Saturday, April 20, 2024

ब्लैक्स के बर्बर दमन की जिंदा तस्वीर है सिविल राइट्स मेमोरियल

400 वॉशिंगटन एवेन्यू मोंटेगोमेरी, अल्बामा, अमेरिका। यह सिविल राइट्स मेमोरियल का पता है। यह मेमोरियल उन लोगों की याद को सहेजता है जो अमेरिका में 1954 से लेकर 1968 के बीच नस्लीय भेदभाव मिटाने और सबको बराबर अधिकार दिलाने की लड़ाई में मारे गए। इस संघर्ष को सिविल राइट मूवमेंट का नाम दिया गया था। 1954 में अमेरिका की शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि नस्ल के आधार पर स्कूलों का बँटवारा गैर कानूनी है। तब से लेकर 1968 (जब मार्टिन लूथर किंग की हत्या की गई) तक  तक सिविल राइट आंदोलन में मारे गए 41 लोगों के नाम और उनकी कहानी इस मेमोरियल में दर्ज़ है। मेमोरियल की वेबसाइट पर भी उन सब लोगों के बारे में जानकारी उपलब्ध है। इनके बारे में संक्षेप में यहाँ भी पढ़ सकते हैं। 

  1. जॉर्ज ली  – हम्फ्रीज काउंटी में वोटिंग के लिए अपना नाम रजिस्टर कराने वाले शुरुआती काले लोगों में से जॉर्ज ली भी शामिल थे। वह अपनी प्रिंटिंग प्रेस के जरिये काले लोगों को वोटर रजिस्ट्रेशन के लिये प्रेरित करते थे। इस बात ने उनकी ज़िन्दगी के लिए ख़तरा पैदा कर दिया था। गोरे पुलिस अधिकारियों ने उन्हें इस शर्त पर सुरक्षा देने का प्रस्ताव दिया कि वे काले लोगों को वोटर के तौर पर रजिस्टर कराने के प्रयास बंद कर दें। ली ने यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। 7 मई 1955 को ली की गोली मार कर हत्या कर दी गई।
  2. लेमर स्मिथ –लेमर स्मिथ ने चुनाव में काले मतदाताओं को एकजुट करने का काम किया था। एक गोरे आदमी ने 13 अगस्त 1955 को उन्हें दिन-दहाड़े बहुत सारे लोगों के सामने गोली मार दी। हत्यारे को कभी सजा नहीं मिली क्योंकि किसी ने भी गवाही नहीं दी। 
  3. इमेंट लुई टील – 14 साल के किशोर टील शिकागो से छुट्टी मनाने मिसिसिपी आए थे। उन्हें एक स्टोर में एक गोरी महिला के साथ देखा गया। तीन दिन बाद 28 अगस्त 1955 को दो गोरे आदमियों ने टील को उनके घर से निकाल कर बर्बरता से पीटा और फिर गोली मार कर उनकी हत्या कर दी। उनके शव को नदी में फेंक दिया गया। जूरी ने आरोपी को निर्दोष करार दिया। सनद रहे, जूरी के सभी मेम्बर गोरे थे।
  4. जॉन अर्ल रीस – 16 साल के रीस 12 अक्तूबर 1955 को एक कैफे में डांस कर रहे थे तो कुछ गोरों ने वहाँ आकर फायरिंग की। रीस की मौत हो गई। यह फायरिंग काले लोगों को आतंकित करने के लिए की गई थी ताकि वे अपने बच्चों को गोरे लोगों के बच्चों के साथ एक स्कूल में पढ़ाने का ख़्याल छोड़ दें।
  5. विली एड्वर्ड जूनियर – ट्रक ड्राइवर विली अपने काम पर जा रहे थे तो गोरों के आतंकवादी गैंग कू क्लेक्स क्लैन (केकेके) के चार सदस्यों ने उन्हें अल्बामा नदी के पुल पर रोक लिया। खुद को क्लैंसमैन कहने वाले केकेके के सदस्यों का काम ही अफ्रो-अमेरिकन लोगों को टार्गेट करना होता था। विली को बंदूक की नोक पर ट्रक से उतारा गया और नदी में कूदने को मजबूर कर दिया गया। केकेके को शक था कि विली का किसी गोरी महिला के साथ प्रेम संबंध है। विली की लाश तीन महीने बाद मिल सकी।
