अन्याय और अविचार के खिलाफ सत्याग्रह का आज 50वां दिन

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राजघाट,वाराणसी। न्याय के दीप जलाएं-100 दिनी सत्याग्रह।

गांधी विरासत को बचाने के लिए राजघाट परिसर, वाराणसी के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 50 वां दिन है। आज इस सत्याग्रह का मध्यांतर है अर्थात 50 दिन पूरे हो गए। इस 100 दिनी सत्याग्रह में अब तक उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि राज्यों की प्रत्यक्ष भागीदारी हो चुकी है। इसके अलावा कई समविचारी संगठनों ने इसमें अपनी भागीदारी निभाई है।

आज सत्याग्रह में उपवास पर मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से भूपेश भूषण और राजेश मानव बैठे हैं। भूपेश भूषण गांधी विचार की सर्वोच्च संस्था सर्व सेवा संघ के युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक एवं राजेश मानव गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

भूपेश भूषण मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के रामपुर गांव के एवं राजेश मानव मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के सीमांत गांव दरसिला के निवासी हैं। ये दोनों सामाजिक क्षेत्र में सतत साथ-साथ सक्रिय रहे हैं।

देश भर में सामाजिक कार्यों में भूपेश और राजेश की जोड़ी प्रतिष्ठित है। जहां भी समाज में अन्याय, शोषण एवं अत्याचार के विरुद्ध कोई कार्य हो या गांधी विचार के आधार पर नए मानवीय समाज निर्माण का काम हो, वहां भूपेश-राजेश न हों, ऐसा ज्यादातर नहीं होता।

किशोरावस्था में ही ये दोनो जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष गणेश शर्मा के संसर्ग में गांधी विचार से परिचित एवं प्रेरित होकर सामाजिक जीवन में सक्रिय हो गए।

राष्ट्रीय युवा संगठन के राष्ट्रीय शिविर सोमैया कॉलेज, विद्या विहार मुंबई में प्रोफेसर ठाकुरदास के आह्वान पर सर्वोदय विचार एवं कार्यपद्धति के प्रति इन दोनो ने साथ-साथ संकल्प लिया। पिछले 28 वर्षों से ये लगातार सर्वोदय के लिए समाज परिवर्तन की दिशा में अग्रसर हैं। सत्य और अहिंसा प्रेरित शिक्षण-संगठन-रचना एवं संघर्ष के हर मोर्चे में इनकी दमदार और अग्रणी भागीदारी रहती है।

इन्हें गांधी विचार के सर्वांग पक्ष को समझने में देश भर के ख्यात गांधीवादी चिंतक जैसे- कुमार प्रशांत, प्रो. ठाकुरदास बंग, नारायण देसाई, सिद्धराज ढड्ढा, अमरनाथ भाई, एस. जगन्नाथन, मनमोहन चौधरी, गंगा प्रसाद अग्रवाल, मेधा पाटकर, पी.वी. राजगोपाल, एस एन सुब्बाराव, संतोष कुमार द्विवेदी का सानिध्य एवं सहयोग प्राप्त हुआ।

इन्होंने देश के विभिन्न गांधीवादी संस्था एवं संगठनों के साथ, जैसे राष्ट्रीय युवा संगठन, गांधी स्मारक निधि, एकता परिषद, बनवासी सेवा आश्रम, कस्तूरबा ट्रस्ट, संयुक्त किसान मोर्चा, प्रगतिशील लेखक संघ में राष्ट्रीय एवं प्रांतीय पदाधिकारी एवं सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दी है।

इन्होंने उड़ीसा के साइक्लोन, गुजरात के भूकंप, तमिलनाडु के सुनामी, नेपाल के भूकंप में पीड़ितों के बीच राहत-बचाव एवं पुनर्निर्माण का कार्य किया। साथ ही अनेक राष्ट्रीय सत्याग्रह एवं अभियान में भाग लिया। “एक है धरती-एक हैं लोग” के तहत दिल्ली से अयोध्या तक जनमत संग्रह एवं जनजागरण अभियान, जल- जंगल-जमीन के मुद्दे पर “घेरा डालो-डेरा डालो” आंदोलन, आकाशकोट ग्रामस्वराज्य अभियान, आदि में इनकी अग्रणी भूमिका रही।

सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल सत्याग्रह स्थल पर कहा कि अन्याय और अविचार के खिलाफ चल रहे सत्याग्रह ने आज पचासवां दिन पूरा कर लिया है। यह सत्याग्रह केवल सर्व सेवा संघ की विरासत बचाने के लिए नहीं है बल्कि पुरखों को जो लांछित किया है और उनके बारे में झूठ फैलाया गया है, उसकी सच्चाई बताने के लिए है।

साथ ही विकास के नाम पर कॉरपोरेट पूंजी को बढ़ावा देने वाले सरकारी विनाश नीति के बारे में लोगों को जागरूक करना है। लोकतंत्र और संविधान को नष्ट करने की साजिश चल रही है, उसके बारे में भी जनता को सचेत करना है। शिक्षा के क्षेत्र में धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो काफी खतरनाक है।

सरकार की विभाजनकारी और कॉर्पोरेट परस्त नीतियों की हकीकत बताना और लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ गांधी, विनोबा जयप्रकाश के विचार को जन-जन तक पहुंचाने का यह एक प्रयास है। उन्होंने अपील किया कि किसानों को, मजदूरों को, वंचितों को न्याय मिले, इसलिए इसबार के दीपोत्सव को न्याय के दीपोत्सव के रूप में मनाएं।

आज के सत्याग्रह में उपवासकर्ता भूपेश भूषण और राजेश मानव के अलावा वरिष्ठ गांधीवादी अलख भाई, सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण के सुशील कुमार भारत जोड़ो अभियान के शाहिद कमाल, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, शक्ति कुमार,जागृति राही, सिस्टर फ्लोरिन, नंदलाल मास्टर, तारकेश्वर सिंह, सुरेंद्र नारायण सिंह, पूनम, पिंकी सिंह, चंद्रावती यादव, दुर्गा यादव, रवि प्रकाश गुप्ता, दिनेश केवट, अवधेश कुमार, हरेंद्र कुमार बिहारी, मदन सिंह यादव, अशोक यादव, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मनियारा, बलराम सेन, प्रणव सेन, लली कुमारी, प्रहलाद सिंह, ईश्वर चंद्र आदि ने शामिल होकर अपना समर्थन दिया। आज के सत्याग्रह में पश्चिम बंगाल झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की भागीदारी हुई।

(सर्व सेवा संघ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति।)

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