लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) आयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन समारोह का दिन प्रतिवाद दिवस के रूप में मनाएगी। पार्टी कार्यक्रम के सरकारी आयोजन में तब्दील हो जाने और पीएम से लेकर यूपी सरकार और सीएम की इसमें हो रही भागीदारी की मुखालफत कर रही है।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मंगलवार को कहा कि भाजपा की केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार भारतीय संविधान की मूल भावना को जानबूझ कर नष्ट करने की कार्रवाई कर रही है। संविधान धर्म को राजनीति से अलग रखने की बात कहता है। ऐसे में संविधान की शपथ लेने वाली सरकार का यह कर्तव्य है कि वह धार्मिक आयोजनों से दूर रहे।
राज्य सचिव ने कहा कि जिस तरह से महामारी के दौर में भी अयोध्या में धार्मिक आयोजन को केंद्र और राज्य सरकार प्राथमिकता दे रही है, उससे भाजपा का असल मकसद राजनीतिक लाभ लेना है। बिहार समेत अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों पर उसकी नजर है।
राज्य सचिव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले ने मंदिर निर्माण की राह खोली, उसी फैसले में 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने को आपराधिक कृत्य बताते हुए स्पष्ट रूप से आलोचना की गई है। ऐसे में केंद्र सरकार का प्रधानमंत्री के स्तर पर भूमि पूजन में शरीक होना, उस अपराध को वैधता प्रदान करने की कार्यवाही है। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त का मखौल उड़ाने और भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर हमले की कार्रवाई है।
माले नेता ने कहा कि पांच अगस्त को अयोध्या में हो रहा आयोजन केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी कोविड 19 से बचाव के प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन है। इसमें धार्मिक आयोजनों, बड़ी जुटान और 65 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों की भागीदारी की मनाही है।
ऐसे में 69 वर्षीय पीएम मोदी इसमें भाग लेकर भारतीयों को कोरोना से बचाव के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए उकसा नहीं रहे होंगे? जब कोरोना के मरीज दिन दूनी-रात चौगुनी गति से बढ़ रहे हैं, तब सरकार अपनी विफलता को लोगों की धार्मिक भावनाओं से खेलकर ढकना चाहती है।
राज्य सचिव ने मांग की है कि सरकार धार्मिक आयोजनों से बाहर रहे। राज्य को धर्म से अलग रखने की संविधान की मूल भावना का सम्मान करे। मस्जिद गिराने के अपराधियों को सजा दिलाए और महामारी और बाढ़ के इस दौर में धार्मिक उत्सव के बजाय जानलेवा संकटों से लोगों को बचाने पर ध्यान केंद्रित करे।
माले नेता ने लोगों से अपील की कि बुधवार को वे अपने घरों से और शारीरिक दूरी का पालन करते हुए छोटे समूहों में एकत्र होकर अपनी आवाज़ बुलंद करें।
This post was last modified on August 4, 2020 10:01 pm