  6. मार्क चार्ल्स पार्कर – पार्कर (23) पर एक गोरी महिला के साथ बलात्कार का आरोप था। उसका केस सुनवाई के लिए अदालत में लगे, उससे तीन दिन पहले ही 25 अप्रैल 1959 को हत्यारी गोरी भीड़ ने जेल पर हमला कर पार्कर को जान से मार दिया और उनकी लाश को पर्ल नदी में फेंक दिया। 
  7. हर्बर्ट ली-  ली सिविल राइट लीडर बॉब मोसेस के साथ मिलकर ब्लैक लोगों की वोटर रजिस्ट्रेशन में मदद कर रहा था। अमेरिकी सांसद ईएच हर्स्ट ने 25 सितंबर 1961 को बहुत से लोगों के सामने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी । ऑल वाइट जूरी ने इसे आत्मरक्षा की कार्रवाई माना जबकि ली के पास उस वक्त कोई हथियार नहीं था। हर्स्ट को कभी गिरफ्तार तक नहीं किया गया था। हर्स्ट के खिलाफ गवाही देने वाले एकमात्र शख़्स लुई एलेन की भी बाद में गोली मार कर हत्या कर दी गई।  
  8. कैप्टन रोमन डक्सवर्थ-  फौज के अफसर रोमन डक्सवर्थ को 9 अप्रैल 1962 को एक पुलिस वाले ने बस से बाहर निकाल कर गोली मार दी। पुलिस वाले को लगा कि डक्सवर्थ बस में गोरे और कालों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था का विरोध करने वालों के साथ है।
  9. पॉल गीशा-  फ्रेंच पत्रकार पॉल गीशा मिसीसिपी यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए हो रहे प्रोटेस्ट को कवर कर रहे थे। गोरी भीड़ ने गोली मार कर उनकी जान ले ली।
  10. विलियम लेविस मूर–  मूर एक पोस्टमैन थे। वे 23 अप्रैल 1963 को सेग्रेगेशन सिस्ट्म के खिलाफ एक दिन के मार्च में शामिल हुआ था। वहीं उन्हें गोली मार दी गई। 
  11. मेड्गर इवर्स –  मेडगर को 12 जून 1963 को घर में स्नाइपर ने गोली मार दी। मेड्गर मिसीसिपी में नेशनल एसोसिएशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ कलर्ड पीपल (एनएएसीपी) का संचालन करते थे।
  12. एडी कॉलिन्स, डेनिस मैक्नर, केरॉल रॉबर्टसन और सिंतिया वेस्ले –  ये चारों स्कूल जाने वाली लड़कियां थीं। इन चारों की मौत 15 सितंबर 1963 बर्मिंघम के अफ्रीकन-अमेरिकन सिक्सटींथ बैपटिस्ट चर्च में हुए बम धमाके में हुई। गोरों के आतंकवादी संगठन केकेके ने धमाके के लिए संडे का दिन जान-बूझकर चुना था क्योंकि इस दिन चर्च में आने वालों की संख्या ज़्यादा होती थी। यह चर्च सिविल राइट आंदोलन का गढ़ था जहाँ सिविल राइट मार्च की योजनाओं की मीटिंग भी होती थीं। हालांकि, यह विस्फोट सिविल राइट मूवमेंट के पक्ष में व्यापक समर्थन उमड़ने के लिहाज़ से निर्णायक मोड़ की तरह भी साबित हुआ।
  13. वर्जिल लेमर वेर-  13 वर्षीय वर्जिल को एक गोरे किशोर ने 15 सितम्बर 1963 गोली मार दी। चर्च में हुए बम धमाके के बाद गोरों ने सेग्रेगेशन कानूनों के समर्थन में मार्च किया था। वेर को गोली मारने वाला उसी मार्च में शिरकत करके आया था। 
