Thursday, April 18, 2024

सत्ता पाने पर ‘हमारे दो’ से कैसे निपटेंगे राहुल गांधी, क्या उनकी संपत्तियों का होगा राष्ट्रीयकरण?

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इधर लगातार मोदी सरकार, प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ भाजपा पर हमलावर हैं। एक ओर वे गौतम अडानी और मुकेश अंबानी के प्रति मोदी प्रेम को लेकर जहाँ हम दो हमारे दो की सरकार कहकर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हैं तो दूसरी ओर उन्होंने दूसरे देशों की हस्तियों संग बातचीत का एक कार्यक्रम चला रखा है जिसके जरिए वह लगातार मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हैं। राहुल इन चर्चाओं में कहते हैं कि भारत में लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था ध्‍वस्‍त हो गई है, मीडिया पर मोदी सरकार का नियंत्रण है। उनके मुताबिक, 2014 के बाद निष्‍पक्ष लोकतंत्र के लिए जरूरी संस्‍थाओं पर सरकार ने कंट्रोल कर लिया है।

अब इससे कैसे निपटेंगे इसका कोई रोडमैप राहुल ने अभी तक सामने नहीं रखा और दावा किया कि सत्तापक्ष से लोगों का मोहभंग हो रहा है और यह कांग्रेस के लिए एक अवसर भी है।क्या राहुल में इतना साहस है कि वे यह घोषणा कर सकें कि केंद्र में यदि भविष्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो हमारे दो यानि अडानी और अंबानी के स्वामित्व वाले उन सभी धंधों का राष्ट्रीयकरण किया जायेगा जिन्हें सार्वजानिक क्षेत्र की कीमत पर उन्हें मोदी सरकार ने दिया है।

दरअसल देश ने मिश्रित अर्थव्यवस्था का रास्ता छोड़कर पीवी नरसिंह राव की सरकार ने मनमोहन सिंह को आगे करके आर्थिक उदारीकरण की नीतियाँ अपनायी थीं जो वर्ष 1991 से अब तक चली आ रही हैं। कांग्रेस के राज में निजीकरण उस बेशर्मी से नहीं होता जिस बेशर्मी से भाजपा या एनडीए के राज में अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी के राज में हो रहा है। राहुल गाँधी या कांग्रेस ने अभी तक यह नहीं बताया की उनकी आर्थिक नीतियाँ सत्ता में आने पर क्या रहेंगी? क्या आर्थिक उदारीकरण की नीतियाँ आगे भी चलेंगी तो किस तरह भाजपा की नीतियों से अलग होंगी या कोई नई वैकल्पिक आर्थिक नीति अपनाई जाएगी? राहुल को अपनी दादी इंदिरा गाँधी के बैंक राष्ट्रीयकरण और राजाओं महाराजाओं के प्रिवी पर्स को खत्म करने के साहसिक निर्णय का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि देश में वैसी ही आर्थिक विषमता उत्पन्न हो गयी है। क्या राहुल गाँधी में साहस है कि हमारे दो का राष्ट्रीयकरण कर सकें?   

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सिर्फ उनकी पार्टी नहीं बल्कि बीएसपी, एसपी और एनसीपी जैसी पार्टियां भी भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला नहीं कर पा रही हैं। राहुल गांधी ने इसकी वजहों का जिक्र करते हुए कहा है कि भाजपा ने देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा कर लिया है, साथ ही उसके पास वित्तीय और मीडिया प्रभुत्व है। हार्वर्ड केनेडी स्कूल के एक ऑनलाइन कार्यक्रम में शिरकत करते हुए राहुल गांधी ने असम में भाजपा नेता की कार में ईवीएम मिलने की घटना का भी जिक्र किया है।

राहुल गांधी ने कहा कि इस देश के संस्थागत ढांचे पर पूरी तरह कब्जा जमा लिया गया है। बीजेपी के पास पूर्ण वित्तीय और मीडिया प्रभुत्व है। केवल कांग्रेस ही नहीं, बल्कि बीएसपी, एसपी, एनसीपी भी चुनाव नहीं जीत रही हैं। चुनाव जीतने के लिए मुझे संस्थागत ढांचे की जरूरत है, मुझे ऐसी न्यायिक व्यवस्था की जरूरत है जो मेरी रक्षा करे, मुझे स्वतंत्र मीडिया की आवश्यकता है, मुझे वित्तीय समता की आवश्यकता है, मुझे संरचनाओं का समहू चाहिए, जो मुझे एक राजनीतिक पार्टी चलाने की अनुमति दे। मेरे पास ये चीजें नहीं हैं।तो फिर भाजपा को सत्ता से कैसे बहर करेगी कांग्रेस?

कांग्रेस की चुनावी असफलता और आगे की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि हम आज ऐसी अलग स्थिति में हैं जहां वो संस्थाएं हमारी रक्षा नहीं कर पा रही हैं जिन्हें हमारी रक्षा करनी है। जिन संस्थाओं को निष्पक्ष राजनीतिक मुकाबले के लिए सहयोग देना है वो अब ऐसा नहीं कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष की तरफ से संस्थागत ढांचे पर पूरी तरह कब्जा कर लिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि सत्तापक्ष से लोगों का मोहभंग हो रहा है और यह कांग्रेस के लिए एक अवसर भी है।

नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपनी रणनीति में राहुल गांधी का जोर विदेशी ताकतों के आगे उनके नेतृत्‍व को कमजोर साबित करने पर है और राहुल इसमें काफी हद तक सफल भी हो रहे हैं। उन्‍होंने दूसरे देशों की हस्तियों संग बातचीत का एक कार्यक्रम चला रखा है जिसके जरिए वह लगातार मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हैं। राहुल इन चर्चाओं में कहते हैं कि भारत में लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था ध्‍वस्‍त हो गई है, मीडिया पर मोदी सरकार का नियंत्रण है। उनके मुताबिक, 2014 के बाद निष्‍पक्ष लोकतंत्र के लिए जरूरी संस्‍थाओं पर सरकार ने कंट्रोल कर लिया है।

राहुल लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि मोदी के कमजोर होने की वजह से चीन हमारी जमीन पर घुस आया। उन्‍होंने शुक्रवार को यहां तक कहा कि भारत में होने वाली घटनाओं पर अमेरिकी सरकार की चुप्‍पी उन्‍हें खलती है। अमेरिका के पूर्व राजनयिक निकोलस बर्न्‍स के साथ बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि निष्‍पक्ष लोकतंत्र को चलाने वाली संस्‍थाओं पर कब्‍जा कर लिया गया है। उन्‍होंने कहा कि सरकार को लगता है कि मीडिया पर कंट्रोल कर नरेटिव सेट कर लिया तो बाकी किसी चीज की जरूरत नहीं। राहुल के मुताबिक भारत का नेतृत्व सत्ता के केंद्रीकरण और लोकतंत्र के ढांचे पर अपना पूरी तरह से नियंत्रण करके सरकार चलाता है।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

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