नई दिल्ली। जामिया नगर इलाके में बीती रात एक और फायरिंग हुई है। घटना रात में तकरीबन 12.20 पर घटित हुई। बताया जा रहा है कि एक स्कूटर पर सवार दो लोगों ने उतर कर फायरिंग की। दोनों हेल्मेट पहन रखे थे लिहाजा उनकी पहचान नहीं हो सकी। घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। जामिया-शाहीन बाग इलाके में फायरिंग की यह तीसरी घटना है।
पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। घटना के बाद जामिया में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने जामिया थाने का घेर लिया।
जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक घटना जामिया मिलिया इस्लामिया के गेट नंबर 5 पर घटित हुई। कमेटी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि उनमें से एक ने लाल जैकेट पहन रखी थी। और वे लाल स्कूटर पर सवार थे। बयान में कहा गया है कि कोई घायल नहीं हुआ।
घटना स्थल पर मौजूद मोहम्मद प्रफुल्ल (25) ने बताया कि दो आदमी स्कूटर पर सवार थे और उन्होंने हेल्मेट पहन रखा था। जामिया में टीवी पत्रकारिता के इस छात्र ने बताया कि स्कूटर पर सवार दोनों शख्स उतरे और उनमें से एक ने फायरिंग की। उन लोगों ने कोई नारेबाजी नहीं की।
इसके अलावा एक दूसरे छात्र फैजान ने बताया कि आधी रात को दो लोग आए और उन्होंने फायरिंग की शुरू कर दी। उसने बताया कि जहां यह घटना घटी उससे मैं 20 मीटर की दूरी पर था।
घटना के बाद भीड़ थाने पर इकट्ठा हो गयी। थाने के इंस्पेक्टर ने बताया कि जैसे ही घटना की सूचना मिली एसएचओ मौके पर रवाना हो गए। उनको घटनास्थल से कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि गवाहों के बयानों के आधार पर पूरे मामले को दर्ज किया जा रहा है और उसकी जांच की जा रही है।
घटना को देखने का दावा करने वाली आयशा नाम की एक और छात्रा ने बताया कि ‘हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। जैसे ही हम गेट नंबर 8 के करीब पहुंचे। एक गोली चली। हर कोई उस शख्स के पीछे दौड़ना शुरू कर दिया लेकिन वह भाग गया। कुछ समय के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची।’

उसके बाद जामिया नगर के एसएचओ उपेंदर सिंह ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि वह रात भर अब वहीं रुकेंगे और कोई भी घटना नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि चेकिंग के लिए दो पिकेट लगातार 8 घंटे काम कर रहे हैं। ….उन्होंने छात्रों को बताया कि तुम लोगों ने गाड़ी का नंबर बताया है और हम उसकी जांच कर रहे हैं।
इसके पहले कल शाहीन बाग में दिन भर अफरातफरी मची रही। हिंदू सेना और संघ से जुड़े तमाम कार्यकर्ता वहां प्रदर्शन करते रहे। उनका कहना था कि उस सड़क को खाली कराया जाना चाहिए क्योंकि उस रास्ते से आने जाने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। हालांकि माना जा रहा है कि यह बीजेपी की तरफ से प्रायोजित प्रदर्शन था।
और दिल्ली के चुनाव में बीजेपी अपने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के मंसूबों से इन प्रदर्शनों को आयोजित की थी। अच्छी बात यह रही कि तमाम आशंकाओं के विपरीत कोई अनहोनी नहीं घटी। और शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी बिल्कुल शांत रहे और बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने मामले पर नियंत्रण में बनाए रखा।
दो दिन पहले से ही लोग इस बात को लेकर आशंकित थे कि घटना कोई बड़ा रूप ले सकती है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। और सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से निपट गया।
(इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट पर आधारित।)