वाराणसी। मंगलवार को न्याय के दीप जलाएं सत्याग्रह 14 वें दिन में पहुंच गया है। सर्व धर्म प्रार्थना के साथ प्रारंभ सत्याग्रह में आज सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल एवं अनुलेखा पाल उपवास पर बैठी हैं।
पाल दंपति की 66 वर्षीया अनुलेखा पाल का परिचय सिर्फ सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन पाल की धर्मपत्नी का ही नहीं है बल्कि वे एक स्वंतत्र सामाजिक भूमिका निभाने वाली चेतनाशील व्यक्तित्व हैं। बंगाल में महिलाओं के बीच पिछले 30 सालों से काम कर रही हैं।
महिलाओं को स्वावलंबी बनाना और उनको सशक्त ढंग से समाज में स्थापित करना, इनका मुख्य काम है। वह मानती हैं कि हमारे देश की आधी आबादी जब तक सशक्त नहीं होगी, तब तक देश तरक्की नहीं कर पाएगा।
महिलाओं का संगठन खड़ा करना, घरेलू हिंसा के खिलाफ काम करना ,अनुलेखा जी अपना व्रत मानकर करती है। कस्तूरबा शांति समिति के सचिव के नाते वे यह सब करती है।
सर्वोदय आंदोलन का एक लोकसेवक के नाते समाज में गांधी, विनोबा, जयप्रकाश जी के सर्वोदय विचार को फैलाने में वे हमेशा तत्पर रहती हैं। वाराणसी स्थित सर्वोदय साधना केंद्र पर अवैध कब्जे के खिलाफ आज पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के लोकसेवक के नाते वे उपवास पर हैं।
चंदन पाल का 6 दशकों का दीर्घ सार्वजनिक जीवन मुख्य रूप से समाज में शांति स्थापित करने का रहा है। 1971 में बांग्ला देश मुक्ति संग्राम के समय शरणार्थी शिविरों में सफाईकर्मी के रूप में अपनी सेवा देने से लेकर असम के कोकराझार में भड़की हिंसा को शांत करने के लिए 5 वर्षों तक वहीं जमकर काम किया।
कोकडाझार से कश्मीर तक शांति के संदेश के साथ एक साइकिल यात्रा भी की। उन्होंने सुनामी एवं सुपर साइक्लोन से प्रभावित लोगों में राहत का काम किया।
सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने आज सत्याग्रह स्थल पर कहा कि अन्यायपूर्ण तरीके से वाराणसी में सर्व सेवा संघ के परिसर को सरकार द्वारा जबरदस्ती कब्जा कर लिया गया है और यहां के हेरिटेज बिल्डिंग को गिराया गया है।
इसी को ध्यान में रखते हुए विनोबाजी के जन्मदिन 11 सितंबर से हम लोगों ने सत्याग्रह शुरू किया है। हमारा मूल उद्देश्य है- जो गांधी विचार केंद्रों को ध्वस्त करने में लगे हैं, उनका शुभ बुद्धि जाग्रत करना। आज दुनिया को गांधी विचार ही शांति व मानवता का रास्ता दिखा सकते हैं।
इस विचार के खिलाफ जो कार्रवाई हुई है, वह कार्रवाई केवल गांधी विचार को नष्ट करने भर का नहीं है, यह तो पूरे समाज के शुभ विचार पर आघात हो रहा है। हमारी प्रेरणा महल नहीं मानवता और सद्भाव है, हम इन मूल्यों की स्थापना के लिए संकल्पबद्ध हैं, सत्याग्रहबद्ध हैं।
सर्वधर्म प्रार्थना एवं दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम संपन्न होने से पहले चुनार, मिर्जापुर निवासी एवं उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के महामंत्री राजेंद्र मिश्रा के प्रति सत्याग्रहियों ने मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित किया।
राजेंद्र जी विगत एक वर्ष से बीमार चल रहे थे और कल 23 सितंबर 2024 की दोपहर को उनका इंतकाल हो गया। राजेंद्र जी एक निर्भीक पत्रकार, लेखक, किसान नेता और अंततः एक संवेदनशील व्यक्ति थे। परिसर से उनका गहरा लगाव था और अक्सर यहां उनका आना-जाना लगा रहता था।
22 जुलाई 2023 को परिसर को अवैध तरीके से कब्जाने के प्रतिवाद में उनकी भी गिरफ्तारी हुई थी। सर्वोदय आंदोलन के एक जांबाज कार्यकर्ता की विदाई सभी के लिए दुखद है।
आज के सत्याग्रह में विश्वजीत घोड़ोई, सिस्टर फ्लोरिन, विद्याधर, नंदलाल मास्टर, डा विश्वजीत, तारकेश्वर सिंह, ध्रुव भाई, देवाशीष बेरा, राजेंद्र साह, डा राजेंद्र, राधेश्याम, कैलाश सिंह, रवि राजभर, संजय सिंह, ललित नारायण मौर्य, राजू, राहुल भारद्वाज, महेंद्र कुमार, अरविंद कुशवाह आदि शामिल हुए।
(प्रेस विज्ञप्ति)
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