लखनऊ। योगी सरकार के ‘लव-जिहाद’ कानून बनाने के फैसले के खिलाफ पर्चा बांट रही महिला संगठनों के नेताओं को पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया। शाह को हुई इस पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ राजधानी में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। सीपीआई (एमएल) इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह की गिरफ्तारी अपने मूल रूप में अलोकतांत्रिक है।
गौरतलब है कि आज शाम को लालबाग़ में विभिन्न महिला संगठनों के नेता ‘लव-जिहाद’ के खिलाफ पर्चा बांटकर लोगों में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे थे। इसके साथ ही ऐसे कानूनों के पीछे की सरकार की मंशा क्या है उसका भी पर्दाफाश कर रहे थे। सभी पर्चा बांट ही रहे थे कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और फिर उन्हें इको गार्डन ले गयी जहां से बाद में उन्हें देर शाम छोड़ दिया गया।

भाकपा (माले) के जिला प्रभारी कामरेड रमेश सिंह सेंगर ने कहा कि “सबसे पहले तो लव जिहाद जैसे शब्द का कोई अस्तित्व ही नहीं है। इस तरह का हौव्वा खड़ा करके एक समुदाय विशेष के ख़िलाफ़ नफरत फैलाना तथा महिलाओं पर पाबंदी लगाना ही सरकार का मुख्य लक्ष्य है। उससे भी महत्वपूर्ण रूप में यह कानून दो वयस्क व्यक्तियों के अपनी पसंद के हिसाब से जीवन साथी चुनने के मूल अधिकार पर ही हमला है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी अपने निर्णय में यही बात दोहराई है। ऐसे में इस तरह का कानून लाना तथा इसके खिलाफ अभियान चला रहे लोगों की गिरफ्तारी बेहद निंदनीय और अलोकतांत्रिक कृत्य है, इसकी जितनी निंदा-भर्त्सना हो उतनी कम है। इस तरह के कानून अगर पास होते हैं तो भाकपा माले बड़े जनांदोलन के लिए बाध्य होगी।”

गिरफ्तार नेताओं में ऐपवा की मीना सिंह, ऐडवा की मधु गर्ग, सुमन सिंह, महिला फेडरेशन की कांति मिश्रा तथा सामाजिक कार्यकर्ता नाइश हसन शामिल थीं।
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)