Thursday, April 25, 2024

महिला पहलवानों का आंदोलन पड़ा भारी, हरियाणा भाजपा के शीर्ष नेता आए पक्ष में

नई दिल्ली। जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों का संघर्ष जोर पकड़ता जा रहा है। देश के विभिन्न तबकों का समर्थन उसे मिल रहा है। कई शहरों में कैंडलल मार्च निकाला जा रहा है और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। किसान संगठन पहलवानों के समर्थन में एकजुट हो रहे हैं। हरियाणा की विपक्षी पार्टियां और उसके शीर्ष नेता पहले से ही पहलवानों के साथ खड़े हैं। लेकिन अब महिला पहलवानों के आंदोलन की आंच हरियाणा की भाजपा पार्टी तक पहुंचती दिखाई दे रही है। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा था कि ‘पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं।’

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने मध्यस्थता करने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा, “मैं पहलवानों का समर्थन करता हूं।” विज ने यह भी कहा, ‘जरूरत पड़ी तो मैं सरकार के उच्चाधिकारियों से बात करूंगा।’

रविवार को हिसार के एक गांव में खाप द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिसार के भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा, ‘मैं देश का अकेला भाजपा सांसद हूं, जिसने (आंदोलनकारी) पहलवानों के समर्थन में बात की है। और मैं जानता हूं कि कभी-कभी पार्टी को ऐसी चीजें पसंद नहीं आतीं। क्योंकि उसका अपना अनुशासन होता है।’

मनोहर लाल सरकार का समर्थन करने वाले एक निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि जिस व्यक्ति पर इस तरह के आरोप लगे हैं, उसे अपना बचाव नहीं करना चाहिए। बल्कि अपने इस्तीफे की पेशकश करनी चाहिए।

सत्तारूढ़ दल के नेताओं के बयान ऐसे समय में आए हैं जब पहलवानों का आंदोलन एक भावनात्मक मुद्दे में बदल गया है। खासकर हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में। जहां बड़ी संख्या में युवा खेलों में भाग लेते हैं। कई लोगों का मानना ​​है कि चूंकि इस मुद्दे में पहलवानों की सुरक्षा और सम्मान का मामाल जुड़ा हुआ है। इसलिए यदि इसे जल्दी हल नहीं किया गया तो इसके राजनीतिक परिणाम होंगे।

किसान समुदाय से बड़ी संख्या में पहलवानों के आने से किसान संगठनों और खाप पंचायतों ने सक्रिय रूप से आंदोलनकारियों का समर्थन करना शुरू कर दिया है। द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार पिछले हफ्ते महिला पहलवानों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई का हवाला देते हुए किसान संगठन इस बात की तैयारी कर रहे हैं कि यदि दिल्ली में फिर आंदोलनकारी पहलवानों पर कोई हमला हुआ,तो ये संगठन राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर देंगे। यह उसी तरह से हो सकता है जैसे जनवरी 2021 में दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर हुआ था। जब राकेश टिकैत के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा हटाने की कोशिश की गई थी। उसके बाद किसानों ने रात में सड़कों और राजमार्गों को अवरुद्ध करके किया दिया था। जब तीन कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन चरम पर था।

रविवार को पंजाब से महिलाओं का जत्था पहलवानों को समर्थन देने दिल्ली पहुंचा था। ये महिलाएं अपने किसान संगठनों के झंडे लेकर चल रही थीं। निकट भविष्य में हरियाणा और पंजाब से किसान के किसान संगठन अधिक सक्रिय भागीदारी की तैयारी कर रहे हैं। ऐसी खबरें हैं कि पहलवानों को समर्थन देने के लिए खिलाड़ियों ने भी गांवों में बैठकें की हैं। जींद, अंबाला, हिसार और कैथल समेत कई जगहों पर कैंडल मार्च निकाला गया है। विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित अधिकांश प्रदर्शनकारी पहलवान हरियाणा के हैं। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। जिन पर उन्होंने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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