Saturday, April 20, 2024

रांची की सड़कों पर बेरोजगारों का विधानसभा मार्च!

रांची में आज रोजगार के सवाल पर छात्रों-नौजवानों ने बढ़ा मार्च निकाला। हटिया स्टेशन से निकला यह मार्चा विधानसभा पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया है। सभा को संबोधित करते हुए इंक़लाबी नौजवान सभा (RYA) के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार ने कहा कि देश में बेरोजगारी पिछले 45 साल में सबसे अधिक है और झारखंड अधिकतम बेरोजगारी वाले राज्यों में से एक है। हेमंत सरकार ने 5लाख रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आई लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

हेमंत सरकार रोजगार देने की गारंटी करे। मोदी सरकार कोरोना के नाम पर देश पर लॉकडाउन थोप कर देश को और भी बड़े तबाही-बर्बादी-मुसीबत में धकेल दिया। इस मुसीबत का फायदा उठाकर मोदी सरकार खेती किसानी को कंपनियों के हवाले करने वाला कृषि कानून लेकर आई। भारतीय रेल आज नीलामी के बाजार में लाकर रख दिया गया है। देश ने पिछले 70-72 सालों में जो कुछ भी सरकारी कंपनियों ने हासिल किया। आज सबको औने-पौने दाम पर अपने चहेते पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है। हेमंत सरकार इसके खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाए।

भाकपा माले के बगोदर विधायक विनोद सिंह ने कहा कि सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने की जो घोषणा की है वह धोखा के अलावे कुछ नहीं है। टेक्निकल एजुकेशन पाप्त छात्रों को सालाना मात्र 5 हजार भत्ता झारखंड के नौजवानों के साथ धोखा नहीं तो और क्या है। ठेका मानदेय पर काम कर रहे कर्मियों को स्थायी करने की दिशा में सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है इस लिए नौजवानों की यह लड़ाई समय की मांग है।

आइसा के कार्यकारी महासचिव प्रसेनजीत कुमार ने कहा कि सरकार ने जो नई शिक्षा नीति लाई है वह आम छात्रों के लिए बेदखली का फरमान है। हेमंत सरकार तुरंत इसे वापस करने की मांग उठाए और सदन में प्रस्ताव लाए। सभी कॉलेजों/विश्वविद्यालयों को अविलंब खोला जाय। इसके अलावा सभा को RYA के राज्य अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी ने कहा कि राज्य में छात्राओं और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ बलात्कार हत्या जैसी घटनाओं में वृद्धि हो रही है, बेरोजगारी चरम पर है और यह सरकार छात्रों-नौजवानों के सवालों पर संवेदनशील नहीं दिख रही है इसलिए इस लड़ाई को और भी तेज किया जाएगा।

आइसा झारखंड के अध्यक्ष शोहेल ने कहा कि राज्य के अंदर नौकरियों के लाखों की संख्या में पद खाली हैं लेकिन नियुक्तियां बंद है। सरकार द्वारा किए गए वादे, प्रतिवर्ष 5 लाख रोजगार बेरोजगारी भत्ता महज अखबारों की सुर्खियों में बन के रह गई है। राज्य की सरकार गठन के 14 महीने से ज्यादा हो गए परंतु रोजगार सहित ज्वलंत सवालों पर कोई भी नीति स्पष्ट नहीं दिख रही है दूसरी ओर कोरोना के नाम पर छात्रों का एक साल बर्बाद हो गया है।

गरीब छात्रों को पैसे के अभाव में रूम वह हॉस्टल से धक्का मार के निकाला गया है राज्य के अंदर बाजार यातायात शुरू हो गए परंतु अभी तक स्कूल कॉलेज में सुचारू रूप से फिजिकल क्लास शुरू नहीं हो पाई है ऊपर से छात्रवृत्ति में कटौती और ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। झारखंड में 80% छात्रों के पास लैपटॉप या एंड्रॉयड फोन रिचार्ज के पैसे व बिजली उपलब्ध नहीं है आखिर गरीब छात्र ऑनलाइन शिक्षा कैसे प्राप्त करेंगे। सरकार इस पर ठोस कदम उठाए। इसके अलावे सभा को आरवाईए राष्ट्रीय सचिव संदीप जायसवाल, गिरिडीह  जिला सचिव विनय संथालिया आदि वक्ताओं ने संबोधित किया। संचालन तरुण कुमार ने किया।

बेरोजगारों की मांगें:

1. 5 लाख रोजगार देने का वादा पूरा किया जाय व तमाम रिक्त पड़ी नियुक्तियों को अविलंब पूरा किया जाय।

2. सभी शिक्षित बेरोजगारों का जिले में अविलंब रजिस्ट्रेशन कर बेरोजगारी भत्ता न्यूनतम 10000₹ प्रति महीना सुनिश्चित किया जाय।

3. रेलवे सहित तमाम सरकारी संस्थानों को बेचे जाने के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाय।

4. प्राइवेट कंपनियों में झारखंड के नौजवानों के लिए 80% सीट आरक्षित किया जाय।

5. पारा शिक्षक, सहिया, आंगनबाड़ी सेविका, रसोईयां आदि संविदा आधारित कर्मियों को अविलंब स्थाई नियुक्ति दी जाय।

6.सभी स्कूलों, कॉलेजों, पुस्तकालयों, छात्रावासों को तुरंत खोलें एवं कक्षाएं शुरू की जाए।

7. नई शिक्षा नीति, 2020 वापस लेने हेतु विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाय और सत्र 2020 से 22 तक के छात्रों का फी माफ हो, छात्रवृत्ति कटौती वापस लिया जाय।

8. जेपीएससी की अनियमितता को दूर कर समय सीमा में परीक्षा व परिणाम घोषित करने की गारंटी करे।

9. अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए राज्य में उर्दू अकादमी का विशेष शाखा बनाया जाए।

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