Friday, March 29, 2024

बीजेपी बनी कोरोना पीड़ितों की नई जमात!

भारत में छह प्रदेश ऐसे हैं जहां एक लाख से अधिक कोरोना का संक्रमण है। छह प्रदेश ऐसे हैं जहां 50 हजार से ज्यादा और एक लाख से कम कोरोना के मरीज हैं। छह प्रदेश ऐसे हैं जहां 20 हजार से 50 हजार के बीच कोरोना संक्रमित हैं। छह प्रदेश ऐसे हैं जहां पांच हजार से ज्यादा कोरोना के संक्रमण हैं। और, 11 प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां 567 से लेकर 5 हजार तक कोरोना मरीज हैं।

567 का आंकड़ा मिजोरम का है। यह वो आंकड़ा है जो हिन्दुस्तान में 24 मार्च को तब था जब देश लॉकडाउन में भेजा गया था। आज 21 लाख का आंकड़ा पार कर चुका है। कोरोना संक्रमण की दैनिक रफ्तार दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में ही है।

आज भारत रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या के मामले में भी तीसरे नंबर पर है और एक्टिव केस के मामले में भी तीसरे नंबर पर ही है। जो लोग आबादी के हिसाब से भारत में कोरोना संक्रमण को देखना चाहते हैं उनके लिए यह बात सुकून दायक हो सकती है कि प्रति 10 लाख आबादी में भारत 1527 कोरोना संक्रमण के साथ दुनिया में 92वें स्थान पर है।

मगर, यह जानना भी जरूरी है कि भारत से अधिक घनी आबादी वाला बांग्लादेश 91वें स्थान पर है। इस हिसाब से पाकिस्तान भी 99वें स्थान पर रहते हुए भारत से सात पायदान बेहतर है।

भारत प्रति 10 लाख आबादी पर 31 मौत के आंकड़े के साथ दुनिया में 91वें नंबर पर है। पाकिस्तान इसी पैमाने पर 27 मौतों के साथ 99वें स्थान पर और बांग्लादेश 20 मौतों के साथ 109वें स्थान पर है। टेस्टिंग में संख्या के ख्याल से भारत दो करोड़ 33 लाख से ज्यादा टेस्ट कर चुकने के बाद दुनिया में चौथे नंबर पर जरूर है, लेकिन घनी आबादी के कारण प्रति 10 लाख आबादी पर टेस्टिंग का आंकड़ा बहुत पीछे है। यहां प्रति 10 लाख पर महज 16930 लोगों की टेस्टिंग हो सकी है। इस पैमाने पर भारत की रैंकिंग 126 है।

प्रतीकात्मक फोटो।

कोरोना से लड़ाई का भाव समर्पण में बदल गया
जब प्रधानमंत्री ने पहले लॉकडाउन का एलान करते हुए 21 दिन में कोरोना को परास्त कर देने का संकल्प दिखाया था, तो इसे देश ने पराक्रम भाव यानी शौर्य भाव के रूप में लिया था। ऐसा हो नहीं सका। जब प्रधानमंत्री लाचार हो गए, तो उन्होंने कोरोना से लड़ने की जिम्मेदारी प्रदेश की सरकारों पर थोप दी। यह एक तरह से समर्पण था।

जब नेतृत्व समर्पण करने लगता है तो अंधविश्वास और बेतुकी बातें परवान चढ़ने लगती हैं। यह देखने को भी मिला। बीजेपी में ही कई नेता कोरोना का इलाज बताने लग गए। कोई आस्था से जुड़ा इलाज था, तो कोई तंत्र-मंत्र वाला इलाज। हद तो तब हो गई जब केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए गंगाजल के उपयोग पर रिसर्च कराने का प्रस्ताव इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च के पास भेज दिया। हालांकि आईसीएमआर ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

