उत्तर भारत में शीतलहर, कई शहर का शिमला से भी कम तापमान

समूचा उत्तर भारत जबरदस्त शीतलहर की चपेट में है। बिहार, उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान सभी प्रदेशों में मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। राजस्थान के माउंट आबू व मध्य प्रदेश के खजुराहो जैसी जगहों पर तापमान शून्य डिग्री के आसपास है। वैसे पूरे इलाके में औसत तापमान आठ डिग्री के आसपास बरकरार है। लेकिन न्यूनतम तापमान कई जगहों पर दो-तीन डिग्री के आसपास रह रही है। हालांकि गंगा घाटी में अभी हवा कमजोर है और नमी थोड़ी बढ़ी हुई है जिसके कारण कुहासा दिख रहा है।

कुहासे की यह स्थिति है कि उत्तर भारत में लंबी दूरी की 267 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इनके अलावा 170 ट्रेनें अत्यधिक विलंब से चल रही हैं। भारी कुहासे की वजह से दृश्यता में कमी की यह स्थिति 8 जनवरी से लगातार बनी हुई है। अनुमान है कि यह स्थिति कमोबेश 13 जनवरी तक बनी रहेगी। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों को यह अनुमान भी है कि अगले कुछ दिनों में उत्तर से आने वाली हवा तेज होगी जिससे कुहासा में तो कमी आएगी पर ठंड बढ़ेगी क्योंकि पहाड़ों पर बर्फबारी हो गई है, इसलिए उधर से आने वाली हवा अधिक ठंडी होगी। तापमान गिरने से कनकनी काफी बढ़ जाएगी।

अभी मैदानी क्षेत्रों में कई जगह पहाड़ी क्षेत्रों के अधिक ठंड का सामना करना पड़ रहा है। कुहासे के कारण दृश्यता औसतन 50 मीटर तक रह गई है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और झारखंड समेत कई स्थानों पर शीतलहर और सामान्य से कम तापमान का अगले कई दिनों तक सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली में तापमान लुढ़क कर तीन डिग्री से कम हो गया है। यह शिमला से भी कम है। बिहार में पटना समेत आठ शहरों का तापमान शिमला से कम हो गया है। शनिवार को शिमला का तापमान 7.6 डिग्री रहा जबकि बिहार के गया में तापमान 4.6 डिग्री आंका गया। गया ही नहीं, मुजफ्फरपुर, अररिया, सासाराम, शेखपुरा, बांका और नवादा में भी शिमला से अधिक ठंड रही। पटना का तापमान 7.2 आंका गया। दिन में धूप निकली, पर पछुआ हवा के कारण कनकनी बनी रही। बिहार के दस जिले ठंड से बेहाल हैं। गया, भागलपुर, पूर्णिया व दरभंगा की स्थिति खराब है।

पटना के मौसम विज्ञान केंद्र ने पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, दरभंगा,सुपौल,फारबिसगंज, सबौर, मोतिहारी में भीषण शीत की घोषणा कर दी है जबकि छपरा समेत अन्य शहरों में शीतदिवस की घोषणा की है। एक प्रकार से पूरे बिहार में शीत दिवस की स्थिति है। इन शहरों में अगले दो-तीन दिनों तक ऐसी हालत बनी रह सकती है। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार राज्य में अगले एक सप्ताह तक ठंड से विशेष राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

