ईहां मंदी आ ही नहीं सकता, परधान जी पॉजिटिव हैं!

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संडे को परधान जी ने एलान किया, देश को 5…10 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बना देंगे¡

लोगों ने कहा, परधान जी कुछ भी! ऐसे कैसे होगा?

परधान को बोले की खुरक है। वो जवाब बड़ा जबर देते हैं, सो सबकी बोलती बंद कर दिए। लोगों को जमा किया। और दुई घंटे घेर लिया। 

बोला। सब निगेटिविटी फैला रहे हैं, नकारात्मक लोग। 

देस पॉजिटिविटी से चलता है। बगुले खुसी के मारे झूम गए। जोर जोर से नारा लगने लगा।

परधान और बगुलों की पॉजिटिविटी के बाद भी मंडे को एक वेबसाइट छंटनी की खबर छाप दिया।

परधान बी पॉजिटिव रहे, उनके समर्थक और बड़े वाले¡¡  छंटनी की खबर को झूठ झूठ बोल दिए।

व्हाट्सएप पर फैल गया, सब ठीक है। विरोधी, देशद्रोही लोग अफवाह फैला रहे हैं।

कुछ लोग, जो कभी नहीं सुधरते, सोशल मीडिया पर बहस करे लागे। भई मजाक नहीं, हालात खराब हैं। तो देशभक्त कहां चूकते, जमकर रगड़ दिए, पहले नमक छिड़के, फिर बरनोल बरनोल चिल्लाए लागे!!

ट्यूसडे, कुछ और कंपनियां लोगन को निकाल दी, तब और अखबार ख़बर छाप दिया।

खबर आए लगी, लोग कच्छा पहनना कम कर दिए हैं, छेद वाले कच्छे बदल बदल पहिन रहे हैं।

खबर छपी कि चाय अकेली पड़ गयी है, बिस्कुट के भाव बढ़ गए हैं। 

लोग बिस्कुट खाये ही नहीं रहे, तो कंपनी की वाट लग गयी। 

बुधवार को परधान जी बयान दे दिए, रोजगार जाने की बात ऊ लोग कर रहा है, जिनका दलाली बंद हुआ है।

परधान की बात, पत्थर की लकीर। 

सारा आईटी कोश सक्रिय हो गया, शाम तक व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक सब जगह मंदी गायब हो गयी, ग्रोथ रेट आठ परसेंट पर पहुंच गई।

इतना शानदार ग्रोथ रेट देख टेलीविजन न्यूज वालों की सांस में सांस आयी। तय था कि अभी सबसे बड़ी खबर पाकिस्तान पर कुछ दिन रुका जाए।

सब ठीक चल रहा था। टीवी वाले पाकिस्तान की बैंड बजा रहे थे। अर्थव्यवस्था भी तेज तेज भाग रही थी।

गुरुवार को अपना सिक्का ही खोटा हो गया। जाने कौन सी पिनक में वो राजीव कुमार जी बहक गए। 

70 साल के सबसे विकट हालात,  लिक्विडीटी क्राइसिस, फाइनेंशिएल डिस्ट्रस्ट अल्ल बल्ल, न जाने क्या क्या कह दिए।

बात फैल गयी। चर्चा हुई लगी।

पर शुक्रवार को भी माहौल ठीक ही था। परधान जी, इंटरनेशनल मेगा शो किये। पॉजिटिव महौल रहा। बड़ी संख्या में बगुले पहुंचे। वही नारेबाजी। तुम हो तो सब है। मुमकिन है तो तुम हो। दी दी। जै जै। माता पिता की जै।

परधान को ये देख कर बड़ा मजा आता है, मां कसम। तब उनका चेहरा देख लेओ, बस। 

पर कितना भी पॉजिटिव रहो, कुछ न कुछ निगेटिव हो ही जाता है, शुक्रवार की शाम परधान की मंत्री लोग सामने आ गए। कहाँ है मंदी? सब बेकार की बात¡ हमारा घोड़ा, अमेरिका के घोड़े से तेज है। बात करते हो, नहीं तो। 

फिर झोले में से एक दो ठो…तीन चार रंगीन गोलियां निकाली, और दे दी। बूस्टर, अर्थव्यवस्था की दवा। टॉनिक। अब देखो, चेतक कितना भागता है।

टीवी, पर चले लगा। प्रहार। अबकी बार मंदी पर वार। परधान जी की सरकार¡¡ बोलो तारा रा रा। बोलो ता रा रा।

टीवी पर मंदी, सुबह राजीव कुमार के कहने पर आ तो गई। पर शाम को मंत्री के कहने पर दबे पांव खिसक ली।

बोलो ता रा रा। 

और फिर टीवी पहले की तरह चले लागा। आवाज आई। दूध मांगोगे, खीर दे देंगे। और कुछ मांगोगे, चीयर देंगे। पाकिस्तान मुर्दाबाद था। मुर्दाबाद है। मुर्दाबाद रहेगा। 

प्राइम टाइम के बुल्लेटिन खत्म हुऐ। 

अब निर्मल बाबा का एक छोटा सा कमर्शियल। बोलो ता रा रा।

(जितेंद्र भट्ट इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े पत्रकार हैं। और आजकल एक प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल में काम रहे हैं।)

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