Friday, March 29, 2024

देश के खरबपतियों पर एक फीसदी कर से बदल सकती है मुल्क की तस्वीर

सभी बुनियादी समस्याओं का समाधान देश के खरबपतियों पर 1 प्रतिशत संपत्ति कर एवं विरासत कर लगा कर किया जा सकता है? क्या आप यह तथ्य जानते हैं? नहीं जानते हैं, तो जरूर जान लीजिए, क्योंकि देश के बहुसंख्यक जनता की जिंदगी से जुड़ा प्रश्न है?

यदि देश के सभी बिलनेयरों की संपत्ति पर 1 प्रतिशत कर लगा दिया जाए और प्रतिवर्ष अपने वारिसों को संपत्ति हस्तांतरित करने वाले 5 प्रतिशत बेलनेयरों पर विरासत टैक्स लगा दिया जाए तो देश की व्यापक जनता की सभी बुनियादी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

देश के सभी बिलनेयरों की कुल संपत्ति 560 लाख करोड़ है। इस पर 1 प्रतिशत का संपत्ति कर लगाने से देश को 5.6 लाख करोड़ की आय होगी।

इस देश में प्रति वर्ष करीब 5 प्रतिशत बिलनेयर अपनी संपत्ति अपने वारिसों या अन्य को हस्तांतरित करते हैं। यदि इस पर 33 प्रतिशत विरासत कर लगा दिया जाए तो इससे 9.3 लाख करोड़ की आमदनी होगी। यहां यह तथ्य बता देना जरूरी है कि पूंजीवाद के आदर्श मॉडल अमेरिका में विरासत टैक्स करीब 40 प्रतिशत है। जापान में 55 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया में 50 प्रतिशत है। हमारे देश में विरासत कर नहीं लगता है। इस बार उम्मीद थी कि शायद बजट में विरासत कर लगाया जाए।

इन दोनों करों से कुल मिलाकर तकरीबन 15 लाख करोड़ रुपये की आमदनी होगी। इससे देश की व्यापक जनता की करीब-करीब सभी बुनियादी समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है। जिन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। वे निम्न हैं-

  • भारत के सभी लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा सकता है। जिसका मतलब है कि भोजन का अधिकार लागू किया जा सकता है।
  • सभी को रोजगार की गारंटी का अधिकार प्रदान किया जा सकता है।
  • आठवीं तक सभी को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान की जा सकती है।
  • सबको गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य प्रदान किया जा सकता है।
  • सभी बुजुर्गों को प्रतिमाह 2000 रुपया पेंशन प्रदान किया जा सकता है।
  • सभी विकलांगों को आवश्यक सुविधा और साधन प्रदान किया जा सकता है।

क्यों यह कार्य देशभक्त राष्ट्रवादी सरकार नहीं कर रही है, क्यों गरीबों के लिए ही जीने-मरने वाले और खुद गरीबी में जीवन जीने वाले (चाय बेचने वाले) हमारे प्रधानमंत्री यह कदम नहीं उठा रहे हैं? अगर इस एक छोटे से कदम से व्यापक जनता का जीवन काफी हद तक खुशहाल हो सकता है, तो ऐसा करने में दिक्कत क्या है? क्या देश की जनता के लिए इतना भी सरकार नहीं कर सकती है? इतना करने से यदि देश के सभी लोग एक हद तक खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं, तो क्या यह नहीं किया जाना चाहिए?

( यह लेख पत्रकार सिद्धार्थ रामू ने लिखा है और पूरा लेख आज के “दि इंडियन एक्सप्रेस” में प्रभात पटनायक द्वारा उपलब्ध कराए गए तथ्यों पर आधारित है।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles