सर्व सेवा संघ परिसर के ध्वंस के साल भर बाद भी नहीं शुरू हो सका गांधी विद्या संस्थान !

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वाराणसी। भारी बारिश के बावजूद आज यानि मंगलवार को सर्व सेवा संघ परिसर के सामने चल रहा न्याय के दीप जलाएं – 100 दिनी सत्याग्रह सातवें दिन में सर्व धर्म प्रार्थना के साथ शुरू हो गया। जिस जगह पर प्रतिदिन उपवास होता है, वहां जल जमाव होने के चलते बगल के शेड में सत्याग्रही बैठे हैं।

आज के उपवासकर्ता ओडिशा के क्योंझर जिले के निवासी तथा उत्कल सर्वोदय मंडल के संयुक्त मंत्री ललित मोहन बेहरा हैं। लोकतंत्र के लिए प्रिंसली स्टेट (ब्रिटिश सरकार के अधीन रजवाड़े) के खिलाफ चलने वाले प्रयासों के लिए जवाहरलाल नेहरू द्वारा बनाई गई कमेटी के उपाध्यक्ष एवं संविधान सभा के सदस्य रहे सारंगधर दास की स्मृतियों को संजोने के काम में वे वर्षों से लगे रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय युवा संगठन के माध्यम से अपने को गांधी विचार से जोड़ा और अब यह सिलसिला जारी है।

ललित कहते है कि दृढ़ संकल्प के बिना सत्याग्रह संभव नहीं है और कठिन से कठिन काम को सत्याग्रह के संकल्प के द्वारा हासिल किया जा सकता है। सर्व सेवा संघ परिसर की वापसी भी सत्याग्रह से होगी।

आज के सत्याग्रह में बनारस के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और समाजवादी किसान नेता चौधरी राजेंद्र भी उपवास पर बैठे हैं। यह विगत 4 दशकों से समाजवाद का पैगाम लोगों तक पहुंचा रहे हैं। वे संयुक्त किसान मोर्चा में किसान मजदूर परिषद का प्रतिनिधित्व करते हैं।

गांधी विद्या संस्थान, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को सौंपने की साजिश

28 फरवरी 2023 को गांधी विद्या संस्थान के संचालन समिति के अध्यक्ष सह वाराणसी आयुक्त कौशल राज शर्मा ने एक बैठक बुलाई। इस बैठक में कई अन्य मुद्दे भी थे परंतु इसमें मुख्य रूप से गांधी विद्या संस्थान, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को सौंपने संबंधी एजेंडा शामिल था। इस बैठक में शामिल सर्व सेवा संघ के प्रतिनिधि राम धीरज ने इस विषय पर आपत्ति जताई और कहा कि यह मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में विचाराधीन है, अतः इस पर कोई फैसला नहीं लिया जा सकता है। बैठक में ऑनलाइन शामिल आईसीएसएसआर के निदेशक ने यह जानना चाहा कि इस बाबत राष्ट्रीय कला केंद्र की ओर से कोई औपचारिक प्रस्ताव आया है, तो आयुक्त ने इस प्रकार के किसी प्रस्ताव प्राप्त होने से इंकार किया।

सवाल यह उठता है कि जब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र की ओर से कोई प्रस्ताव ही नहीं आया था तब कौशल राज शर्मा ने स्वतः या किसी के इशारे पर यह एजेंडा कैसे रखा था? इस संबंध में यह तथ्य भी दिलचस्प है कि सर्व सेवा संघ ने लिखित रूप से कई बार और इस बैठक में भी पुस्तकालय एवं जयप्रकाश अतिथि गृह के संचालन करने का प्रस्ताव रखा था, परंतु उस पर आयुक्त को विचार करने की जरूरत महसूस नहीं हुई।

यह बताना भी प्रासंगिक है कि संचालन समिति का क्षेत्राधिकार गांधी विद्या संस्थान को व्यवस्थित रूप देना था न कि इसे किसी दूसरे संस्थान को सौंप देना। आयुक्त द्वारा बुलाई गई बैठक यह एजेंडा क्षेत्राधिकार का खुला उल्लंघन है। पूरे घटनाक्रम पर नजर डालने से साजिश की बू आती है और जिसके सूत्रधार कौशल राज शर्मा हैं।

गांधी विद्या संस्थान, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को सौंपे हुए एक वर्ष से ज्यादा बीत गए परंतु आज वहां 2 गार्ड के अलावा कोई नहीं है। स्पष्ट है, कौशल राज शर्मा ने सिर्फ जमीन हथियाने के लिए गांधी विद्या संस्थान को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को अवैध रूप से सौंपा है। इस तरह इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र जमीन हड़पने का साधन बनकर रह गया और इसके अध्यक्ष व आरएसएस से संबद्ध राम बहादुर राय गांधी विचार केंद्र के ध्वंस की साजिश के टूलकिट बनकर रह गए।

ठीक सुबह 6:00 से प्रारंभ सत्याग्रह शाम 6:00 बजे सर्व धर्म प्रार्थना और दीप प्रज्वलन के साथ समाप्त हो गया। आज के सत्याग्रह में अलख भाई, प्रोफेसर विद्याधर, अशोक भारत, राम धीरज, अंतर्यामी बरल, चूड़ामणि साहू, निलेंद्री साहू, गौरांग चरण राउत, आर्यभट्ट मोहंती, सूर्य नारायण नाथ, अनिरुद्ध नायक, सूर्यकांत सेठी, मिहिर प्रताप दास, मानस पटनायक, तारकेश्वर सिंह,शिवजी सिंह आदि शामिल रहे।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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