नई दिल्ली। सीपीआई एमएल ने आज पेगासस मामले की स्वतंत्र जांच और गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जंतर-मंतर पर हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।
इस मौके पर हुई सभा को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि पेगासस जासूसी कांड के खुलासे के सामने आने के बाद भारत सरकार की प्रतिक्रिया से स्पष्ट हो गया है कि वह जरूर कुछ छिपा रही है। सरकार ने इन खुलासों को सीधे सीधे ‘भारत को बदनाम करने की साजिश’ करार देते हुए कहा है कि उसने अपनी तरफ से कोई गलत काम नहीं किया है। नेताओं का कहना था कि अगर सरकार ने दूसरों के फोन हैक करने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर नहीं खरीदा है, तब उसे यह क्यों लग रहा है कि जो खुलासे सामने आये हैं वे ‘बदनाम’ करने की साजिश हैं?
नेताओं ने सवालिया लहजे में पूछा कि सरकार भ्रम फैलाने की जगह यह पता लगाने की कोशिश क्यों नहीं कर रही कि किन लोगों ने पेगासस को खरीद कर भारतीय नागरिकों की जासूसी की? अगर कोई विदेशी ताकत भारतीय नागरिकों की जासूसी करवा रही है, और भारत के संसदीय एवं विधानसभा चुनावों पर असर डालने की कोशिश कर रही है, तथा एक इजरायली कम्पनी के पास संवेदनशील पदों पर बैठे कई भारतीय नागरिकों का निजी डाटा हैं, तो निस्संदेह रूप में यह राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगाने का एक गम्भीर मामला बनता है? ऐसे में हमारी सरकार सुरक्षा में सेंध लगाने वालों की जांच कर उनकी पहचान करने से क्यों कतरा रही है?
आज जंतर-मंतर पर जुटे प्रदर्शनकारियों ने इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए, गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। साथ ही यह मांग की गई कि यह स्वतंत्र जांच समयबद्ध होनी चाहिए जिसमें मोदी सरकार, व उसके विभिन्न स्तरों के अधिकारियों से पूछताछ हो और पता चले कि पेगासस के आपराधिक इस्तेमाल के पीछे कौन कौन हैं। इस मामले में पूरा सच देश के सामने आना चाहिए।