नई दिल्ली। वाशिंगटन पोस्ट ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। जिसमें कहा गया है कि कनाडा मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का सीधे नाम आ रहा है। और सब कुछ उन्हीं के निर्देश पर किया गया है।
वॉशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक कनाडाई अधिकारियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ जानकारी साझा की थी। जिसमें कहा गया था कि गृह मंत्री अमित शाह और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानि रॉ के एक शीर्ष अधिकारी ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक व्यक्तियों पर हमले और खुफिया जानकारी जुटाने का निर्देश दिया था।
कनाडाई अफसरों द्वारा इंटरसेप्ट की गई भारतीय राजनयिकों की बातचीत में “भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी और रॉ के एक वरिष्ठ अधिकारी” का उल्लेख था।
पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार कनाडाई अधिकारियों ने उस “वरिष्ठ अधिकारी” की पहचान अमित शाह के रूप में की। पोस्ट का कहना था कि सरकार से जब इन आरोपों के बारे में बात की गयी तो उसने इस पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
इसके साथ ही सोमवार को, कनाडा के अफसरों ने कम से कम छह ऐसे मौजूदा भारतीय राजनयिकों को चिन्हित किया जिनका इस मामले में सीधा हाथ था। बाद में कनाडाई सरकार ने उन्हें अपने देश से निष्कासित भी कर दिया।
इन सारे लोगों पर कनाडा में हिंसा की घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। हालांकि मोदी सरकार लगातार इन घटनाओं में खुद के शामिल होने से इंकार कर रही है।
सोमवार को एक बार फिर उसने इस आरोप को अतार्किक करार दिया और पूरी “दृढ़ता से” इसे खारिज कर दिया। उसका कहना था कि यह राजनीतिक लक्ष्य से प्रेरित है।
कनाडा द्वारा अपने राजनयिकों के निष्कासन के बाद भारत सरकार ने उसका तुरंत जवाब दिया और उसने भी सोमवार यानि 14 अक्टूबर को छह कनाडाई राजनयिकों को अपने यहां से निष्कासित कर दिया।
उसी दिन सोमवार को रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने सार्वजनिक रूप से भारत पर गंभीर आरोप लगाया था। जिसमें उसका कहना था कि भारतीय सरकारी एजेंट कनाडा में होने वाली कई हिंसक घटनाओं में शरीक थे।
आरसीएमपी की ब्रीफिंग के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सिंगापुर में 15 अक्टूबर को भारत सरकार के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके कनाडाई समकक्ष के बीच इस मामले पर हुई बैठक और उसमें हुई बातचीत का उल्लेख किया।
वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक कनाडाई अधिकारियों ने सिंगापुर की बैठक में डोभाल को इसकी पूरी जानकारी दस्तावेजों के साथ दी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक “कनाडाई अधिकारियों ने गृहमंत्री अमित शाह और अन्य साक्ष्यों से संबंधित सारी जानकारी अजीत डोभाल को सिंगापुर में शनिवार को हुई उस गुप्त बैठक में साझा की थी।
बैठक में जिन अधिकारियों ने भाग लिया उनमें कनाडाई अधिकारियों में ट्रूडो के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नथाली ड्रॉइन, उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन और आरसीएमपी के एक शीर्ष अधिकारी शामिल थे।” रिपोर्ट में डोभाल की तरफ से इस बैठक में की गयी कार्रवाइयों और टिप्पणियों का भी विस्तार से उल्लेख किया गया है।
दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में विश्नोई गैंग का भी नाम आ रहा है। आरसीएमपी ने आरोप लगाया है कि बिश्नोई गैंग उस कड़ी का हिस्सा था, जो सरकारी एजेंटों से जुड़े थे और कनाडा में हिंसक कृत्यों को अंजाम दे रहे थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस गैंग के सैकड़ों सदस्य हैं, और इसका नेतृत्व 31 वर्षीय लॉरेंस बिश्नोई कर रहा है, जो 2015 से जेल में है। आपको बता दें कि हाल ही में बिश्नोई गैंग का नाम महाराष्ट्र के राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में भी सामने आया है। बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर की रात को हत्या कर दी गयी थी।
आरसीएमपी के आरोपों ने इस गैंग को कनाडा में हिंसा और भारतीय सरकारी एजेंटों के साथ जोड़कर एक नई परत दी है, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
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