Tuesday, April 23, 2024

रेप इन इंडिया पर शोर मचाने वाली भाजपा गुजरात में अनाथालय की बच्ची से रेप पर क्यों है खामोश!

राहुल गांधी के संसद में रेप इन इंडिया शब्द का उपयोग करने पर पूरी भाजपा राहुल गांधी पर भड़की हुई है, लेकिन भाजपा वालों को गांधी धाम के अनाथालय में अनाथ बच्चियों के साथ यौन शोषण और रेप नहीं दिखता। पूरे देश में रोज़ाना रेप की बड़ी घटनाएं सामने आ रही हैं। अमरीका और ब्रिटेन अपने नागरिकों को एडवायज़री जारी कर रहा है। इस मामले में भाजपा नेता चुप्पी साध जाते हैं। भाजपा आज भी अपने आप को विपक्ष समझकर विपक्ष से ही सवाल करती है।

रेप जैसी गंभीर घटना पर खास कर भाजपा शासित राज्यों में केस भी दर्ज नहीं होते। भाजपा शासित गुजरात में जब हिंदू अनाथालय में मासूम बच्ची का हिन्दू द्वारा यौन शोषण होता है तो सरकार के दबाव में पुलिस FIR भी नहीं लिखती, क्योंकि छींटे भाजपा विधायक और संसदीय सचिव तक आती हैं। 

मानवाधिकार आयोग ने गुजरात के कच्छ ज़िला कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी कर जीवन प्रभात अनाथालय में बच्ची के साथ गैंग रेप और गर्भवती किए जाने की घटना की जांच करने को कहा है। लाइट की दुकान चलाने वाले विनोद खूबचंदानी ने मानवाधिकार आयोग से जनवरी 2017 में अनाथालय से 34 बच्चों के लापता होने तथा बाल यौन शोषण की शिकायत की थी। आयोग को दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 34 में से 33 बच्चे अपने रिश्तेदारों के यहां लौट चुके हैं। संस्था द्वारा कोई रिकॉर्ड (रिश्तेदार जो बच्चे ले गए) तैयार नहीं किया गया।

इस पर आयोग ने नाराज़गी व्यक्त की है। किस बच्चे को कौन ले गया, संस्था के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। फिर भी पुलिस ने जीवन प्रभात संस्था के खिलाफ अभी तक FIR दर्ज नहीं की है। संस्था के जवाब से कलेक्टर को असंतोष होने के कारण चाइल्ड वेलफेयरे कमिटी के ध्यान में लाया CWC ने संस्था का रजिस्टरेशन रद्द कर दिया। इसके बाद ट्रस्टी ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की  और सीडब्लूसी के निर्णय पर कोर्ट ने स्टे दे दिया।

मानवाधिकार आयोग को कलेक्टर ने अनाथालय की सीडब्लूसी द्वारा रजिस्टरेशन रद्द और एफआईआर न होने की रिपोर्ट दी है। इसी वर्ष मई महीने में आयोग ने कलेक्टर की रिपोर्ट याचिकाकर्ता खूबचंदानी को दी थी। खूबचंदानी ने एक अंग्रेज़ी अखबार को दिए बयान में बताया, “गायब बच्चों के माता पिता या रिश्तेदार का कोई बयान दर्ज नहीं हुआ है। एक लड़की जिसका रेप हुआ था, वह गर्भवती भी हुई थी और उसका गर्भपात कराया गया है, जिसकी उनके पास पुख्ता जानकारी है।”

खूबचंदानी के आरोप को गंभीरता से लेते हुए एनएचआरसी ने फिर से कच्छ कलेक्टर और कच्छ पूर्व के एसपी को आरोप की जांच करने को कहा है। आयोग ने कहा है कि शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसकी जांच सही ढंग से होनी चाहिए। आयोग ने छः महीने में कलेक्टर को स्टेटस रिपोर्ट देने को भी कहा है। खूबचंदानी के पास पुख्ता जानकारी है कि जिस लड़की का रेप हुआ था और गर्भवती हुई थी, उसे एक अन्य अनाथालय में ले जाया गया और वहीं गर्भपात भी किया गया।

बच्चों के विरुद्ध गंभीर अपराध को देखते हुए बचपन बचाओ आंदोलन संस्था की शीतल बेन ने पुलिस के आला अफसरों को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। खूबचंदानी ने बॉर्डर रेंज आईजी को भी पत्र लिखकर पुलिस की उदासीनता और संपूर्ण घटना की जानकारी दी है। खूबचंदानी दो वर्ष से मासूम बच्चों को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे हैं।

न जाने क्यों पुलिस POCSO, Atrocity जैसे गंभीर मामले में FIR दर्ज करने के बजाये एक-दूसरे विभाग पत्र लिख कर लीपापोती करने का प्रयत्न कर रही है। याचिकाकर्ता ने राष्ट्रीय मानवाधिकार से लेकर पुलिस और कलेक्टर सभी को पत्र लिख जानकारी दी है। RTI के माध्यम से भी बहुत सी जानकारी हासिल कर संबंधित मामले में दो वर्ष से संघर्ष कर रहे हैं। 

आप को बता दें कि वर्ष 2001में गुजरात में भूकंप के बाद जीवन प्रभात अनाथालय स्थापित किया गया था। भूकंप से हुई तबाही के बाद बहुत से बच्चे जो अनाथ हो गए थे। उन बच्चों के पालन पोषण के लिए संस्था के अनाथालय में रखा गया था, ताकि शिक्षा और पालन पोषण हो सके। 

(अहमदाबाद से जनचौक संवाददाता कलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट।)

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