गांधी-विनोबा-जेपी विरासत बचाओ संघर्ष समिति बनारस के हर वार्ड और गांवों में तैयार करेगी सत्याग्रही

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वाराणसी। अगस्त क्रांति के अवसर पर 9 अगस्त को पराड़कर भवन में ‘सर्व सेवा संघ’ एवं ‘लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान’ के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रतिरोध सम्मेलन संपन्न हुआ। सम्मेलन में मोदी सरकार द्वारा ‘सर्व सेवा संघ’ की जमीन और भवन को अवैध तरीके से कब्जा करने की निंदा की गई। प्रतिरोध सम्मेलन में गांधीजनों ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में चल रही संघ-भाजपा सरकार गांधी संस्थानों पर कब्जा कर गांधी विचार की हत्या करना चाहती है। जिसका देश भर में विरोध किया जाएगा।

प्रतिरोध सम्मेलन में तीन प्रस्ताव पारित किए गए। पहला, इस सत्याग्रह को सतत जारी रखा जाएगा और देशभर में अगले 1 साल में 10,000 सत्याग्रहियों की भर्ती की जाएगी। दूसरा, बनारस के 100 वार्डों और सभी विधानसभा क्षेत्र में गांधी मित्र और सत्याग्रही बनाए जाएंगे। तीसरा, लोकतंत्र की रक्षा के लिए और देश में भाईचारे को बरकरार रखने के लिए इंडिया एलायंस से संवाद बनाया जाएगा, उनसे समर्थन लिया जाएगा।

इसके साथ ही कुछ अन्य कार्यक्रम भी प्रस्तावित हैं। जिसमें ‘सर्व सेवा संघ परिसर’, राजघाट, वाराणसी के पास एकाकी प्रार्थना सत्याग्रह होता रहेगा। 16 अगस्त से सर्व सेवा संघ राजघाट, वाराणसी से एक यात्रा शुरू की जाएगी और पूरे देश भर के प्रमुख शहरों में पहुंचेगी तथा सरकार द्वारा किए गए गैरकानूनी और अलोकतांत्रिक कार्यों के बारे में बताया जाएगा। सरकार किस तरह से ‘सर्व सेवा संघ प्रकाशन’ को बंद कर के गांधी विचारों की हत्या कर रही है, पहले गांधी को मारा अब गांधी के विचारों को मारना चाहते हैं।

सम्मेलन में उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, झारखंड, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, बंगाल, उत्तराखंड, कश्मीर आदि राज्यों से आए लोगों के साथ करीब 350 से ज्यादा लोग सम्मेलन में शामिल हुए। सुबह 11 से शाम 5 बजे तक चले कल के प्रतिरोध सम्मेलन में उमड़ी भीड़ से हाल खचाखच भरा हुआ था, सीटों के भर जाने की वज़ह से मंच के दोनों तरफ लोगों को दरी बिछाकर बैठना पड़ा, काफी लोग दीवारों के सहारे घंटों खड़े रहे और कुछ लोगों को नीचे सीढ़ियों पर बैठना पड़ा।

प्रतिरोध सम्मेलन में मुख्य रूप से ‘सर्व सेवा संघ’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन पाल, सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान की अध्यक्ष आशा बहन बोथरा, सचिव प्रदीप खेलोलकर, गांधी शांति प्रतिष्ठान दिल्ली के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, लोकतान्त्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के अध्यक्ष प्रोफेसर आनंद कुमार, किसान नेता डॉ सुनीलम, पूर्व मंत्री व सांसद विजय कृष्ण, मैगसेसे पुरस्कार प्राप्त डॉ. संदीप पांडे, पर्यावरण विशेषज्ञ प्रफुल्ल कुमार सामंतरा, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष इस्लाम भाई, महाराष्ट्र सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रमेश दाने, बिहार सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष विनोद रंजन, ग्वालियर से एकता परिषद के उपाध्यक्ष रन सिंह परमार, राजस्थान से सवाई सिंह, मुंबई से फिरोज मीठी बोरवाला व गुड्डी बहन, हरियाणा से जय भगवान शर्मा, दिल्ली से अशोक शरन, शशि शेखर सिंह उपस्थित रहे, इसके अलावा अमरावती से ज्ञानेंद्र; बिहार के आरा से सुशील और अशोक मानव, पटना से दिनेश सिंह, गया से टी उपेंद्र, गाजियाबाद से डॉ. संजय शर्मा, योगेश समदर्शी, चंपारण से पंकज, गोरखपुर से लोकतंत्र सेनानी विजय सिन्हा, देवरिया से जनार्दन शाही, गाजीपुर से ईश्वर चंद, फरीद भाई, इलाहाबाद से सत्येंद्र सिंह, श्याम नारायण, लखनऊ से आलोक, उन्नाव से पुतुल, संजीव श्रीवास्तव, दिनेश प्रियमन एवं सर्वोदय साहित्य विक्रेता मंडल के अध्यक्ष नीरज अरोड़ा एवं सचिव समेत देश के अनेकों विक्रेता उपस्थित थे। सम्मेलन में युवा हुंकार के अध्यक्ष डा. संत प्रकाश, युवा हल्ला बोल के गोविंद मिश्रा आदि शामिल थे।

स्वागत वक्तव्य रामधीरज तथा धन्यवाद ज्ञापन संजीव सिंह ने किया। मंच का संचालन अरविंद अंजुम, सुशील कुमार, मंथन और शेख हुसैन ने किया। सम्मेलन में प्रस्ताव पुतुल एवं जागृति राही द्वारा रखा गया।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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