श्रीलंका में समय से पहले कराए गए संसदीय चुनावों में मार्क्सवादी रुझान वाले राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके की पार्टी ने दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है। श्रीलंका के चुनाव आयोग के मुताबिक दिसानायके की नेशनल पीपुल्स पावर पार्टी ने संसद की कुल 225 सीटों में कम से कम 123 सीटें हासिल कर ली हैं। इन चुनावों से पहले, दिसानायके के गठबंधन के पास संसद में केवल तीन सीटें थीं। इस कारण राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया था और नए जनादेश के लिए चुनाव कराए थे। इन नतीजों से दिसानायके के आर्थिक सुधारों के कार्यक्रम को मजबूत जनादेश मिला है।
चुनावों में विपक्ष के नेता सजित प्रेमदासा की समागी जन बालावेगाया पार्टी ने 40 सीटें जीतीं और दूसरे नंबर पर रही। यह चुनाव श्रीलंका के लोगों के लिए एक निर्णायक समय पर हुए। देश अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से निकलने की कोशिश कर रहा है।
इतनी बड़ी जीत की बदौलत दिसानायके बड़े सुधार लागू कर पाएंगे, जिनमें एक नए संविधान को लागू करना भी शामिल है। इसका उन्होंने राष्ट्रपति चुनावों के अभियान के दौरान वादा किया था। काफी आश्चर्यजनक रूप से उनकी पार्टी ने जाफना जिले और दूसरे कई अल्पसंख्यक इलाकों में भी जीत हासिल की है।
जाफना श्रीलंकाई तमिलों का केंद्र है और दिसानायके की पार्टी की जीत पारंपरिक तमिल पार्टियों के लिए एक बड़ा धक्का है। आजादी के बाद से देश के उत्तरी इलाकों में इन पार्टियों का वर्चस्व रहा है। यह तमिलों की सोच में भी एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि वो लंबे समय से बहुसंख्यक सिंहल नेताओं को संदेह से देखते रहे हैं। कोलंबो में राजनीतिक विश्लेषक वीरगति तंबालासिंघम ने बताया कि उत्तर में मतदाताओं ने एनपीपी को चुना क्योंकि उनका पारंपरिक तमिल पार्टियों से मोह-भंग हो चुका था और उन्हें उन पार्टियों का कोई स्थानीय विकल्प नहीं मिला।
तंबालासिंघम कहते हैं, “तमिल पार्टियां विभाजित थीं और उन्हें अलग-अलग चुनाव लड़ा और इस वजह से तमिल लोगों का प्रतिनिधित्व बिखरा हुआ है।” देश के अन्य इलाकों में मतदाता एनपीपी के देश की राजनीतिक संस्कृति में बदलाव लाने के और भ्रष्टाचार का अंत करने के वादे से भी आकर्षित हुए।
दिसानायके ने वादा किया था कि वो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे पिछली सरकार के सदस्यों को सजा भी दिलाएंगे और चुराई हुई संपत्ति भी हासिल करेंगे। इससे लोगों में काफी उम्मीदें जगी थीं। लोगों को उम्मीद है कि दिसानायके और उनकी पार्टी अपनी जीत का इस्तेमाल देश के पुनर्निर्माण के लिए करेगी। दिसानायके और एनपीपी भ्रष्टाचार और कुशासन पर लगाम लगाएगी और कानून का राज स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि इसी से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सकता है।
(शैलेंद्र चौहान लेखक और साहित्यकार हैं।)
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