Friday, June 2, 2023

क्रांतिकारी कवि वरवर राव के इलाज और रिहाई के लिए इलाहाबाद में साहित्यकारों का प्रदर्शन

इलाहाबाद। तेलुगु भाषा के विश्व प्रसिद्ध क्रांतिकारी कवि वरवर राव के जेल में रहते हुए कोरोना पॉजिटिव पाए जाने को लेकर इलाहाबाद के साहित्यिक समाज ने चिंता और गुस्सा ज़ाहिर किया। सिविल लाइन स्थित महादेवी वर्मा की मूर्ति के पास इकट्ठा होकर लेखकों-कवियों ने उनके अच्छे इलाज और रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। 

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उन्होंने वरवर राव की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि सरकार जेल में बंद कर क्रांतिकारी कवि वरवर राव की हत्या की साज़िश कर रही है। कोरोना काल में जब कि जेलें खाली करने की बात की जा रही है, सरकार उन्हें अंतरिम जमानत तक नहीं दे रही है। जबकि उनकी उम्र 80 साल है, और वह पहले ही कई रोगों से ग्रस्त हैं। आखिर वही हुआ जिसका डर था। कल खबर आई कि वे कोरोना ग्रस्त हो गए हैं। 

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ऐसे समय में जब वे न्यायिक हिरासत में हैं, और उनके इलाज की ज़िम्मेदारी सरकार की है, सरकारी महकमा, उन्हें जेजे अस्पताल में छोड़ भाग खड़ा हुआ। जब उनके परिजन वहां पहुंचे तो कवि अपने पेशाब में लथपथ बेहोश बिस्तर पर पड़े थे। यह हमारे कवि को मारने की सरकारी साज़िश नहीं तो और क्या है? प्रदर्शन में शामिल कवियों ने कहा कि वरवर राव के साथ ऐसा बर्ताव भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 यानि जीवन के अधिकार की अवहेलना है। सरकार उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाकर उनकी न्यायिक हत्या कर रही है। साहित्यिक समाज के लोग सरकार के इस अमानवीय कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। और कवि वरवर राव के अच्छे इलाज और उनकी रिहाई की मांग करते हैं। 

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इलाहाबाद के ख्यतिनाम लेखकों, कवियों ने प्रदर्शन के दौरान उनकी कविताओं का पाठ भी किया और कहा कि यह सरकारी हमला सिर्फ कवि पर नहीं, बल्कि कविता पर है। उनकी कविताएं चूंकि शोषितों वंचितों की प्रेरणा का स्रोत हैं, इसलिए सरकार ऐसी कविताओं और कवियों की हत्या की साज़िश कर रही है,  प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम कवि लेखक इसकी मुखालफत करते हैं। लेखकों कवियों ने हाथ में लिए पोस्टरों के माध्यम से कहा कि भीमा कोरेगांव षड्यंत्र केस पूरी तरह फर्जी मुकदमा है, इसमें फंसाए गए आंनद तेलतुंबडे, गौतम नवलखा, 

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शोमा सेन, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा सहित सभी के सभी 11 लोग निर्दोष हैं। 

उन सभी की रिहाई न्याय व्यवस्था को कायम रखने के लिए जरूरी है।

प्रदर्शन के दौरान कवि अंशु मालवीय ने वरवर राव की तीन कविताओं – कवि, सूर्य, बसंत अकेले नहीं आता का पाठ भी किया। सभी कवि लेखक मास्क लगा कर प्रदर्शन में शामिल हुए और शारीरिक दूरी बनाते हुए प्रदर्शन किये।

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प्रदर्शन में कवि बसंत त्रिपाठी, सूर्यनारायण, अंशु मालवीय, प्रोफेसर अनिता गोपेश, इप्टा से जुड़ी अनिता त्रिपाठी, रंगकर्मी अमितेश कुमार , सीमा आज़ाद, विश्वविजय, समकालीन जनमत के संपादक के के पांडेय सहित कई कवि-लेखक शामिल थे।

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