शिक्षक घोटाले के खिलाफ RYA का प्रदर्शन, न्याय मिलने तक जारी रहेगा आंदोलन

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प्रयागराज। शिक्षक घोटाले के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन के आह्वान पर इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) ने जुलूस निकाला और जिलाधिकारी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। और ज्ञापन के माध्यम से उप्र की राज्यपाल महोदया से इस मामले में दखल देने की अपील की।

इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार आरक्षण घोटाले के खिलाफ हाई कोर्ट के फैसले को लागू करने के बजाय नई चयन सूची की मांग कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज कर रही है और उन पर दमन ढा रही है।

लेकिन अभी तक आरक्षण घोटाले के एक भी दोषी को सजा नहीं दी जा सकी। यह सरकार रोजगार देने में पूरी तरह से फेल हो गई है। आरक्षण और संविधान को कमजोर करने में लगी हुई है।

भाजपा सरकार लगातार वंचित तबके पर हमलावर है और नौकरियों के साथ-साथ आरक्षण को पूरी तरह से खत्म कर देने पर आमादा है। रेल समेत विभिन्न संस्थाओं का निजीकरण करके रोजगार को खत्म कर रही है और साथ ही साथ आरक्षण को भी खत्म कर रही है। लैटरल एंट्री, एनएफएस आरक्षण खत्म करने का नया हथियार बन गया है।

आरक्षण घोटाले के खिलाफ 16 अगस्त 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की डबल बेंच ने फैसला दिया। सामान्य सीट पर अगर आरक्षित वर्ग का मेरीटोरियस कैंडिडेट सामान्य वर्ग के बराबर अंक पाता है, तो उसको सामान्य वर्ग में रखा जाएगा।

बाकी की 27% सीटों को OBC और 21% को SC से भरा जाएगा। कोर्ट ने आदेश दिया कि पुरानी चयन सूची के आधार पर वर्तमान में जो अध्यापक काम कर रहे हैं, वे अध्यापक नई चयन सूची आने के बाद बाहर होंगे। वे वर्तमान शैक्षिक सत्र तक पद पर कार्य करते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि आरक्षण घोटाले में नुकसान का आकलन किया जाए तो यह लगभग 5000 करोड़ रुपए यानि 55000 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से लगभग 19000 अभ्यर्थियों को 48 महीने का वेतन, बाकी मानसिक शारीरिक उत्पीड़न की भरपाई कैसे होगी, इसका जवाब कौन देगा।

आरवाईए के प्रदेश सह सचिव सोनू यादव ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में जिस प्रकार से दलितों-पिछड़ों-अल्पसंख्यकों के होनहारों का गला घोटा गया, यह अपने आप में आजादी के बाद का सबसे बड़ा शिक्षक भर्ती घोटाला है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का चाल-चरित्र-चेहरा, सबका साथ-सबका विकास का नारा झूठा साबित हुआ।

जिस पर मुहर संवैधानिक संस्थाओं से लेकर न्यायपालिका तक ने लगा दी है। शिक्षक भर्ती में संविधान का माखौल उड़ाया गया और कमजोर तबके के मेधावियों के साथ भेदभाव करके उनको नौकरियों से वंचित करने की एक सोची समझी साजिश के तहत तकरीबन 19000 नियुक्तियों पर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया।

उन्होंने शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला पर हाईकोर्ट के फैसले को शीघ्र लागू करने, दोषियों को सजा देने, आरक्षण घोटाले से हुए लगभग 5000 करोड़ नुकसान की भरपाई करने, इस घोटाले के जिम्मेवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की।

जुलूस में कमलेश यादव, सुजीत कन्नौजिया, सुमित गौतम, अनुराग, आशीष, प्रतीक, आलोक अंबेडकर, मनीष कुमार, भानु, शिवम, प्रतीक, प्रदीप, अनिरुद्ध, आदि शामिल रहे।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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