक्तित्वों का परिचय प्रस्तुत किया है। इनमें कुछ दिवंगत भी हैं। लेकिन अधिकांश व्यक्तित्व अब भी झारखंड के विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं। 

खास बात यह है कि इस संकलन में हर अलग-अलग विधा के दिग्गजों का चयन किया गया है। पर्वतारोहण के लिए प्रेमलता अग्रवाल, सिनेमा के लिए इम्तियाज अली और मेघनाथ के योगदान का वर्णन इस पुस्तक में मिल जाएगा।

समाजसेवा में अशोक भगत, गंगा प्रसाद बुधिया, गौरीशंकर डालमिया, सीताराम रूंगटा के योगदान का वर्णन है। डॉ. कामिल बुल्के, डॉ. श्रवण कुमार गोस्वामी, महुआ माझी, डॉ. दिनेश्वर प्रसाद और रणेन्द्र को साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए इस पुस्तक में संकलित किया गया है।

सैकत चट्टोपाध्याय (रंगकर्म), शिल्पा राव (गायकी), सुभाषित दास (शोध कार्य), महेंद्र सिंह धोनी (क्रिकेट), जेवियर डायस (आदिवासी अधिकार), मालंच घोष (महिला अधिकार), जेमा मेंडिस (स्वास्थ्य) रसिका दुग्गल (अभिनय), ज्यां द्रेज (अर्थशास्त्र) के योगदान का भी उल्लेख है।

राजनीति में रघुवर दास, इंदर सिंह नामधारी और यशवंत सिन्हा का परिचय दिया गया है। डॉक्टर आरबी डेविस और डॉ. के.के. सिन्हा को चिकित्सा में योगदान के लिए याद किया गया है। 

पत्रकारिता में बलबीर दत्त और हरिवंश का उल्लेख है। शिक्षा में नारायण दास ग्रोवर, स्वतंत्रता आंदोलन के लिए प्रभु दयाल हिम्मत सिंह का, बाबू राम नारायण सिंह और यदुवंश सहाय, पर्यावरण में बुलू इमाम, मुक्केबाजी के लिए अरुणा मिश्रा का परिचय दिया गया है।

श्रमिक आंदोलन के लिए ए.के. राय, मानव विज्ञान में शरद चंद्र राय, छऊ नृत्य में केदारनाथ साहू, योग के लिए स्वामी सत्यानंद सरस्वती का परिचय प्रस्तुत किया गया है। उद्योग में दोराबजी टाटा और चित्रकला में हरेन ठाकुर संकलित हैं। 

प्रत्येक व्यक्ति के संबंध में लगभग चार पृष्ठों का जीवन परिचय प्रस्तुत किया गया है। बेहद सरल शब्दों में उनके योगदान की चर्चा करते हुए एक प्रतिनिधि तस्वीर भी प्रकाशित की गई है।

शोधकर्ताओं के लिए भी यह उपयोगी दस्तावेज है। मौजूदा झारखंड को समझने के लिए यह एक जरूरी पुस्तक है।

बसंत हेतमसरिया की यह पहली पुस्तक है। उनके अनुसार, अनेक लोग झारखंड बनने के बहुत पहले से ही जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी कुशलता या उल्लेखनीय योगदान से राज्य की बेहतरी में लगे रहे। इनमें ऐसे लोग भी हैं जो बाहर से आकर इस क्षेत्र में बसे। यह पुस्तक ऐसे चालीस लोगों को जानने में मदद करती है।

लेखक : बसंत हेतमसरिया

प्रकाशक: ग्रंथ अकादमी, नई दिल्ली

प्रकाशन वर्ष : 2023

मूल्य : ₹350

(विष्णु राजगढ़िया स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author