Saturday, April 20, 2024

मेरा रंग फ़ाउंडेशन के वार्षिकोत्सव में महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर चर्चा

मेरा रंग फ़ाउंडेशन के पांचवें वार्षिकोत्सव में महिला उद्यमिता पर बातचीत हुई। ‘सफलता की उड़ान’ शीर्षक से आयोजित पैनल डिस्कशन में अलग-अलग क्षेत्रों से आई महिला उद्यमियों ने अपने विचार साझा किये। इस मौके पर एक कवि गोष्ठी तथा अस्मिता थिएटर ग्रुप के सहयोग से नाट्य प्रस्तुति भी की गई। मेरा रंग की पहली पुस्तक ‘किस्से साइकिल के’ का भी विमोचन हुआ। नवारुण प्रकाशन और सेतु प्रकाशन ने अपनी किताबों के स्टॉल भी लगाए। सत्र की शुरुआत मेरा रंग फ़ाउंडेशन की संस्थापक शालिनी श्रीनेत ने बीते दो सालों में मेरा रंग की गतिविधियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। संचालन निशा खान ने किया। 

पहले सत्र में महिला मनी की को-फ़ाउंडर सिद्धिका अग्रवाल ने कॉरपोरेट तथा स्टार्टअप सेक्टर से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। वहीं वाणी प्रकाशन ग्रुप की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी गोयल ने बताया कि प्रकाशन जैसे व्यवसाय की अपनी चुनौतियां होती हैं और एक परंपरागत बिजनेस घराने में जब लड़कियां कारोबार संभालती हैं तो चुनौतियां और बढ़ जाती हैं। एसके इंडस्ट्रीज़ की मैनेजिंग डायरेक्टर मिनी जैन ने अपने पिता और बचपन के दिनों के संघर्ष का जिक्र किया और बताया कि उनकी खुद की इंडस्ट्री में सत्तर प्रतिशत महिलाएं काम करती हैं। इस मौके पर एक्सिस बैंक की प्रबंधक पूजा वोहरा ने बताया कि किस तरह बतौर बैंक प्रबंधक उन्हें काफी भागदौड़ करनी पड़ती है। उन्होंने यह भी बताया कि बैंक फाइनेंस करने के साथ महिलाओं को अपना उद्यम खड़ा करने में काफी सहयोग भी देते हैं। इस पूरे कार्यक्रम का संचालन चर्चित लेखिका और बेनेट यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर शिल्पी झा ने किया। 

अगले सत्र की शुरुआत सेतु प्रकाशन से आई मेरा रंग की पुस्तक के लोकार्पण से हुई। ‘किस्से साइकिल के’ शीर्षक से प्रकाशित इस किताब में मेरा रंग के लाइव में शामिल हुए देश के 24 नामी साइकिलिस्टों से बातचीत है। इस पुस्तक के लेखक जाने-माने आर्टिस्ट व लेखक सीरज सक्सेना हैं। पुस्तक का लोकार्पण भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच तथा द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता डॉ. अजय कुमार बंसल ने किया। इसके बाद ‘कविता के रंग’ शीर्षक से एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन में युवा कवि अभिषेक सिंह, अर्पिता राठौर, मंजू बत्रा ने अपनी रचनाएं सुनाईं। सरस्वती रमेश ने स्त्री के संघर्ष को अपनी कविताओं में जीवंत किया। राहुल झा ने ग़ज़लें सुनाईं और वरिष्ठ कवयित्री व शायर पूनम मीरा ने अपनी सुंदर आवाज़ में ग़ज़लें प्रस्तुत कीं। इस पूरे सत्र का संचालन किया जानी-मानी कवयित्री व कथाकार सुषमा गुप्ता ने। 

कार्यक्रम के अंत में अस्मिता थिएटर ग्रुप की तरफ से घरेलू हिंसा पर एक नाटक ‘दस्तक’ प्रस्तुत किया गया। इस नाटक को वहां मौजूद दर्शकों ने न सिर्फ सराहा बल्कि अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की। अंत में संस्था की अध्यक्ष शालिनी श्रीनेत ने अस्मिता थिएटर के कलाकारों को मेरा रंग की तरफ से स्वर्गीय कमाल भसीन के स्मृति में तैयार किए गए मग उपहार में दिए, जिन पर उनके नारे और गीत की पंक्तियाँ लिखी थीं।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

पुस्तक समीक्षा: निष्‍ठुर समय से टकराती औरतों की संघर्षगाथा दर्शाता कहानी संग्रह

शोभा सिंह का कहानी संग्रह, 'चाकू समय में हथेलियां', विविध समाजिक मुद्दों पर केंद्रित है, जैसे पितृसत्ता, ब्राह्मणवाद, सांप्रदायिकता और स्त्री संघर्ष। भारतीय समाज के विभिन्न तबकों से उठाए गए पात्र महिला अस्तित्व और स्वाभिमान की कहानियां बयान करते हैं। इस संग्रह में अन्याय और संघर्ष को दर्शाने वाली चौदह कहानियां सम्मिलित हैं।

स्मृति शेष : जन कलाकार बलराज साहनी

अपनी लाजवाब अदाकारी और समाजी—सियासी सरोकारों के लिए जाने—पहचाने जाने वाले बलराज साहनी सांस्कृतिक...

Related Articles

पुस्तक समीक्षा: निष्‍ठुर समय से टकराती औरतों की संघर्षगाथा दर्शाता कहानी संग्रह

शोभा सिंह का कहानी संग्रह, 'चाकू समय में हथेलियां', विविध समाजिक मुद्दों पर केंद्रित है, जैसे पितृसत्ता, ब्राह्मणवाद, सांप्रदायिकता और स्त्री संघर्ष। भारतीय समाज के विभिन्न तबकों से उठाए गए पात्र महिला अस्तित्व और स्वाभिमान की कहानियां बयान करते हैं। इस संग्रह में अन्याय और संघर्ष को दर्शाने वाली चौदह कहानियां सम्मिलित हैं।

स्मृति शेष : जन कलाकार बलराज साहनी

अपनी लाजवाब अदाकारी और समाजी—सियासी सरोकारों के लिए जाने—पहचाने जाने वाले बलराज साहनी सांस्कृतिक...