वाराणसी। न्याय के दीप जलाएं 100 दिनी सत्याग्रह सर्व धर्म प्रार्थना के साथ आज अपने 15 वें पायदान पर पहुंच गया। झारखंड सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष शंकर राणा तथा बिहार प्रदेश लोक समिति के महामंत्री शिवजी सिंह उपवास पर बैठे हैं।
हजारीबाग जिले के निवासी शंकर राणा के सार्वजनिक जीवन की शुरुआत छात्र जीवन से ही हो गई थी। कॉलेज की समस्याओं के समाधान के लिए उनके नेतृत्व में छात्रों का आंदोलन हुआ। इसी समय वे गिरजा सतीश से प्रेरित होकर लोक समिति के संपर्क में आए।
1987 से 1996 तक उन्होंने विभिन्न विद्यालयों में शिक्षण का कार्य किया। झारखंड में लंबित पंचायती चुनाव कराने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए। बिहार एवं झारखंड में शराबबंदी के लिए चलने वाले अभियान में अपना सक्रिय योगदान दिया। झारखंड अलग राज्य आंदोलन में भी भाग लिया और हिरासत में लिए गए।
झारखंड प्रदेश लोक समिति के संयोजक के रूप में उन्होंने दो दशकों तक जिम्मेवारी निभाई।
समाजवादी चिंतक किशन पटनायक के विचार एवं व्यक्तित्व से प्रभावित होकर शिवजी सिंह का समाजवादी विचारधारा से संबंध बना। समता संगठन, किसान मजदूर आंदोलन, समाजवादी जन परिषद, स्वराज अभियान, स्वराज इंडिया जैसे सामाजिक व राजनैतिक संगठनों से जुड़कर अपना योगदान दिया।
विगत 12 वर्षों से वे लोकनायक जयप्रकाश नारायण के विचार पर आधारित लोक समिति के प्रांतीय महामंत्री के पद पर सक्रिय हैं। शिक्षा, भ्रष्टाचार, पुलिस दमन, शराबबंदी तथा किसानों के मुद्दों पर वे लगातार कार्यक्रमरत रहे हैं।
उपवास पर बैठे शंकर राणा और शिवाजी सिंह सर्व सेवा संघ परिसर पर अवैध कब्जे और ध्वस्तीकरण से अत्यंत दुखी और आहत हैं। उन्होंने कहा कि विनोबा जी और जयप्रकाश नारायण की प्रेरणा से स्थापित इस विचार प्रचार और विश्वस्तरीय शोध केंद्र को एक सुनियोजित साजिश के द्वारा बर्बाद करने का प्रयास हुआ है।
भाजपा, केंद्र सरकार, रेल और स्थानीय प्रशासन के कुछ निहित स्वार्थ के पोषक अधिकारियों की सीधी हिस्सेदारी रही है। वे इस जमीन को कब्जा कर अंततः अदानी -अंबानी की सेवा में समर्पित करना चाहते हैं।
वे साधना केंद्र को भोग केंद्र में बदलने के लिए सारे षड्यंत्र रच रहे हैं। धर्म और अध्यात्म की काशी को विकृत करना चाहते हैं। हम इसका सामना सत्याग्रह से कर रहे हैं और जरूर सफल होंगे।
सत्याग्रह स्थल से सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह ने सभी नागरिकों से 2 अक्टूबर, गांधी जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले विशेष समारोह में शामिल होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि हम गांधी को याद करते हुए उस दिन अपने संकल्प को और मजबूती प्रदान करेंगे।
अरविंद कुशवाह ने कहा कि सरकार आंदोलनों को नजरंदाज करती है। उपेक्षा और दमन सरकार के दो जनविरोधी आजमाए हुए नुस्खे हैं, लेकिन हमारे साथ जनता का नैतिक समर्थन है जो सत्ता के अहंकार को चूर कर देगी।
शाम 6:00 बजे सर्वधर्म प्रार्थना और दीप प्रज्वलन के साथ सत्याग्रह का समापन हुआ। आज के सत्याग्रह में डॉ. विश्वजीत, के पी मौर्य, बालेश्वर यादव, तारकेश्वर सिंह, संजय सिंह, जागृति राही, अजय कुमार, नंदलाल मास्टर, सुरेश सेवार्थ, आलोक साह, आलोक सहाय, अरविंद कुशवाह, रेणु पांडेय, ध्रुव भाई, भोला प्रसाद यादव, विद्याधर, अंकित सिंह, सिराज अख्तर, बुद्धिनाथ गुप्ता, डॉ. जयशंकर यादव शामिल हुए।
(प्रेस विज्ञप्ति)
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