नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि आरएसएस और भाजपा भारत में राजनीति के सभी उपकरणों को नियंत्रित कर रहे हैं। अमेरिका में कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में प्रवासी भारतीयों की एक सभा को संबोधित करते हुए, वायनाड के पूर्व सांसद ने “भारत जोड़ो यात्रा” शुरू करने से पहले की परिस्थितयों पर कहा, मैंने महसूस किया कि राजनीति में ऐतिहासिक रूप से उपयोग किए जाने वाले सामान्य उपकरण अब काम नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि “यात्रा शुरू करने के पहले हम पा रहे थे कि सामान्य उपकरण जो हम राजनीति के लिए इस्तेमाल करते थे … सार्वजनिक बैठकें, जनसभा अब काम नहीं कर रही थीं। भारत में राजनीति करने के लिए हमें जितने भी उपकरणों की जरूरत थी, उन पर बीजेपी और आरएसएस का नियंत्रण था”।
भारत में राजनीतिक परिदृश्य के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत में लोगों को धमकाया जाता है और उन पर एजेंसियों का इस्तेमाल किया जाता है। “तो हम यह भी पा रहे थे कि किसी तरह राजनीतिक रूप से कार्य करना कठिन हो गया था और इसलिए हमने भारत के सबसे दक्षिणी सिरे से श्रीनगर तक चलने का फैसला किया”।
प्रत्येक दिन हम 25 किमी चलते थे। शुरू में लगा कि हम यात्रा पूरी नहीं कर सकते। क्योंकि मेरे घुटने की पुरानी चोट दर्द करने लगी थी। फिर 5-7 दिन बाद हमने साथ चल रहे लोगों से पूछा- क्या थकान हो रही है, लोगों ने कहा कि नहीं। दरअसल, हम लोगों के साथ पूरा देश चल रहा था। सब लोग एक दूसरे के साथ चल रहे थे और एक दूसरे से जुड़ाव महसूस कर रहे थे। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मैंने पाया कि भारत के लोगों में बहुत प्यार स्नेह की भावना है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक कई लाखों लोग मिले, जिनमें नफरत को लेकर दुख है। उन्हें विश्वास नहीं होता है कि कैसे भारत में नफरत बढ़ रही है। दक्षिण भारत के एक कोने से शुरू करके हमने श्रीनगर तक यात्रा निकाली। नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली। राहुल ने आगे कहा कि मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि जैसा आप महसूस करते हैं वैसे ही सारे समुदाय महसूस कर रहे हैं।
यात्रा में हमसे जिन लोगों से मुलाकात हुई, सबकी बात को सुना, सम्मान के साथ सुना, किसी के साथ आक्रामक व्यवहार नहीं अपनाया। सरकार ने यात्रा को रोकने की भरसक कोशिश की। पुलिस लगाया लेकिन लोगों के सहयोग से यात्रा नहीं रूकी।
गांधी ने यह भी कहा कि भारत जोड़ो यात्रा उस भौगोलिक क्षेत्र को बुनने के बारे में नहीं है जिसे भारत कवर करता है, “भारत जोड़ो यात्रा आपके दिलों में है।” यह रेखांकित करते हुए कि भारत जोड़ो सभी धर्मों का सम्मान करने और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के बारे में है, उन्होंने कहा कि भारत के सभी महान नेताओं ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि किसी को भी इस धारणा के तहत नहीं रहना चाहिए कि वह सब कुछ जानता है।
उन्होंने कहा, “गुरु नानक जी, वासवन्ना जी, गांधी जी जैसे नेताओं ने यह कभी नहीं कहा कि वह सबकुछ जानते हैं। यह दुनिया इतनी बड़ी है कि किसी भी व्यक्ति के लिए यह सोचना बहुत जटिल है कि वह सब कुछ समझता है और वह सब कुछ जानता है।”
इसे बीमारी करार देते हुए राहुल गांधी ने कहा, “यही बीमारी है.. कि हमारे पास भारत में ऐसे लोगों का समूह है, जिन्हें पूरा यकीन है कि वे सब कुछ जानते हैं। मुझे लगता है कि उन्हें लगता है कि भगवान से ज्यादा जानते हैं। वे भगवान के सामने बैठकर उन्हें भी समझा सकते हैं कि क्या चल रहा है। पीएम मोदी भी उनमें से एक हैं। राहुल ने कहा, मुझे लगता हैं कि पीएम मोदी से कहा जाए कि वे भगवान के सामने बैठ जाएं, तो वे भगवान को समझाने लगेंगे कि ब्रह्मांड में क्या चल रहा है। भगवान भी भ्रमित हो जाएंगे कि उन्होंने क्या बनाया है। भारत में यही चल रहा है। भारत में कुछ लोग ऐसे हैं, जो सबकुछ जानते हैं। जब वे वैज्ञानिक के पास जाते हैं, तो उन्हें विज्ञान के बारे में बताते हैं, जब वे इतिहासकार के पास जाते हैं, तो उन्हें इतिहास के बारे में बताते हैं। आर्मी को युद्ध के बारे में, एयरफोर्स को उड़ने के बारे में सबको सबकुछ बताते हैं।
सवाल-जवाब सत्र में राहुल गांधी ने कहा कि, भारत ने हर किसी का स्वागत किया है। भारत ने हर विचार को स्वीकार किया किसी भी विचार को खारिज नहीं किया। इस दौरान राहुल गांधी ने लोगों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी की मीटिंग में सवालों का जवाब नहीं दिया जाता।
भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले की घटनाओं पर राहुल गांधी ने जवाब देते हुए कहा कि मैं कह सकता हूं कि ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ से ही इसे रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे अच्छा तरीका और कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह मुसलमानों पर हमला हो रहा है और वह जो महसूस कर रहे हैं। मैं गारंटी दे सकता हूं कि सिख, ईसाई, दलित, आदिवासी भी ऐसा ही महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत में मुस्लिमों के साथ जो हो रहा है वहीं, 1980 के दशक में यूपी में दलितों के साथ हुआ था। राहुल ने आगे कहा कि नफरत को नफरत से नहीं काटा जा सकता है। बल्कि नफरत को प्यार से दूर किया जा सकता है।
तमिल भाषा पर सवाल पूछने पर राहुल गांधी ने कहा कि संविधान के अनुसार भारत राज्यों का संघ है। हर राज्य को अपनी भाषा-संस्कृति के संरक्षण का अधिकार है। मैं ये नहीं चाहता कि तमिल या बंगाली या किसी भी भारतीय भाषा को खतरा पहुंचाया जाए।
सामाजिक और आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए कांग्रेस के पास क्या योजना है, का जवाब देते हुए राहुल गांधी जातिगत जनगणना कराने की बात कही। उन्होंने कहाकि इससे पूरे देश के लोगों की संख्या और स्थिति का पता चल जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा और हर व्यक्ति के लिए न्यूनतम आय की योजना पर जोर दिया।
(जनचौक की रिपोर्ट।)