Tuesday, April 23, 2024

आदिवासियों ने करायी सरना धर्म पर अभद्र टिप्पणी को लेकर विहिप कार्यकर्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज

विहिप-आरएसएस कार्यकर्ता सरायकेला-खरसांवा जिले के थाना चांडिल, पंचायत चिलगू, ग्राम चाकुलिया निवासी सुभाष चंद्र महतो, पिता शंकर महतो द्वारा गत दिनों झारखंड के आदिवासियों का सरना धर्म को लेकर अभद्र टिप्पणी करने, गंदी-गंदी गालियां देने और अपशब्द भाषा का प्रयोग किये जाने को लेकर सरना समिति व विभिन्न आदिवासी संगठनों ने 9 दिसंबर को कोतवाली थाना रांची में शिकायत दर्ज कराया।

आपको बता दें कि विगत दिनों सुभाष चंद्र महतो द्वारा आदिवासियों के सरना धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गयी थी, जिसका किसी ने चुपके से वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसके बाद राज्य के आदिवासी समुदाय में सुभाष चंद्र महतो के खिलाफ आक्रोश पनपता गया। इसके बाद सरना समिति व विभिन्न आदिवासी संगठनों के तत्वावधान में एक बैठक की गई और कोतवाली थाना रांची के थाना प्रभारी से आदिवासियों का एक प्रतिनिधिमण्डल मिलकर शिकायत पत्र दिया। इस शिकायत पत्र में कहा गया कि विहिप-आरएसएस-बजरंग दल के सदस्य सुभाष चंद्र महतो ने आदिवासियों के सरना धर्म का अपमान किया है। जिससे सभी सरना धर्मावलंबियों की भावनाओं, आस्था, विश्वास पर चोट पहुंची है।

उनका कहना था कि इसके चलते सरना आदिवासी समूह के लोग काफी आक्रोशित हैं। इस शिकायत पत्र में कहा गया कि प्रशासन द्वारा अविलंब मुकदमा दर्ज कर उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाए। इस मामले को लेकर केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि इस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा अब तक एक्शन नहीं लिया जाना आदिवासियों के प्रति प्रशासन के उपेक्षापूर्ण रवैये को उजागर करता है। उन्होंने अविलंब इस पर कार्रवाई करने की मांग की है और कहा है कि अगर आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो इसके खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा।

आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि आदिवासियों के धार्मिक आस्था पर चोट करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की रांची जिला अध्यक्ष कुदंरुसी मुंडा ने कहा कि आरोपी पर अविलंब कार्रवाई हो नहीं तो आदिवासी समुदाय सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होंगे।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से अजय तिर्की, लक्ष्मी नारायण मुंडा, प्रेम शाही मुंडा, कुदंरुसी मुंडा, नवनीत उरांव, राजेश लिण्डा, मुन्ना उरॉव, सचिन कच्छप, विकास तिर्की, मुन्ना मिंज, प्रकाश मुंडा, जयंत कच्छप, परमेश्वर मुंडा, बासुदेव भगत सहित ढेर लोग शामिल थे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सरना समिति, आदिवासी अधिकार रक्षा मंच, आदिवासी जन परिषद, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद आदि संगठन के लोग उपस्थित थे।

वहीं दूसरी तरफ आदिवासी अधिकार मंच के संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा है कि आदिवासियों के धर्म, विश्वास, आस्था पर टिप्पणी करने वाले सुभाष चंद्र महतो द्वारा ऐसी टिप्पणी करना आरएसएस के एजेंडे की पोल खोल रहा है, इससे जाहिर होता है कि सरना आदिवासी समुदाय के बारे में संघ परिवार क्या चाहता है। उन्होंने चेतावनी दी कि आरोपी की जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई तो आदिवासी जल्द झारखंड रांची बंद बुलाएंगे।

लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि प्रकृति पूजक सरना आदिवासी समुदाय को आज सब तरफ से कुचला जा रहा है। जंगल, जमीन, संस्कृति, साहित्य, इतिहास, पहचान, भाषा, इज़्ज़त-आबरु, माँ/बेटी/बहन, धर्म, राजनीति सब पर हमला तेज हो गया है। सरना आदिवासियों के हजारों संगठन, हजारों सरना आदिवासी नेता, हजारों सरना आदिवासी अधिकारी, हजारों बुद्धिजीवियों के बावजूद आज सरना आदिवासी दुर्गति और बर्बादी के लिए अभिशप्त हैं। आज हजारों सरना आदिवासियों के राजनेता/अधिकारी/बुद्धिजीवी/सामाजिक कार्यकर्ता और सरना-आदिवासी समिति/ संगठन/ मोर्चा/ मंच के नेताओं का कोई वजूद झारखंड में नहीं दिखता है।

इसका कारण  सरना आदिवासियों का तथाकथित अगुवाई करने वाला यह वर्ग दलाली, चाटुकारी, चमचागिरी और किसी न किसी के इशारे पर नाचने वाला बन चुका है। इस वर्ग का हर शख्स किसी न किसी राजनीतिक पार्टी की दलाली कर रहा है, किसी न किसी बिल्डर माफिया, जमीन कारोबारी की दलाली कर रहा है, किसी न किसी अधिकारी- ठेकेदार की दलाली कर रहा है। इसी बीच में कभी कभार “जय सरना, कभी नहीं डरना” का नारा लगाकर अपने कुकर्मों को छिपाने का प्रयास करता रहता है। आज प्रकृति पूजक सरना आदिवासी समुदाय पर संघी-वनवासी संगठनों की ओर से भी आक्रामक हमला जारी है तो दूसरी तरफ ईसाई मिशनरी संस्थानों का खेल भी बदस्तूर चला आ रहा है।

वे आगे कहते हैं कि अब तो झारखंड की शातिर चालाक जाति कुरमी/कुड़मी /महतो की ओर से भी घेरेबंदी करके हमला तेज किया जा रहा है।

वहीं सरना आदिवासी समाज के तथाकथित आदिवासी नेता/ कार्यकर्ता /अगुवा द्वारा कुरमी/कुड़मी /महतो की आजसू पार्टी की दलाली कर रहा है। जो आजसू पार्टी आदिवासियों को  खत्म करने पर आमादा है। इस हिस्से द्वारा अपना जमीर, अपना स्वाभिमान, अपने समाज का सौदा करके पद और रुपये कमाने के लिए आजसू पार्टी में रहकर दरबारी, चमचागिरी और दलाली किया जा रहा है।

(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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