लखनऊ। कश्मीर के मुद्दे पर इस्तीफा देने वाले आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने अहम बात कही है। उन्होंने कहा है कि जो लोग कश्मीर के मुद्दे पर चुप हैं वे राष्ट्र-द्रोही हैं, क्योंकि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार खतरे में है और जो लोग इसके खिलाफ नहीं बोलेंगे वे लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश में शामिल माने जाएंगे। उन्होंने कहा कि आप सरकार विरोधी कोई बात करिए तो आपको देश विरोधी बता दिया जाएगा। सरकार और देश में अंतर होता है। सरकारें तो आती-जाती रहती हैं लेकिन देश बना रहता है। यह फर्क समझने की बहुत जरूरत है। उन्होंने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और नागरिकता संशोधन बिल पर उन्होंने कहा कि बजाए अपने-अपने दस्तावेजों को जुटाने के चक्कर में ऐसी प्रक्रिया जिसमें धर्म के आधार पर भेदभाव हो को हमें नकार देना चाहिए।
लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब में कश्मीर के सवाल पर सेमिनार में गोपीनाथन के कहा कि सभी को मिल कर लोकतंत्र को बरक़रार रखना होगा। असहमति की आवाज़ों को भी जिंदा रखना होगा, तभी हम बेहतर देश बना सकते हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ देश की जनता को खड़ा होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुझे इस्तीफ़ा देकर संविधान और लोकतंत्र के लिए खड़ा होना पड़ा। सरकार कह रही है कि उसने कश्मीर में वह किया है जैसे माता-पिता अपने बच्चे को ठीक करने के लिए कड़वी दवा देने का काम करते हैं। कड़वी दवा देने के बाद आप उनको रोने भी नहीं दें यह क्या उचित बात है? आज 77 दिन होने को आए हैं जब कश्मीर में पाबंदियां लगी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व की विचारधारा से जुड़े लोगों का राष्ट्र निर्माण को लेकर एक विचार है जिसके लिए वे लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इस विचार से जिन लोगों को दिक्कत है क्या वे भी उतना ही काम कर रहे हैं? सिर्फ शिकायत करने से काम नहीं चलेगा। कोई चीज गलत लगती है तो उसे गलत कहना पड़ेगा।
एनएपीएम, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया), लोक राजनीति मंच और रिहाई मंच की तरफ से हुए सेमिनार को वरिष्ठ पत्रकार शहरा नईम, सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधती धुरु और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. संदीप पाण्डेय ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने की। उत्तर प्रदेश में हो रहे फर्जी एनकाउंटरों को लेकर आजमगढ़ और बाराबंकी के सन्दर्भ में रिपोर्ट भी जारी हुई। कश्मीरी अवाम के सर्थन में परिवर्तन चौराहे पर कैंडल लाइट मार्च कर लखनऊ वासियों ने अपनी एक जुटता ज़ाहिर की। मार्च में कन्नन गोपीनाथन भी शामिल हुए।
कार्यक्रम में सृजन योगी आदियोग, डॉ. एमडी खान, शकील कुरैशी, शबरोज़ मोहम्मदी, वीरेन्द्र कुमार गुप्ता, अबू अशरफ़ ज़ीशान, प्रदीप पाण्डेय, सचेन्द्र यादव, गोलू यादव, बांकेलाल यादव, फैसल, कलीम खान, डॉ. मज़हर अधिवक्ता संतोष सिंह आदि मौजूद रहे।
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