केवाईसी के लिये इविवि कैंपस गये पूर्व छात्र नेता पर सुरक्षा गार्डों ने किया जानलेवा हमला

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्डों पर आरोप है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी के छात्रों पर कई राउंड फॉयरिंग किया है। छात्रों ने आरोप लगाया है कि उन्हें लाठी डंडों और लोहे की रॉड से पीटा गया है। गौरतलब है कि छात्र संघ बहाली, 40 प्रतिशत फीस वृद्धि को लेकर कैंपस में विगत कई महीनों से छात्रों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है।

किस बात पर ये बवाल है इसकी खोज ख़बर लेने पर पता चला कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और यूपी कांग्रेस सचिव विवेकानंद पाठक पर सुरक्षा गार्डों ने हमला किया जिसका छात्रों ने विरोध किया तो सुरक्षा गार्ड छात्रों पर पिल पड़े और उन्होंने मार मारकर दो दर्जन छात्रों को लहू-लुहान कर दिया। जिसके प्रतिरोध में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने पथराव किया। जिस पर यूनिवर्सिटी के सुरक्षा गार्डों ने फॉयरिंग किया जिसके जवाब में उग्र हुए छात्र, छात्र कैंपस में तोड़फोड़ और पत्थरबाजी की। अपर पुलिस आयुक्त आकाश कुलहरि पुलिस बल के साथ कैंपस में मौजूद हैं।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र व कांग्रेस नेता विवेकानंद पाठक ने जनचौक को फोन पर घटना के बाबत जानकारी दिया है। उन्होंने जनचौक संवाददाता से बताया कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कैंपस स्थित बैंक में उनका एकाउंट है। वो अपने एकाउंट का केवाईसी कराने बैंक जा रहे थे। जहां गेट पर देखते ही उन्हें एक सुरक्षा गॉर्ड प्रभाकर सिंह ने गाली देते हुये रोका। बकौल विवेकानंद पाठक उन्होंने उक्त सुरक्षा गार्ड से कहा कि वो कैंपस स्थित बैंक जा रहे हैं केवाईसी के लिये। जिस पर भड़कते हुये उक्त गार्ड ने अपने 40-50 सुरक्षा गार्ड साथियों को लाठी डंडे और रॉड से लैश कर ले आया और उन पर जानलेवा हमला कर दिया। विवेकानंद पाठक ने आरोप लगाया है कि ये सब इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन की शह पर अंजाम दिया गया है। विवेकानंद पाठक जनचौक को आगे बताते हैं कि सुरक्षा गॉर्ड उन्हें जान से मारने की साजिश करके ही आये थे। उनके हाथों में लोहे की रॉड थी और उन्होंने सीधे उनके सिर पर वॉर किया जिससे उनका सिर फट गया। 

घटना के बाबत प्रत्यक्षदर्शी छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी के सुरक्षा गार्डों ने इंस्पेक्टर की मौजूदगी में छात्रों पर दर्जनों राउंड फॉयर किया है। 

वहीं छात्र संगठन आइसा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चीफ प्रॉक्टर के सह पर सुरक्षा गार्डों द्वारा छात्रों पर जानलेवा हमले को निंदनीय कहते हुये आरोपी सुरक्षा गार्डों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है। आइसा ने कहा है कि फीसवृद्धि के खिलाफ़ ज़ारी आंदोलन को दबाने के इस कुत्सित प्रयास को इविवि के छात्र नहीं सहेंगे। 

आइसा इविवि सचिव मनीष कुमार ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लगातार मनमाने तौर पर जबरन विश्वविद्यालय को बंद किया जाता है, कॉमन स्टूडेंट्स के आवाजाही पर रोक टोक तथा उन्हें सुरक्षा गार्डों द्वारा अक्सर परेशान किया जाता है व लड़कियों को शनिवार रविवार विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का शर्मनाक रवैया विश्वविद्यालय प्रशासन का छात्र-छात्राओं के प्रति शुरू से रहा है। आज की घटना 

को विश्वविद्यालय प्रशासन की तानाशाही व मनमाने रवैये का परिणाम बताते हुये आइसा प्रतिनिधि मनीष कुमार ने कहा कि आज विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने को लेकर सुरक्षा गार्डों द्वारा छात्रों के साथ बदतमीजी की गई तथा उनके ऊपर जानलेवा हमले किए गए जिसमें सामान्य छात्र से लेकर कई वरिष्ठ साथियों को गंभीर चोटें आई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वाइस चांसलर विश्वविद्यालय को बुलेट और बूट के दम पर चलाना चाहती हैं जिसको यहां का स्टूडेंट कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। 

वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता अंकित सिंह बाबू ने घटना पर रोष व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि वरिष्ठ छात्र नेता विवेकानन्द पाठक पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जानलेवा हमला कराया गया है, इस पूरे प्रकरण के दोषियों पर कार्रवाई हो अन्यथा इसका प्रतिकार लखनऊ में भी होगा। 

(इलाहाबाद से जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

सुशील मानव
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