  14. लुई एलन–  एलन को 31 जनवरी 1964 को गोली मार दी गई। वे हर्बर्ट ली की हत्या के चश्मदीद गवाह थे। ली की हत्या एक सांसद ने की थी जिसे सजा दिया जाना तो दूर गिरफ्तार तक नहीं किया गया था।
  15. जॉनी चैपल– गोरों ने चैपल को 23 मार्च 1964 को उस वक़्त गोली मार दी जब वे अकेली घूम रही थीं। हत्या की वजह थी, चैपल का रंग। 
  16. रेव ब्रूस क्लन्डर ‌-  ब्रूस सिविल राइट एक्टिविस्ट थे। 7 अप्रैल 1964 को उनेके ऊपर बुल्डोजर चढ़ा दिया गया। वह एक सेग़्रेगेटेड स्कूल बिल्डिंग के विरोध में बुल्डोजर के आगे लेट कर किए जा रहे प्रदर्शन में शामिल थे।
  17. हेनरी हेज़काया और चार्ल्स एडी मूर  – गोरों के आतंकी संगठन क्लैंसमैन ने 2 मई 1965  को दोनों की हत्या कर दी। हेनरी और चार्ल्स पर क्लैन गिरोह को शक था कि ये दोनों  काले लोगों को हथियार रखने के लिये प्रेरित करने का काम कर रहे हैं। 
  18. जेम्स अर्ल शैनी, एंड्र्यू गुड्मैन और माइकल च्वेनर – इन तीन सिविल राइट एक्टिविस्ट्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर गोरों के आतंकी गैंग क्लैंसमैन को सौंप दिया। क्लैंसमैन ने तीनों की हत्या कर दी।
  19. लेम्यूल ऑगस्टस पेन – पेन का यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी रिजर्व का ले. कर्नल होना और द्वितीय विश्व युद्ध में सेवाएं देना भी गोरे आतंकिय़ों के लिए कोई मायने नहीं रखता था। वॉशिंगटन डीसी पब्लिक स्कूल के असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट पेन की हत्या 11 जुलाई 1964 को क्लैंसमैन द्वारा कर दी गई। 
  20. जिमी ली जेक्सन – जिमी 26 फरवरी 1965 को अपने दादा और माँ के साथ सिविल राइट मार्च में हिस्सा ले रहे थे जहाँ स्टेट के सैनिकों ने उनकी पिटाई की और फिर गोली मार दी। जिमी की मौत सेलमा मोंटेगोमेरी मार्च का कारण बनी जिसकी वोटिंग राइट एक्ट हासिल होने में बड़ी भूमिका रही।
  21. रेव जेम्स रीब  – रीब न्याय व समानता के पक्षधर  उन बहुत से गोरे लोगों में से थे जिन्होंने सेलमा मार्च में हिस्सा लिया था। वे उदारवादी धारा के यूनिटेरियन चर्च के मिनिस्टर, पास्तर थे। रीब पर प्रोटेस्ट मार्च के दौरान ही गोरे लोगों ने हमला किया। दो दिन बाद उनकी मौत हो गई।
  22. विओला ग्रेग लियोत्सो  –  विओला डेट्रोइट में रहने वाली गृहिणी और माँ थीं। टीवी पर चल रही अत्याचार की खबरों ने उन्हें इस कदर विचलित किया कि वे अकेली कार चलाकर सेलमा मार्च में हिस्सा लेने पहुँच गईं जहाँ क्लैंसमैन ने उन्हें गोली मार दी।
  23. ओनियल मूर  – सिविल राइट आंदोलनकारियों को खुश करने के लिये मूर और क्रिड रोजर नाम के दो ब्लैक्स को पुलिस अधिकारी बनाया गया। 2 जून 1965 को उनकी पेट्रोलिंग कार पर गोलियां बरसाई गईं। रोजर घायल हो गए और मूर की जान चली गई।
  24. विली ब्रूस्टर   –  विली की 18 जुलाई 1965 को एक गोरे आंतकी गैंग के सदस्य ने ही गोली मारकर हत्या कर दी। 
  25. जोनाथन मायरिक डेनियल्स- बोस्टन में पढ़ने वाले स्टूडेंट जोनाथन वोटर रजिस्ट्रेशन में काले लोगों की मदद करने के लिए अल्बामा आए थे। वहाँ 20 अगस्त 1965 को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया फिर अचानक छोड़ दिया। उसके तुरंत बाद एक पुलिस अधिकारी ने उनकी गोली मार कर हत्या कर दी।
  26. सेमुअल लीमैन यंग जूनियर- सिविल राइट एक्टिविस्ट सेमुअल की एक गोरे से सेग्रेगेशन को लेकर बहस हुई। गोरे ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी।
  27. वर्नेन फर्डिलेंड डामर- वर्नेन डामर एक बिजनेस मैन थे। उन्होंने घोषणा की कि जो वोटिंग की पात्रता के लिए निर्धारित फीस भरने की हालत में नहीं हैं, उनकी फीस वे जमा करेंगे। घोषणा के बाद वाली रात को उनके घर में आग लगा दी गई जिससे उनकी मौत हो गई।
  28. बेन चेस्टर वाइट– बेन खेत मज़दूर थे। उनका सिविल राइट मूवमेंट से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं था। गोरों ने आंदोलनकारियों को भटकाने की नीयत से उनकी हत्या कर दी थी।
  29. क्लेरंस ट्रिग्ज  – क्लेरंस एक मजदूर थे जिन्होंने एक सिविल राइट मीटिंग में हिस्सा लिया था। उनकी लाश सड़क किनारे मिली। उनके सिर में गोली मारी गई थी।
  30. वॉर्लेस्ट जेक्सन – वॉर्लेस्ट जेक्सन नैशनल असोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ कलर्ड पीपल की लोकल ब्रांच के खजांची थे। उन्हें ऐसे सरकारी ओहदे पर प्रमोट किया गया था जो पहले सिर्फ गोरे लोगों के लिए आरक्षित था। उनकी कार में सीट के नीचे बम प्लांट किया गया था। वे जैसे ही कार में बैठे, कार के परखच्चे उड़ गए।
  31. बेंजामिन ब्राउन –  सिविल राइट मूवमेंट से जुड़े रह चुके बेंजामिन एक साइड में खड़े होकर स्टूडेंट प्रोटेस्ट देख रहे थे। पुलिस की गोली लगने से उनकी मौत हो गई।
  32. सेमुअल एफिजन्स हेमड, डिलेनो हरमन मिडिल्टन और हेनरी इज़िकिया स्मिथ –  ये तीनों 8 फरवरी 1968 को एक स्टूडेंट प्रोटेस्ट में हिस्सा ले रहे थे। तीनों पुलिस की गोली से मारे गए। 
  33. डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग जूनियर- अमेरिका के सिविल राइट मूवमेंट के नेता मार्टिन लूथर किंगदुनिया भर में मशहूर थे। उन्हें सबसे कम उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार हासिल करने का गौरव मिला पर नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष के प्रति उनका समर्पण ही उनकी हत्या की वजह बना। 4 अप्रैल1968 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

(अमोल सरोज एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। लेकिन बौद्धिक जगत की गतिविधियों में भी सक्रिय रहते हैं। सोशल मीडिया पर प्रोग्रेसिव- जन पक्षधर नज़रिये से की जाने वाली उनकी टिप्पणियां मारक असर वाली होती हैं। व्यंग्य की उनकी एक किताब प्रकाशित हो चुकी है।)

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