आसमान से बरसती आग और बेहाल जिंदगी

समूचे देश में गरमी की लहर चल रही है। इस स्थिति से छुटकारा मिलने की अभी उम्मीद नहीं है। भारतीय मौसम विभाग ने देश के पूर्वी, मध्य व पूर्वोत्तर क्षेत्र में अगले पांच दिनों में लू चलने की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार के लिए उत्तराखंड, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरे देश के लिए येलो एलर्ट जारी किया है।

देश के बड़े हिस्से में गंभीर गरमी की स्थिति मोटे तौर पर मार्च की शुरुआत से ही है। पश्चिमी राजस्थान और महाराष्ट्र के विदर्भ में पिछले दो महीने से अधिकतम तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है।

इस वर्ष मार्च का महीना 1901 के बाद तीसरा सबसे गरम रहा है। इस महीने औसत अधिकतम तापमान 32.65 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि सामान्य अधिकतम तापमान 31.24 डिग्री सेल्सियस होता है। देश में इन दो महीनों में लू चलने के चार दौर आ चुके हैं। चौथा दौर वर्तमान में जारी है। मार्च के आरंभ से 26 दिन लू चली है। केवल कुछ दिनों के लिए थोड़ी राहत रही। अप्रैल में भी औसत अधिकतम तापमान सामान्य से काफी ऊपर रहने जा रहा है।

इस वर्ष गरमी अधिक रहने का कारण वर्षा का नहीं होना है। इस वर्ष के देश के अधिकतम हिस्से में हल्की वर्षा, आंधी व वज्रपात की घटनाएं करीब-करीब नहीं हुई हैं। आम तौर पर इस मौसम में हल्की वर्षा होती रही है। आंधी-तूफान भी आते हैं। देश में वर्षापात में सामान्य से 70.7 प्रतिशत की कमी मार्च महीने में हुई है। इस महीने में सामान्य रूप से 30.4 मिमी वर्षा होती है जबकि इस वर्ष केवल 8.9 मिमी हुई है। देश के 695 जिलों में से 231 जिलों (33 प्रतिशत) में 1 मार्च से 27 अप्रैल के बीच एकदम वर्षा नहीं हुई है, 298 जिलों में काफी कम वर्षा हुई है।

सामान्य रूप से अरब सागर से उठी पश्चिमी विक्षोभ के पूर्व दिशा में प्रवाहित होने पर दक्षिण भारत की नम हवा के संपर्क में आने पर आंधी-वज्रपात की स्थिति बनती है। वर्षा व आंधी से गरमी नियंत्रित होती है। इस साल गरमी में पश्चिमी विक्षोभ पर्याप्त ताकतवर नहीं था। मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मार्च के बाद आए पांच में से तीन विक्षोभ काफी कमजोर थे और एकदम उत्तरी क्षेत्र से होकर निकल गए जिससे मौसम पर उल्लेखनीय प्रभाव डालने में असफल रहे। हालांकि इनकी वजह से दक्षिणी व पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ इलाके में अप्रैल में थोड़ी वर्षा हुई जिससे उन इलाकों में गरमी अभी तक कुछ कम है।

लू चलने का संबंध अधिकतम तापमान से है। मैदानी इलाके में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने, तटीय इलाके में 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक और पहाड़ी क्षेत्र में 30 डिग्री सेल्सियस के अधिक तापमान होने पर लू चलती है। अर्थात लू चलने का मतलब अधिकतम तापमान का सामान्य से 4.5 डिग्री से 6.4 डिग्री सेल्सियस अधिक होना है। गंभीर लू चलने की घोषणा तापमान के 6.4 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर की जाती है। लू चलने की तीसरी शर्त किसी इलाके में किसी दिन तापमान 45 डिग्री से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच हो जाना है।

लू चलने की घटनाएं अप्रैल से जून के बीच होती हैं। इसकी गंभीरता मई महीने में सर्वाधिक होती है। आमतौर पर लू चलने का दौर चार से दस दिनों का होता है। कभी कभी यह लंबे समय तक चलती है। मई में लू का दौर अप्रैल व जून के अपेक्षा लंबा होता है। गंभीर लू से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले इलाकों में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडीसा, महाराष्ट्र के विदर्भ, पश्चिम बंगाल का गांगेय क्षेत्र, तटीय आंध्रप्रदेश और तेलांगना आते हैं।  

इस वर्ष लू का पहला दौर कच्छ-सौराष्ट्र, उत्तरी कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, पश्चिमी मध्यप्रदेश, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, ओडीसा के भीतरी इलाके में 11 मार्च  से 19 मार्च के बीच आया। दूसरा दौर 27 मार्च को आया और 12 अप्रैल तक रहा। इसका प्रभाव उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, रायलसीमा और पूर्वी मध्यप्रदेश में भी देखा गया। लू का तीसरा दौर 17 अप्रैल को आरंभ हुआ और 20 अप्रैल तक चला। इसका प्रभाव मोटे तौर पर दिल्ली, राजस्थान, पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार और विदर्भ में दिखा। चौथा वर्तमान दौर 24 अप्रैल को कच्छ-सौराष्ट्र व राजस्थान से आरंभ हुआ और इसका प्रभाव समूचे उत्तर व पश्चिमी भारत में दिख रहा है।

वर्तमान दौर के राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, मध्यप्रदेश, विदर्भ, उत्तर प्रदेश, झारखंड, गांगेय पश्चिम बंगाल के भीतरी इलाके और ओडीसा में कम से कम 1 मई तक जारी रहने की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है, फिर मामूली गिरावट आ सकती है। बिहार व छत्तीसगढ़ में लू की स्थिति में 30 अप्रैल से मंदी आ जाएगी। दूसरी ओर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मई के पहले सप्ताह में तापमान में बढ़ोत्तरी हो सकती है।

बुधवार को जारी पूर्वानुमान में मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आगामी कुछ दिनों तक लू की वजह से बीमारियां पैदा हो सकती हैं। इसलिए उसने सलाह दी है कि इस दौरान धूप में निकलने से बचें और अगर बाहर निकलना जरूरी हो तो सिर ढंककर या छाता लेकर निकलें। प्यास नहीं लगी हो तब भी काफी पानी पीएं और ढीला, हल्का, सूती कपड़ा पहनें।

(अमरनाथ वरिष्ठ पत्रकार और पर्यावरण मामलों के जानकार हैं।)

अमरनाथ झा
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अमरनाथ झा