खिरिया बाग, आज़मगढ़। संघर्ष के दो महीने पूरे होने पर किसानों-मजदूरों ने पदयात्रा किया और छात्र-युवा किसान-मजदूर पंचायत का आयोजन हुआ। पंचायत में फैसला दिया कि किसान-मजदूर अपनी जमीन नहीं देगा और सरकार एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का मास्टर प्लान रद्द करे। पदयात्रा खिरिया बाग से जिगिना करमनपुर, गदनपुर हिच्छनपट्टी, मंदुरी, जमुआ में निकली। एयरपोर्ट का मास्टर प्लान वापस लो, जमीन नहीं देंगे, एयरपोर्ट बहाना है जमीन ही निशाना है, खिरिया बाग आंदोलन जिंदाबाद, किसान-मजदूर एकता जिंदाबाद, जब-जब जुल्मी जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से चप्पा-चप्पा गूंज उठेगा इंकलाब के नारों से, अडानी-अम्बानी का यार है देश का गद्दार है, ‘जमीन हमारी आपकी नहीं, किसी के बाप की नहीं’, नारे लगाते हुए झंडे लेकर जुलूस निकाला गया।

वक्ताओं ने कहा कि सरकार किसान-मजदूर की जमीन छीनकर छात्रों-युवाओं के भविष्य पर हमला करने की साजिश रची। इस साजिश को हम सफल नहीं होने देंगे। देश के संस्थानों का निजीकरण कर रोजगार छीनने वाली सरकार जमीनों का अपहरण कर रही है। एयरपोर्ट से अगर विकास होता तो सालों से मंदुरी में बने एयरपोर्ट से विकास हो गया होता लेकिन न आज तक वहां से कोई विमान उड़ा न ही किसी को रोजगार मिला।

छात्र-युवा किसान-मजदूर पंचायत ने कहा कि किसानों-मजदूरों की जमीन-मकान छीनने वाली सरकार ही छात्रों-नौजवानों की शिक्षा-रोजगार छीन रही है। हमारा दुश्मन एक ही है इसलिए इस आंदोलन के समर्थन में पूरे पूर्वांचल में छात्र-युवा किसान-मजदूर पंचायत होगी। हम गांव-कस्बे में जाकर खिरिया बाग किसान-मजदूर आंदोलन के लिए समर्थन मागेंगे। पूर्वांचल का यह आंदोलन अब तय करेगा कि विकास का नाम पर जमीन की लूट नहीं होगी।

छात्र-युवा किसान-मजदूर पंचायत को रामनयन यादव, राजीव यादव, वीरेंद्र यादव, अंजली, राहुल विद्यार्थी, संदीप, राहुल, अंशदीप, अजीत, विनोद यादव, अवधेश यादव, तेज बहादुर, विमला यादव, हरिकेश यादव, संदीप यादव, राजेन्द्र यादव ने संबोधित किया। अध्यक्षता सुनीता भारती और संचालन अरविंद भारती ने की।
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)