ताजातरीन उदाहरण से बात शुरू करें तो साध्वी प्रज्ञा ने कोरोना भगाने के लिए देश को नुस्खा दिया था, शाम सात बजे पांच बार हनुमान चालीसा का पाठ पढ़िए। 25 जुलाई से पांच अगस्त तक यानी राम मंदिर के शिलान्यास होने तक यह काम करना था। ऐसा करने से साध्वी प्रज्ञा का दावा था कि कोरोना देश से भाग जाएगा।

हाल ये है कि पांच अगस्त के बाद 60 घंटे के भीतर देश में एक लाख 80 हजार नये कोरोना मरीज आ गए। करीब तीन हजार लोगों की मौत हो गई। प्रतिदिन कोरोना संक्रमण में भारत टॉपर पर आ गया। अब 60 हजार से ऊपर कोरोना मरीजों की हर रोज पहचान हो रही है।

बीजेपी के कई नेताओं ने पांच अगस्त के बाद राम मंदिर का शिलान्यास होते ही इस महामारी से मुक्ति की ओर बढ़ने का दावा किया था। ऊपर के आंकड़े इस दावे को भी गलत साबित करते हैं।

अंधविश्वास की बानगी
कैलाश विजयवर्गीय बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस हमारा कुछ नहीं कर सकता है, क्योंकि हमारे यहां जो हनुमान हैं उनका नाम मैंने ‘कोरोना पछाड़ हनुमान’ रख दिया है। विजयर्गीय ने यह भी कहा था कि हिन्दुस्तान में 33 करोड़ देवी-देवता रहते हैं इसलिए कोरोना यहां अपना असर नहीं दिखा सकता।

बीजेपी नेताओं ने एक से बढ़कर एक नुस्खे दिए कोरोना को भगाने के लिए। इनमें शामिल हैं… 
* केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने ‘भाभी जी पापड़’ लांच कर दावा किया कि इसमें ऐसी प्रतिरोधक क्षमता है कि कोरोना पास नहीं आ सकता।

  •  स्वामी रामदेव ने तो कोरोना की दवा ही निकाल देने का दावा कर डाला। उन्होंने दावा किया था कि ट्रायल के दौरान 69 फीसदी मरीज इस कथित दवा से तीन दिन में ही ठीक हो गए थे। जब उनकी दवा को मान्यता नहीं मिली और काफी हंगामा बरपा तो उन्होंने कहा कि ‘कोरोनिल’ केवल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए है।
  •  16 मार्च को राजधानी दिल्ली में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने गौमूत्र पार्टी का आयोजन किया। चक्रपाणि महाराज के इस आयोजन के बाद गौमूत्र पीकर बीमार हुए लोगों को इलाज के लिए भर्ती कराना पड़ा।
  •  14 मार्च को पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने गौमूत्र पार्टी दी थी। इस मामले में एक कार्यकर्ता को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
  •  उत्तराखंड में बीजेपी विधायक महेंद्र भट्ट ने यह नुस्खा बताया कि हर रोज दो चम्मच गोमूत्र पीने और गाय के गोबर की राख में पानी मिलाकर और फिर छानकर पीने से कोरोना क्या कोई बीमारी नहीं होगी।
  •  उत्तराखण्ड से ही बीजेपी विधायक संजय गुप्ता ने दावा किया कि हवन, यज्ञ और गोमूत्र-गोबर कोरोना का  इलाज है।
  •  4 मार्च को यूपी में बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर का दावा था कि लोनी शहर में गायों की संख्या सबसे ज्यादा है इसलिए उनके विधानसभा क्षेत्र में कोरोना नहीं घुस सकता। उन्होंने गाय को चलती फिरती डॉक्टर बताया था।
  •  यूपी में बलिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि अगर लोग हर रोज 10 एमएल गोमूत्र, तुलसी के दस पत्ते और सोने से पहले गुनगुने पानी में दो चम्मच हल्दी का सेवन करें तो कोई रोग नहीं होगा।
  •  सुरेंद्र सिंह ने एक और दावा किया था कि सभी कोरोना संक्रमित अगर बलिया आ जाएंगे तो वे दो दिन में ठीक हो जाएंगे। उनका कहना था कि बलिया में एक तरफ गंगा है, एक तरफ घाघरा।
  •  पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का दावा था कि गोमूत्र रोग से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

