Friday, April 19, 2024

अब पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी निशाने पर

हमारे देश की सरकार आजकल बड़े बदलाव के लिए बदले की भावना से काम कर रही है। चाहे वह सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ का और आरबी श्रीकुमार पूर्व डीजीपी का मामला हो। 2002 नरसंहार कांड में जीत के बाद भी याचिका में प्रमाण जुटाकर मदद करने वालों को जेल की हवा खिलाई जा रही है। सच उजागर करने वाले ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर को सन् 85 में बनी फिल्म के एक चित्र पर आस्था के नाम टिप्पणी करने पर गुनहगार मान गिरफ्तार किया गया। उसी कड़ी में यूट्यूब पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर पाकिस्तानी पत्रकार की टिप्पणी पर एक्शन लिया गया उनसे सवाल जवाब किए गए हैं आगे क्या होता है समझ सकते हैं।

देश की जनता इस बात को देख और समझ रही है भाजपा खेमे के लोग कितनी ही धर्म की जिल्लत कर दें सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बावजूद अब तक सरकार के संरक्षण के साए में हैं। अब तो संसद में उनके खिलाफ बोले जाने वाले तल्ख़ी भरे शब्दों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।यानि गलत को गलत कहने पर अब माननीय को दंड मिलेगा। यह दोतरफा व्यवहार और आवाज़ कुचलने का उपक्रम है। आपको याद होगा मणिशंकर अय्यर द्वारा नीच शब्द पर कितना बवाल हुआ था। मोदी जी ने इसे नीची जाति से जोड़कर तमाशा बना दिया था। जबकि उनकी भावना नीच कार्यों से थी।

बहरहाल अंसारी जी के मामले में जो प्रसंग सामने आया है। वह लगता है उनकी उस बात का जवाब है जिसमें कश्मीर में जनता द्वारा पकड़ा गया लश्कर से जुड़ा भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता है। इतना ही नहीं राजस्थान में कन्हैयालाल के हत्यारों में एक भाजपा का कार्यकर्ता भी है जो पाकिस्तान के आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है। इस बदनुमा दाग को छुपाने के लिए हामिद अंसारी जैसे विद्वान उपराष्ट्रपति को चुना गया। 

हामिद अंसारी उपराष्ट्रपति पद के लिए सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन के बाद दूसरे व्यक्ति हैं, जिन्होंने दो लगातार पूर्ण कार्यकाल का भारत में दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद संभाला है। उनके दूसरे कार्यकाल के तीन साल जो 2017 में समाप्त हुए, मोदी सरकार के समय के थे। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी किताब ‘बाइ मेनी अ हैपी ऐक्सिडेंट: रीकलेक्शंस ऑफ ए लाइफ’ में लिखा है कि राज्यसभा के सभापति के रूप में उन्होंने तय किया था कि कोई भी विधेयक हंगामे के बीच पारित नहीं होने देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन उनके दफ्तर आ गए थे। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने पूछा था कि शोरगुल के बीच विधेयक क्यों नहीं पास कराए जा रहे हैं। हामिद अंसारी ने अपनी किताब में लिखा है कि पीएम मोदी ने उनसे कहा कि आपसे उच्च जिम्मेदारियों की अपेक्षा है लेकिन आप मेरी मदद नहीं कर रहे हैं। मैंने कहा कि राज्यसभा में और उसके बाहर मेरा काम सार्वजनिक है।

हामिद अंसारी को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार के दावे पर बीजेपी ने बुधवार को अंसारी और कांग्रेस पर निशाना साधा। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल में पाकिस्तानी पत्रकार को पांच बार न्योता देकर भारत बुलाया। उन्होंने हामिद अंसारी के साथ ही कांग्रेस की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की नीतियों पर भी सवाल खड़ा किया। वहीं, हामिद अंसारी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी और मीडिया का एक तबका उनके खिलाफ झूठ फैला रहा है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब हामिद अंसारी बीजेपी के निशाने पर हैं। हामिद अंसारी जब उपराष्ट्रपति पद पर थे, तब भी नरेंद्र मोदी सरकार से उनके संबंध बेहतर नहीं थे। हामिद अंसारी ने कहा कि पाकिस्तानी पत्रकार को न तो उन्होंने बुलाया और न ही वह कभी मिले हैं। 

अपने विदाई समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर खुद पर की गई टिप्पणी को लेकर पूर्व उपराष्ट्रपति ने अफसोस जताया था। अपनी किताब में इसका जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि वह पीएम की टिप्पणियों को परंपराओं के विपरीत मानते हैं। अगस्त 2017 में राज्यसभा के सभापति का अंतिम दिन था। उपराष्ट्रपति अंसारी ने कहा, मैंने 2012 में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के हवाले से कुछ कहा था। आज भी मैं उनके शब्दों को कोट कर रहा हूं। किसी लोकतंत्र की पहचान इससे होती है कि उसमें अल्पसंख्यकों की कितनी सुरक्षा मिली हुई है।

