बीएचयू: गिरफ्तार छात्र हुए रिहा, बताई आपबीती

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वाराणसी। विगत 25 दिसंबर को बीएचयू में मनुस्मृति दहन दिवस पर चर्चा करने के कारण भगतसिंह स्टूडेंट्स मोर्चा के तीन लड़कियों समेत 13 छात्र-छात्राओं को फर्जी व षड्यंत्रकारी तरीके से गंभीर धाराओं में गिरफ्तार करके जेल डाल दिया गया था।

जिसमें 16 दिन बाद जेल से सभी 13 छात्र-छात्राओं की रिहाई हो गई। इस पूरे प्रकरण को लेकर भगतसिंह स्टूडेंट्स मोर्चा और नागरिक समाज द्वारा पराड़कर भवन में एक प्रेस वार्ता की गई।

प्रेस वार्ता में छात्र-छात्राओं के केस के एडवोकेट प्रेम प्रकाश सिंह यादव ने अपनी बात रखते हुए कहा कि छात्र छात्राओं की गिरफ्तारी पूरी तरह से गैरकानूनी थी, इनकी हिरासत गैरकानूनी थी और गैरकानूनी तरीके से ही जेल भी भेज दिया।

गिरफ्तारी के समय सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार के गाइडलाइंस का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया। तीन लड़कियों को 25 दिसंबर की शाम को ही गैरकानूनी ढंग से गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन एफआईआर में 26 तारीख को दिखाया गया।

इस पूरी गैरकानूनी गिरफ्तारी में लिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की प्रक्रिया आगे की जाएगी। 

आगे बात रखते हुए संगठन की अध्यक्ष आकांक्षा आज़ाद ने कहा कि भगतसिंह स्टूडेंट्स मोर्चा पिछले 10 सालों से बीएचयू में लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए और बीएचयू प्रशासन की गलत नीतियों के खिलाफ लड़ता-बोलता रहा है।

पिछले साल जब आईआईटी बीएचयू में एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के आरोपियों को विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन संरक्षण दे रहा था।

तब इसके प्रशासन के इस रवैये के खिलाफ और पीड़िता के न्याय के लिए मुखर होकर भगतसिंह स्टूडेंट्स मोर्चा ने संघर्ष किया था। इसलिए ही तीनों दोषियों की गिरफ्तारी हुई थी। इस बदला लेने की भावना से की गई गिरफ्तारी की एक वजह यह भी थी।

नागरिक समाज की ओर से एसपी राय ने यह कहा कि आज पूरे देश में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। जब मनुस्मृति पर शोध करने के लिए विश्वविद्यालय फेलोशिप दे रहा, तो उसी विश्वविद्यालय में इस विषय पर चर्चा करना कैसे गलत हो गया!

यह विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशासन की मनुवादी सोच को दर्शाता है। नागरिक समाज छात्र-छात्राओं के साथ पूरी तरह से खड़ा है। हम इस संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए बड़े आंदोलन की तैयारी में है। 

 जेल गए सभी छात्र-छात्राओं ने अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि बीएचयू सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ हाथापाई की और गालियां दीं। फिर प्रॉक्टोरियल बोर्ड की ऑफिस में कई घंटे रखा गया।

वहां भी फर्जी केस में फंसाकर जेल में डालने की धमकी दी गई। फिर पुलिस ने गिरफ्तार कर गालियों और अभद्र भाषा में बात किया। हमारे साथ क्या हो रहा यह नहीं बताया गया। किस आरोप में गिरफ्तार किया गया यह भी नहीं बता रहे थे। मेडिकल भी सही तरीके से नहीं किया गया।

जेल में भी व्यवस्था पूरी तरह से भ्रष्ट है। एक सेल में जहां 50 लोग ठीक से सो नहीं सकते हैं, वहां 200 के करीब लोगों को रखा गया है। अगर पैसे हैं तो जेल में सारी सुविधाएं मिलेंगी लेकिन अगर पैसे नहीं है तो वहां मानसिक रूप से हर पल प्रताड़ित किया जाता है।

प्रेस वार्ता में एडवोकेट प्रेम प्रकाश सिंह यादव, नागरिक समाज की ओर से एसपी राय तथा गिरफ्तार छात्र-छात्राओं में इप्शिता, सिद्धि, कात्यायनी, संदीप, मुकेश इत्यादि शामिल रहे।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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