दूसरों को नुस्खा बताते रहे, खुद ही कोरोना की जद में आ गये भाजपाई?
देश भर में बीजेपी के विधायक, सांसद और नेताओं ने गाय, उसके मूत्र और गोबर को लेकर ऐसी ही घोषणाएं की थीं। अगर बीजेपी नेताओं के दावे सही होते, उनका विश्वास या अंधविश्वास सही होता तो ऐसा क्यों हुआ कि वे खुद अपनी पार्टी के नेताओं का बचाव नहीं कर पाए?

शिवराज सिंह चौहान और सिंधिया।

कोरोना से यूपी में बीजेपी की मंत्री कमल रानी वरुण की मौत हो चुकी है। वहीं बीजेपी के नेता रहे तमिलनाडु के राज्यपाल वनवारी लाल पुरोहित भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। अब तक जो बीजेपी नेता कोरोना से संक्रमित हुए हैं उनमें प्रमुख हैं…
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, यूपी में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, यूपी में सिंचाई मंत्री महेंद्र सिंह, कांग्रेस से बीजेपी में गए नेता और राज्यसभा में नव निर्वाचित सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, मध्यप्रदेश प्रभारी सुहास भगत, मध्यप्रदेश में मंत्री अरविंद भदौरिया, ओम प्रकाश सकलेचा, तुलसी सिलावट, हरियाणा में हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह, पश्चिम बंगाल में हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी।

देश भर में कोरोना पीड़ित बीजेपी विधायकों और पदाधिकारियों की सूची लंबी है।

बीजेपी क्यों बनी कोरोना फैलाने वाली जमात?
आज स्थिति यह है कि बीजेपी खुद एक कोरोना फैलाने वाली जमात बन चुकी है। बीजेपी नेताओं को यह बताना पड़ रहा है कि उनके संपर्क में आए लोग कोरोना संक्रमण की जांच करा लें। बीजेपी ने कभी अपने राजनीतिक कार्यक्रमों को नहीं छोड़ा। मध्यप्रदेश में उपचुनाव हो रहे हैं। नियमों को ताख पर रखती हुई तस्वीरें चुनाव प्रचार के दौरान लगातार सामने आती रहीं हैं।

मध्यप्रदेश में सरकार गिराने से लेकर बनाने तक कभी सोशल डिस्टेंसिंग समेत दूसरे नॉर्म्स का पालन संजीदगी के साथ नहीं दिखा। देश भर में वर्चुअल रैलियां जारी रहीं। इस दौरान नेता जरूर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे, लेकिन टीवी स्क्रीन से चिपके आम कार्यकर्ता इससे बचते दिखे। नतीजा है कि समूह में बीजेपी के कार्यकर्ता कोरोना से संक्रमित मिले। बिहार और बंगाल इसके उदाहरण है।

कोरोना के इस संकटकाल में पांच अगस्त को राम मंदिर शिलान्यास का आयोजन हुआ। इसे सरकारी आयोजन में बदल दिया गया। शिलान्यास समारोह से पहले राम मंदिर परिसर के भीतर बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमित मिले। यहां तक कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जब कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए, तो दो दिन पहले केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए तमाम मंत्री को भी यह टेस्ट कराना चाहिए था और क्वारंटीन भी होना चाहिए था। मगर, ऐसा करने के बजाए बीजेपी नेता मंदिर निर्माण के भव्य आयोजन से जुड़े रहे।