लोकतंत्र में अगर विपक्षी समूहों को स्वतंत्र होकर और खुलकर सरकार की नीतियों की आलोचना करने की इजाजत न हो तो वह अत्याचार में बदल जाती है। अंसारी ने कहा, साथ में विपक्ष की जिम्मेदारी भी जरूरी है। उनके पास आलोचना का अधिकार है लेकिन उस अधिकार का मतलब यह नहीं है कि संसद को बाधित करें। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने विदाई भाषण में शायराना अंदाज में राज्यसभा के सदस्यों को धन्यवाद कहा। उन्होंने अपने भाषण के अंत में कहा, ‘आओ कि आज खत्म करें दास्ताने इश्क, अब खत्म आशिकी के फसाने सुनाएं हम।

 सबसे ज़्यादा परेशानी भाजपा की तब बढ़ी जब इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में इसी साल मानवाधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करने के मामले में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी घिर गए थे। जनवरी के महीने में मानवाधिकारों की मौजूदा स्थिति पर डिजिटल तरीके से चर्चा में भाग लेते हुए हामिद अंसारी ने हिंदू राष्ट्रवाद की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई थी। हामिद अंसारी ने कहा कि हाल के वर्षों में हमने ऐसे ट्रेंड्स का उभार और वैसे व्‍यवहार देखे हैं जो पहले से स्‍थापित नागरिक राष्‍ट्रवाद के खिलाफ हैं और ये सांस्‍कृतिक राष्‍ट्रवाद की काल्‍पनिक व्‍यवस्‍था को लागू करते हैं।

अंसारी ने यह भी दावा किया, यह वर्तमान चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करते हैं और राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार करना चाहते हैं। इस मामले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता व बिहार सरकार में मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने हामिद अंसारी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई राष्ट्र नहीं हो सकता है। नरेंद्र मोदी से बेहतर कोई नेता नहीं हो सकता है और हिंदुओं से बेहतर कोई दोस्त नहीं हो सकता है। बिहार के उद्योग मंत्री हुसैन के अनुसार, अंसारी को भारत विरोधी प्रचार के लिए प्रसिद्ध भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सहमत नहीं होना चाहिए था।

कुल मिलाकर यह मामला किसी भी तरह बनना ही था। पाकिस्तान के पत्रकार दूध के धुले नहीं हैं मीडिया की खरीद फ़रोख्त में पारंगत भाजपा के लिए पाकिस्तान से यह होना असंभव नहीं। भाजपा से आतंकियों के सम्बंध से भी इस बात की पुष्टि होती है।

देश के लोकतांत्रिक इतिहास में इस तरह की बदले की भावना पहली बार देखी गई जिसने कांग्रेस मुक्त भारत को अपना उद्घोष बनाकर चुनाव जीता।हो सकता है शीघ्र ही कांग्रेस के बड़े नेताओं को भी इस कड़ी में जोड़ लिया जाए और अपनी आतंकी छवि को तोड़ा जाए।

(सुसंस्कृति परिहार लेखक और एक्टिविस्ट हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ जंग का एक मैदान है साहित्य

साम्राज्यवाद और विस्थापन पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में विनीत तिवारी ने साम्राज्यवाद के संकट और इसके पूंजीवाद में बदलाव के उदाहरण दिए। उन्होंने इसे वैश्विक स्तर पर शोषण का मुख्य हथियार बताया और इसके विरुद्ध विश्वभर के संघर्षों की चर्चा की। युवा और वरिष्ठ कवियों ने मेहमूद दरवेश की कविताओं का पाठ किया। वक्ता ने साम्राज्यवाद विरोधी एवं प्रगतिशील साहित्य की महत्ता पर जोर दिया।

Related Articles

साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ जंग का एक मैदान है साहित्य

साम्राज्यवाद और विस्थापन पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में विनीत तिवारी ने साम्राज्यवाद के संकट और इसके पूंजीवाद में बदलाव के उदाहरण दिए। उन्होंने इसे वैश्विक स्तर पर शोषण का मुख्य हथियार बताया और इसके विरुद्ध विश्वभर के संघर्षों की चर्चा की। युवा और वरिष्ठ कवियों ने मेहमूद दरवेश की कविताओं का पाठ किया। वक्ता ने साम्राज्यवाद विरोधी एवं प्रगतिशील साहित्य की महत्ता पर जोर दिया।