शीतलहर की स्थिति को देखते हुए पटना के जिलाधिकारी ने अगले एक सप्ताह तक दसवीं तक के स्कूलों में अवकाश की घोषणा कर दी है। इन स्कूलों में अवकाश एक जनवरी से ही चल रहा है और इसके 14 जनवरी तक चलने के असार हैं। राज्य के अन्य जिलों में भी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। पटना में धूप तो निकल रही है पर कनकनी से तनिक भी राहत नहीं मिली। आठ से दस किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पछुआ हवा चलने से कनकनी बरकरार रही। यही नहीं, न्यूनतम तापमान में 0.5 डिग्री और अधिकतम तापमान में 0.6 डिग्री की कमी दर्ज की गई। पटना में न्यूनतम तापमान 6 से 7 डिग्री सेल्सियस रह रही है। सड़कों पर कम लोग नजर आ रहे हैं। लोग कंबलों व रजाईयों में दुबके रहे। सब्जी बाजार आदि में लोग आग सुलगाने की जुगत में नजर आए। प्रदेश में सबसे कम तापमान गया का 3.7 डिग्री रहा। राज्य के अधिकतर जगहों पर बीते तीन दिनों से न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार अगले दो-तीन दिनों में सर्द दिन और सर्द रात की स्थिति में बढ़ोतरी हो सकती है। कई शहरों में धूप निकल रही है, पर कड़ाके की ठंड की स्थिति बनी हुई है। यह स्थिति अगले कई दिनों तक बनी रह सकती है।

कोहरे के कारण विमान व रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। करीब डेढ दर्जन विमानों का परिचालन देर से हो पा रहा है। ट्रेनों की लेट-लतीफी बढ़ गई है। पटना आने वाली दो दर्जन से अधिक ट्रेनें देर से आई। इनमें तेजस, राजधानी व तेजस जैसी वीआईपी ट्रेनें भी शामिल हैं। मंगलवार को राजधानी एक्सप्रेस 12 घंटे देर से आई।

भारत ही नहीं, अभी दुनिया के अनेक देश ठंड का प्रकोप झेल रहे हैं। अमेरीका व यूरोप के कई देशों में जोरदार बर्फबारी हुई है। जिसमें कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है। कनाडा, पश्चिम यूरोप के कई देशों और अमेरीका के कई इलाके में तापमान उत्तरी ध्रुव से आने वाली हवा के कारण बर्फबारी हो जाती है। लेकिन कुछ देशों में गर्मी जैसी हालत है जिसे जलवायु परिवर्तन का नतीजा बताया जा रहा है।

फ्रांस, जर्मनी व पोलैंड में बर्फ पर होने वाले खेल स्की बंद कर दिए गए हैं। बर्फ पिघलने से इसे बंद करने के सिवा कोई चारा नहीं था। स्पेन के बिलबाओ शहर में तापमान 25 डिग्री पहुंच गया है। इसने जनवरी महीने के तापमान के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। दक्षिण फ्रांस, स्कॉटलैंड व पोलैंड में भी गर्मी की हालत है। लंदन में भी तापमान सामान्य से अधिक आंका गया है। वहां का औसत तापमान 10.3 डिग्री सेल्सियस आंका गया है जिसे इस मौसम के लिए सामान्य नहीं कहा जा सकता। इसे जलवायु परिवर्तन से जोड़ा जा रहा है।

हालांकि शीतलहर के इस प्रकोप को जलवायु परिवर्तन से जोड़ना ठीक नहीं है। इस मौसम में ठंड होना मौसम की सामान्य परिघटना है। असामान्य तब होता जब तापमान में बढ़ोतरी देखी जाती। यूरोप के जिन कुछ जगहों पर ठंड का असर कम है, उसे जरूर जलवायु परिवर्तन से जोड़ा जा सकता है। यह जरूर है कि इस बार उत्तर भारत में ठंड थोडी देर से आई। दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक ठंड का कोई खास प्रभाव नहीं देखा गया। देखा जाए तो इस ठंड और कुहासे की हमारे कृषि तंत्र को काफी जरूरत होती है। कुहासे से गेहूं के दाने को मजबूती मिलती है। अनुमान यही है कि अभी आठ-दस दिन शीतलहर की स्थिति बनी रहेगी।

(अमरनाथ झा वरिष्ठ पत्रकार और पर्यावरण विशेषज्ञ हैं।)

अमरनाथ झा
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