नई दिल्ली। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि घावों को भरने और अमेरिका की आत्मा को फिर से बहाल करने का समय आ गया है। उन्होंने एकता पर जोर देते हुए कहा कि “मैं एक ऐसा राष्ट्रपति बनने की शपथ लेता हूं जो जोड़ना चाहता है न कि विभाजित करना। आप में से जिन लोगों ने राष्ट्रपति ट्रम्प को वोट किया है, आज की रात की निराशा को मैं समझता हूं। आइये अब एक दूसरे को मौका देते हैं। तीखे उलाहनों को हटाने, तापमान को कम करने और एक दूसरे को देखने, एक दूसरे को सुनने का एक बार फिर समय आ गया है”।
बाइडेन जीत के बाद अमेरिकी जनता को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ विजयी उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस भी थीं। कमला भारतीय मूल की उप राष्ट्रपति बनने वाली पहली शख्स हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वह अमेरिकी लोगों द्वारा उनमें विश्वास जताने के लिए बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह ‘सभी अमेरिकियों के राष्ट्रपति होंगे- आप ने मुझको वोट किया हो या नहीं।’
कमला हैरिस ने अपने विजयी भाषण की शुरुआत दिवंगत कांग्रेस प्रतिनिधि और सिविल राइट्स नेता जॉन लेविस को कोट करते हुए कहा कि “लोकतंत्र एक स्थिति नहीं है और यह एक कार्यवाही भी नहीं है।” इस मौके पर उन्होंने अपनी मां को भी याद किया। उन्होंने कहा कि “भले ही इस दफ्तर में मैं पहली महिला हूं, लेकिन आखिरी नहीं।” उन्होंने आगे कहा कि “इस चुनाव में जब हमारा खुद लोकतंत्र ही बैलेट पर चला गया था और अमेरिका की आत्मा तक दांव पर लग गयी थी और पूरी दुनिया देख रही थी तब आपने अमेरिका के लिए एक नई दुनिया खोल दी।”
बाइडेन की जीत तीन दिनों की अनिश्चितता के बाद आयी है। इस बीच राष्ट्रपति ट्रम्प लगातार चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर पुरी चुनाव प्रक्रिया को ही खारिज कर रहे थे। यहां तक कि उन्होंने एक राज्य में मतगणना रोकने के लिए कोर्ट का दरवाजा तक खटखटाया। लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली। बाद में देश को संबोधित करते हुए जब वह गलत और झूठी बातें करने लगे तब सारे स्थापित चैनलों ने उनके भाषण को बीच में ही रोक दिया और उनके द्वारा बोले गए झूठ और गलत तथ्यों की अपने दर्शकों के सामने व्याख्या की। इस बीच, बताया जा रहा है कि ट्रम्प ने अभी भी अपनी हार नहीं मानी है। उन्होंने कहा है कि अभी चुनाव खत्म नहीं हुआ है। वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक कि अमेरिकी लोगों के वोटों की ईमानदारी से गिनती नहीं हो जाती है। जिसकी लोकतंत्र मांग करता है और जनता उसके लायक है।
बाइडेन ने कहा कि हमें अमेरिका की आत्मा को फिर से बहाल करना है। उन्होंने कहा कि आज की रात पूरी दुनिया अमेरिका को देख रही है और मेरा मानना है कि अपनी पूरी बेहतरी के साथ अमेरिका दुनिया की मशाल है। हम न केवल अपनी शक्ति के उदाहरण के जरिये इसका नेतृत्व करेंगे बल्कि उदाहरण की शक्ति के जरिये भी करेंगे।
बाइडेन ने अपनी प्राथमिकताओं में सबसे पहली घोषणा कोरोना महामारी को लेकर की है। उन्होंने कहा कि सोमवार को मैं नेतृत्वकारी वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के एक संक्रमणकालीन सलाहकार समूह को नामित करूंगा। मैं इस महामारी को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। और ऐसा करने के लिए कोई भी प्रयास नहीं छोडूंगा। उन्होंने कहा कि वह सोमवार को 12 सदस्यीय एक टास्क फोर्स का गठन करेंगे। टास्क फोर्स में डिप्टी चेयरमैन के तौर पर पूर्व सर्जन जनरल विवेक मूर्ति, पूर्व फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कमिश्नर डेविड केसलर और याले विश्वविद्यालय में पब्लिक हेल्थ की एक प्रोफेसर मार्सिला नुनेज स्मिथ शामिल होंगी।
इसके साथ ही उन्होंने अपने परिवार और पत्नी और मार्क को पहली अफ्रीकी अमेरिकी उप राष्ट्रपति जो भारतीय मूल से भी हैं, के साथ काम करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि जब पहली बार उन्होंने अपने परिवार से भारतीय मूल की कमला हैरिस के अपने उप राष्ट्रपति उम्मीदवार होने की बात बतायी तो उनकी पहली प्रतिक्रिया थी कि “हमें मत बताओ यह अमेरिका में कतई संभव नहीं हो सकता है।” बाइडेन के इस बयान के बाद लोग खुशी से चिल्लाने लगे और अपने कारों के हार्न बजाने लगे।
उन्होंने कहा कि “दोस्तों, इस राष्ट्र के लोगों ने बोल दिया है।” हम लोग अब तक हुई जीतों में सबसे ज्यादा वोट हासिल किए हैं। इस देश के लोगों ने भीषण जीत दी है। एक जीत जो हम लोगों के लिए है।
इसके 48 साल पहले वह पहली बार अपने गृह राज्य डेलवेयर से सीनेटर चुने गए थे।
(ज्यादातर इनपुट इंडियन एक्सप्रेस और गार्जियन से लिए गए हैं।)