नई दिल्ली। जंतर-मंतर पर लंबे समय से पहलवानों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है। इस बीच सरकार के रूख और पहलवानों के हौसले में कोई फर्क नहीं पड़ा है। मोदी सरकार आरोपी को बचाने का हर यत्न कर रही है तो पहलवान आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को जेल भेजने की अपनी मांग पर अडिग हैं। पहलवानों पर जहां सरकार और प्रशासन का हर दांव बेअसर साबित हो रहा है वहीं पहलवानों की मांग के प्रति समर्थन व्यक्त करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब समर्थक बृजभूषण की गिरफ्तारी के साथ जय बजरंग बली का नारा भी लगा रहे हैं। वहां समर्थन देने आए लोगों का कहना है कि कर्नाटक में जैसे बजरंग बली भाजपा का किला ध्वस्त कर दिये उसी तरह दिल्ली में भी सरकार का गुरुर तोड़ देंगे। पहलवानों ने मंगलवार को कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर तक मार्च निकाला।
मंगलवार को पहलवानों के धरना का 24वां दिन था। यह धरना 23 अप्रैल से चल रहा है। इस बीच दिनोंदिन मौसम का मिजाज गरम होता जा है। लेकिन इसका प्रदर्शनकारियों के मिजाज पर कोई असर नहीं है। हां! मई की तपती गर्मी से बचने के लिए पहलवानों ने प्लास्टिक की एक पीली पन्नी को तान दिया है। धरना स्थल पर पहुंचने वालों को स्वयंसेवक नि:शुल्क पानी और शरबत पिला रहे हैं। सामाजिक संगठन और राजनीतिक लोग वहां पहुंचकर समर्थन में भाषण करते हैं। वकील, प्रोफेसर, छात्र-छात्राएं और एनजीओ के लोग भी वहां अपना समर्थन व्यक्त करने पहुंचते हैं। यह रोज का रूटीन वर्क है। लेकिन पिछले दो दिनों से पहलवानों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब वह रोज शाम के वक्त जंतर-मंतर से दिल्ली के किसी एक क्षेत्र तक मार्च निकालते हैं।
सोमवार को जहां पहलवानों और उनके समर्थकों ने कनॉट प्लेस के पालिका बाजार तक मार्च निकाला। सोमवार के मार्च में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर भी शामिल थे। वहीं मंगलवार को कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर तक मार्च निकाला। पहलवानों का कहना है कि हम धरना को अब जंतर-मंतर से आगे बढ़ाना चाहते हैं। उसी क्रम में यह मार्च निकाल रहे हैं।
मंगलवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद धरनास्थल पर अपने समर्थकों के साथ दोबारा आए और शाम तक रहे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज से वह भी लगातार यहीं धरनास्थल पर ही रहेंगे। उन्होंने पहलवानों से आग्रह किया कि वे 21 मई के बाद अपने आंदोलन को रामलीला मैदान ले जाकर इसे ‘बड़ा’ बनाने को लेकर फैसला करें। खाप पंचायतों ने बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर सरकार के लिए यही समय सीमा निर्धारित की है।
आजाद ने अपने भाषण में कहा, “अगर आप लोग (पहलवान और उनके समर्थक) यहां (जंतर-मंतर पर) बैठे भी रहें तो इसका सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह आपका (पहलवानों का) आंदोलन है, हम तहेदिल से आपका समर्थन करेंगे और आपकी ओर से कोई फैसला नहीं करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आपको 21 मई को निर्णय लेना होगा कि आप धरना स्थल पर बैठना चाहते हैं या इसे एक बड़ा आंदोलन बनाना चाहते हैं।’’
मौजूदा अभियान को जंतर-मंतर से कहीं बड़े स्थल रामलीला मैदान पर ले जाकर इसे ‘राष्ट्रीय आंदोलन’ बनाने के भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के सुझाव पर प्रतिक्रिया देते हुए साक्षी ने कहा, ‘‘हम आपस में चर्चा करेंगे और जल्द ही इस बारे में फैसला करेंगे।’’
पहलवानों का कहना है कि अगर बृजभूषण शरण सिंह को गिरप्तार नहीं किया गया तो अब देश के बाकी हिस्सों में प्रदर्शन करेंगे। विनेश फोगाट ने कहा, “अब ऐसा महसूस होने लगा है कि हमें जंतर-मंतर पर ही सीमित कर दिया गया है। इसलिए अब हम दूसरी जगहों पर भी प्रदर्शन करेंगे जिससे लोग हमारी स्थिति को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।”
विनेश ने समर्थन में आने वाले नेताओं से कहा कि ये हक की लड़ाई है। इसे आंदोलन कहना ठीक नहीं है। हमने 21 मई की समयसीमा तय की है। अगर तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो इसके बाद हम आंदोलन को लेकर बड़ा फैसला करेंगे। विनेश ने इस बीच कहा कि कुछ लोग उनके प्रदर्शन की छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। रोकने के बावजूद रात को आकर यहां हमारी फोटो खींच रहे हैं।
सोमवार और मंगलवार को धरनास्थल पर राजनेताओं के आने का सिलसिला शुरू हुआ। सोमवार को बीजेपी से चौधरी वीरेंद्र सिंह पहुंचे और उन्होंने महिला पहलवानों के पक्ष में बोलते हुए कहा कि इन्हें न्याय मिलनी चाहिए। जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक दूसरी बार पहलवानों के समर्थन में पहुंचे और कहा कि जब तक इन्हें न्याय नहीं मिल जाता, आता रहूंगा। उन्होंने कहा कि जिस दिन ये पहलवान कह देंगे कि उन्हें समर्थन की जरूरत है, उस दिन रामलीला मैदान भी कम पड़ जाएगा। बृजभूषण का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि बात अगर सीधे तरीके से नहीं मानी गई तो जिस बंगले में घुसने की जरूरत है, वह बंगला तो बगल में ही है।
जंतर मंतर पर धरना दे रहे खिलाड़ियों ने 23वें दिन यानि सोमवार को समर्थन जुटाने के लिए एक मोबाइल नंबर जारी किया है। पहलवान साक्षी मलिक ने 9053903100 नंबर जारी कर कहा कि लोग इस पर मिस कॉल देकर उनका समर्थन करें।
इस बीच जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों का कहना है कि रात वहां पर कुछ लोग आ जाते हैं, जो फोटो खीचने और वीडियो रिकार्डिंग करने की जिद करते हैं। कुछ तो धरना स्थल पर ही रूकना चाहते हैं। साक्षी मलिक का कहना है कि रविवार रात को एक बार फिर माहौल खराब करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि वह चिट्ठी लिखकर इंटरनेशनल ओलम्पियंस से समर्थन की मांग करेंगे और अपने प्रदर्शन को जंतर-मंतर से बाहर भी लेकर जाएंगे।
(प्रदीप सिंह की रिपोर्ट।)