राष्ट्रपति के दौरे से पूर्व प्रयागराज में युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह हिरासत में, संगठनों ने की निंदा

प्रयागराज। कल प्रयागराज में राष्ट्रपति के दौरे के पूर्व युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह की गई गिरफ्तारी पर युवा मंच ने प्रस्ताव लेकर इसे गैर लोकतांत्रिक व दमन की कार्यवाही बताते हुए कड़ी निंदा की है। लिये गये प्रस्ताव के बाबत युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि 1 सितंबर से ही प्रयागराज में प्रदेश में 5 लाख रिक्त पदों को भरने, हर युवा को गरिमापूर्ण रोजगार की गारंटी और रोजगार मिलने तक बेकारी भत्ता जैसे मुद्दों को लेकर प्रशासन द्वारा निर्धारित धरना स्थल पर शांतिपूर्ण ढंग से रोजगार आंदोलन चल रहा था। राष्ट्रपति का प्रयागराज का दौरा घोषित होने पर युवा मंच द्वारा प्रशासन से राष्ट्रपति से मुलाकात कराने का आग्रह किया था, जिससे युवा रोजगार के सवाल को हल करने के लिए राष्ट्रपति से अपील कर सकें। लेकिन प्रशासन से लगातार की गई वार्ता के बावजूद उसकी जिद धरना को रोकने की थी। ऐसे में धरना स्थगित भी कर दिया गया।

राष्ट्रपति के कार्यक्रम के दौरान किसी तरह के धरना प्रदर्शन की योजना भी नहीं थी। फिर भी यह गिरफ्तारी की गई। दरअसल यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है और दमन की कार्यवाही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में योगी सरकार अरबों रुपये खर्च कर प्रोपेगैंडा के द्वारा जनता व युवाओं को गुमराह करने की कोशिश में लगी है। इसी वजह से शांतिपूर्ण ढंग से युवाओं द्वारा अपनी मांगों को उठाने पर दमन की कार्यवाही की जा रही है। विगत 24 फरवरी को भी शांतिपूर्ण धरना देने पर जबरन रोक लगा कर छात्राओं तक की गिरफ्तारी की गई थी और पदाधिकारियों को जेल भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि योगी सरकार दमन की कार्यवाही से बाज आये और रोजगार के सवाल को हल करे, सभी रिक्त पदों पर विज्ञापन जारी करे जब तक रोजगार का सवाल हल नहीं होता तब तक शांतिपूर्ण ढंग से युवा आवाज उठाते रहेंगे और रोजगार आंदोलन जारी रहेगा।

इस बीच युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह की गिरफ्तारी को गैर लोकतांत्रिक बताते हुए आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस आर दारापुरी ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि 1 सितंबर से ही प्रयागराज में प्रदेश में 5 लाख रिक्त पदों को भरने, हर युवा को गरिमापूर्ण रोजगार की गारंटी और रोजगार मिलने तक बेकारी भत्ता जैसे सवालों को हल करने की मांगों को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे थे। इसी दरम्यान राष्ट्रपति का प्रयागराज का दौरा घोषित होने पर युवाओं ने प्रशासन से राष्ट्रपति से मुलाकात कराने का आग्रह किया था, युवा चाहते थे कि राष्ट्रपति के सामने अपनी मांगों को प्रस्तुत करें जिससे उनके सवाल हल हो सकें लेकिन प्रशासन की जिद धरना को रोकने की थी। और जब प्रशासन के भरोसे युवाओं ने अपना धरना स्थगित कर दिया तो अब उसने युवाओं पर दमनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी है।

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