लखनऊ। सीपीआई (एमएल) के वाराणसी दफ्तर में पुलिस ने छापा मारा है। बताया जा रहा है कि यह छापा कल रात में तकरीबन 11 बजे पड़ा है। पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य कॉ. मनीष ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने दफ्तर के कोने-कोने की तलाशी ली। उनका कहना था कि इस मौके पर उनको भी नहीं बख्शा गया। पुलिस ने उनकी भी ऊपर से नीचे तक तलाशी ली।
कॉ. मनीष का कहना है कि कारण पूछे जाने पर पुलिस ने कुछ भी बताना उचित नहीं समझा। एक ऐसे समय में जबकि लोग कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे हैं तब पुलिस और प्रशासन के लोग सहयोग की जगह जनता और खासकर सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न में लगे हैं। और इस मामले में उन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है जो किसी भी रूप में सरकार का विरोध कर रहे हैं। माले के दफ्तर में भी यह कार्रवाई उसी के हिस्से के तौर पर देखी जा रही है। आपको बता दें कि सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान कॉ. मनीष को पुलिस ने गंभीर धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया था और वह तकरीबन एक महीने से भी ज्यादा दिनों तक जेल में रहे थे। बाद में वह जमानत पर छूटे।
पार्टी की राज्य इकाई ने बिना सर्च वारंट के तलाशी लेने की पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की है। पार्टी ने गृह सचिव से इसका प्रतिवाद किया है।
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि योगी सरकार के इशारे पर वाराणसी प्रशासन द्वारा लॉक डाउन में ढील के साथ ही नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)-विरोधी आंदोलन के नेताओं का नए सिरे से उत्पीड़न करने की कार्रवाई की जा रही है। यह लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है। उन्होंने आंदोलन के नेताओं का पुलिस उत्पीड़न फौरन रोकने और उनके खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लेने की मांग की।
This post was last modified on June 24, 2020 4:58 pm