आरएसएस ने कभी भी गांधी और गांधी विचार को पसंद नहीं किया: ईश्वर चंद्र

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वाराणसी। न्याय के दीप जलाएं- 100 दिनी सत्याग्रह आज 19 सितंबर 2024 को अपने नौवें दिन में प्रवेश कर गया। सत्याग्रह का प्रारंभ सुबह 6:00 बजे सर्व धर्म प्रार्थना के साथ हुआ। आज के सत्याग्रह में ओडिशा के पुरी जिले के 33 वर्षीय मानस पटनायक और खुर्दा जिले के 36 वर्षीय सूर्य सेठी उपवास पर बैठे हैं। अलख भाई, कृष्णा मोहंती, मिहिर प्रताप दास, फरीद आलम, ईश्वर चंद्र, अनिरुद्ध नायक, आर्यभट्ट मोहंती, ललित मोहन बेहरा, सूर्य नारायण नाथ, बिपिन बारीक तथा अंतर्यामी बरल भी सत्याग्रह में शामिल हैं।

मानस पटनायक राष्ट्रीय युवा संगठन के जरिए गांधी और सर्वोदय विचार से जुड़े। विभिन्न जन आंदोलन से भी उनका घनिष्ठ संबंध रहा है। गांधी शांति प्रतिष्ठान, गांधी स्मारक निधि, उत्कल सर्वोदय मंडल तथा राष्ट्रीय युवा संगठन जैसे गांधीवादी संगठनों में वे अपना विशिष्ट योगदान दे रहे हैं। सूर्य सेठी खुर्दा जिले के निवासी हैं और उनके सामाजिक जीवन की शुरुआत हरिजन सेवक संघ के जरिए हुई। उत्कल सर्वोदय मंडल में भी उनकी सक्रियता बनी हुई है और लोकसेवाकत्व के प्रति निष्ठावान हैं।

मानस पटनायक का कहना है कि नरेंद्र मोदी की सरकार स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए आइडिया ऑफ इंडिया की विचारधारा पर हमला कर रही है। इसी क्रम में उसने गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, जलियांवाला बाग, साबरमती आश्रम, गुजरात विद्यापीठ और अब सर्व सेवा संघ के साधना केंद्र को विरूपित और नष्ट करने का प्रयास किया है। लेकिन गांधी, विनोबा, जयप्रकाश के मूल्यों, विचारधारा और विशाल इतिहास को मिटा देना किसी तानाशाह के बस की बात नहीं है क्योंकि वे पूरी मानवता की विरासत है।

सूर्य नारायण सेठी इस बात पर दुख जताते हैं कि बनारस के साधना केंद्र को कब्जा कर सरकार ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया है। ऐसा करने के पीछे सरकार का एजेंडा स्पष्ट है। वह यहां भोग- विलास के लिए मॉल, फाइव स्टार होटल और मनोरंजन के अन्य साधन बनाना चाहती है और अंततः अडानी, अंबानी को लाभ पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह सत्याग्रह साधना केंद्र की मुक्ति के लिए तब तक जारी रहेगा जब तक की हम लक्ष्य हासिल कर नहीं लेते।

आज के सत्याग्रह प्रभारी और संपूर्ण क्रांति आंदोलन के जुझारू साथी ईश्वर चंद्र ने कहा कि आरएसएस ने कभी भी गांधी और गांधी विचार को पसंद नहीं किया है। वे हमेशा इसके खिलाफ रहे हैं और गांधी को तो मारा ही, अब वे गांधी संस्थाओं को नष्ट करना चाहते हैं। इसी क्रम में उन्होंने साबरमती आश्रम पर कब्जा किया, गुजरात विद्यापीठ को हड़पा और अन्य कई संस्थानों पर उनकी निगाहें गड़ी है।

सर्व सेवा संघ परिसर पर भाजपा सरकार का हमला आरएसएस और तानाशाही की विचारधारा से प्रेरित है। ये विचार पर हमला करते हैं, इसीलिए इनके कारिंदों ने पुस्तकालय को नष्ट किया, इसीलिए इस परिसर में आरएसएस के कब्जे में चल रहे इंदिरा गांधी कला केंद्र की घुसपैठ करा दी। समाज में अपनी स्वीकार्यता बनाए रखने के लिए आरएसएस मुखौटों का इस्तेमाल करती है किंतु एक-एक कर ये सारे मुखौटे उतर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम सत्याग्रह के द्वारा इस विचारधारा का सामना करेंगे। अभी तो हम लोग 100 दिन के सत्याग्रह पर हैं, जरूरत पड़ी तो आगे भी संघर्ष जारी रहेगा।

वरिष्ठ गांधीवादियों की उपस्थिति में आज शाम 6:00 बजे पुनः एक बार सर्वधर्म प्रार्थना और दीप प्रज्वलन के साथ सत्याग्रह संपन्न हुआ।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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