वाराणसी में एक पत्रकार का सम्मान और दो पत्रकारों की किताबों का हुआ विमोचन

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वाराणसी। कल मानवाधिकार जननिगरानी समिति (PVCHR) समेत कई संगठनों की ओर से “संवैधानिक अधिकार, स्वास्थ्य व पोषण” विषय पर वाराणसी में एक आयोजन किया गया। 

भेलूपुर स्थित होटल डायमंड में आयोजित इस कार्यक्रम में ‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स’ के सलाहकार व वरिष्ठ पत्रकार कुणाल मजूमदार को जनमित्र सम्मान भारत में पत्रकारों की सुरक्षा को संबोधित करने और उसका दस्तावेजीकरण समेत उनकी अडिग और असाधारण प्रतिबद्धता के लिए दिया गया। यह सम्मान उन्हें महंत विश्वंभर नाथ मिश्र, प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग, आईआईटी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और पंडित प्रभाष महाराज, सुप्रसिद्ध तबला वादक द्वारा दिया गया।

सम्मान हासिल करने के बाद कुणाल मजूमदार ने कहा कि “स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार मीडिया के संचालन के लिए प्रेस स्वतंत्रता और पत्रकार की सुरक्षा अनिवार्य हैं। मैं वास्तव में एक जमीनी स्तर के संगठन द्वारा मान्यता प्राप्त करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं।”

इस मौके पर संयुक्त रूप से दो वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा लिखी पुस्तक का विमोचन भी किया गया। सबसे पहले अभिषेक श्रीवास्तव की पुस्तक आम आदमी के नाम पर: भ्रष्‍टाचार विरोध से राष्‍ट्रवाद तक दस साल का सफरनामा का विमोचन किया गया।उन्होंने कहा कि पुस्तक में इस बात पर जोर दिया गया है कि भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन से लेकर आम आदमी पार्टी वाया इंडिया अगेंस्ट करप्शन तक की राजनीति को समझने के लिए इसके नेतृत्व को समझना आवश्यक है। इस पुस्तक में उन्होंने समय-सन्दर्भ में रखकर समझने की कोशिश है, साथ ही उसके व्यक्तित्व के भीतर बदलते-बिगड़ते समाज और राजनीति का अक्स देखने की कोशिश भी है। 

उसके बाद विजय विनीत द्वारा लिखी पुस्तक ‘बनारसी घाट का जिद्दी इश्क’ का विमोचन किया गया। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि एक रहस्य सरीखा है बनारसी इश्क। इसे बुझने के लिए डूबना पड़ता है। ख़ुद किरदार बनना पड़ता है। इस शहर में इश्क तभी होता है, जब कोई रिश्ता अधूरा होता है। इसकी अनुभूति में ब्रह्म एकमेव सत्ता है, बाकी सब मिथ्या। विजय विनीत ने नफ़रत के दौर में प्रेम का सन्देश देकर मानवता निर्माण में मील का पत्थर साबित किया है।

अध्यक्षीय उद्बोधन में महंत विश्वंभर नाथ मिश्र, प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग, आईआईटी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने सबसे पहले सीपेजी के सलाहकार कुणाल मजूमदार को जनमित्र सम्मान के लिए बधाई दिया। साथ में ही उन्होंने दोनों वरिष्ठ पत्रकारों की किताबों के लिए साधुवाद दिया। उन्होंने सीपेजी के कार्य की जमकर सराहना की।

इस मौके पर उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि पत्रकार की सुरक्षा के लिए उसे कानून बनाना चाहिए। उन्होंने मानवाधिकार जननिगरानी समिति द्वारा गठित पीपल नेटवर्क को लोगों के स्वास्थ्य व पोषण पर कार्य करने व वंचित समुदाय को जागरूक करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे कहा कि “सरकार को अविलम्ब पैकेट फ़ूड पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार वार्निंग लेबल लाना चाहिये जिससे गैर संचारी रोगों में कमी आ सके और अन्य देशों में खाद्य व्यापार भी बढ़ सके।

कार्यक्रम में पैकेट फ़ूड पर वार्निंग लेबल को लागू करने के लिए महामहिम राष्ट्रपति व माननीय स्वास्थ्य मंत्री, भारत सरकार को हस्ताक्षर करके ज्ञापन प्रेषित किया गया।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत सावित्री बाई फुले महिला पंचायत की संयोजिका श्रुति नागवंशी व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मोहम्मद आरिफ और संचालन डॉ लेनिन रघुवंशी ने किया।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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