भुलाए नहीं भूलती कोरोना पर नफरत की सियासत
देश में मार्च के अंत से अप्रैल के पूरे महीने कोरोना के लिए जमातियों को जिम्मेदार बताया जाता रहा। उस दौरान बीजेपी नेताओं के बयानों को याद करें और आज जब वे खुद इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं, तब उनकी चुप्पी को देखें तो यह पता चलता है कि उनकी सोच कितनी अपरिपक्व थी।

कोरोना का प्रतीक चिन्ह।

जमातियों के बारे में बीजेपी नेताओं के चंद बयानों पर नज़र डालते हैं…
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बयान दिया, ‘भोपाल-इंदौर में जमातियों के कारण संक्रमण फैला।’

भोपाल के हुजूर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा था, “आज हम अगर भोपाल में कोरोना से मुतास्सिर हैं तो कांग्रेस और तबलीगी जमात की वजह से। ये दोनों भाई हैं, एक ही मां की दो औलाद हैं। इनकी वजह से आज हम मुसीबत में हैं।”

बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नक़वी ने ट्वीट कर कहा था, “तबलीगी जमात का ‘तालिबानी जुर्म’… यह लापरवाही नहीं, ‘गम्भीर आपराधिक हरकत’ है।”

कर्नाटक में बीजेपी सांसद शोभा करंदलाजे ने कोरोना को जिहादी योजना करार दिया था तो हिमाचल प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राजीव बिंदल ने जमातियों को ‘मानव बम’ बताया था।

बीजेपी की नेता और अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता फोगाट ने ट्विटर पर लिखा था, ‘फैला होगा तुम्हारे यहां चमगादड़ों से, हमारे यहां जाहिल सुअरों से फैला है।”

बिहार के मुजफ्फरपुर से बीजेपी सांसद अजय निषाद ने जमातियों के साथ आतंकी जैसा सलूक करने की सरकार से मांग की थी।

यूपी के देवरिया से बीजेपी विधायक सुरेश तिवारी ने लोगों से अपील की थी मुस्लिम सब्जी वालों से सब्जी न खरीदें तभी कोरोना से बचे रह सकते हैं।

लोनी से विधायक नरेंद्र सिंह गुर्जर ने लॉकडाउन की अनदेखी करने वाले को देशद्रोही बताते हुए उनकी टांग में गोली मारने का सुझाव दिया था। ऐसा करने वाले पुलिसकर्मी को 5100 रुपये का इनाम देने और प्रमोशन के लिए सरकार को चिट्ठी लिखने की बात उन्होंने कही थी।

ऐसा नहीं है कि बीजेपी को इस बात का भान नहीं था कि उनके नेता जहर फैलाने का काम कर रहे हैं। दो अप्रैल को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बीजेपी नेताओं से कहा कि वे धर्म के आधार पर कोरोना पर बयान न दें। ऐसे मामले पर अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले नेता ही बयान दें। मगर, बीजेपी के नेताओं ने अपने अध्यक्ष जेपी नड्डा की नहीं सुनी।

टीवी चैनलों पर खुलकर बीजेपी के प्रवक्ता विषवमन करते रहे। मोहम्मद साद के डॉक्टर्ड बयान चलाए गए। कहा गया कि मोहम्मद साद लोगों में अंधविश्वास फैला रहे थे। मगर, खुद बीजेपी के नेता लगातार उसी रास्ते पर चल रहे थे। बीजेपी में नड्डा की सुनने वाला कोई नहीं था, क्योंकि असली नेतृत्व में बीजेपी और बीजेपी सरकार में सिर्फ दो व्यक्ति और एक परिवार के हाथ में है जिसे संघ परिवार कहा जाता है। जमात का विरोध करते-करते बीजेपी खुद जमाती बन बैठी और कोरोना संक्रमण की आज देश में सबसे बड़ी जमात है बीजेपी।

(प्रेम कुमार वरिष्ठ पत्रकार हैं। आजकल आपको विभिन्न चैनलों के पैनल में बहस करते देखा जा सकता है।)

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